Negligence of Bareillys hospital : कोरोना संक्रमित की मौत हुई 22 अप्रैल को, अस्पताल ने मृत्यु प्रमाण पत्र दिया 21 अप्रैल का
Negligence of Bareillys hospital अस्पतालाें में कोविड मरीजों को सिर्फ इलाज ही देरी से नहीं मिल रहा है। मृत्यु प्रमाणपत्र के लिए उन्हें परेशान होना पड़ रहा है। एक मेडिकल कॉलेजमें 18 दिन तक चक्कर कटवाने के बाद मृत्यु प्रमाणपत्र दिया गया लेकिन मृत्यु की तारीख गड़बड़ कर दी।
बरेली, जेएनएन। Negligence of Bareillys hospital : अस्पतालाें में कोविड मरीजों को सिर्फ इलाज ही देरी से नहीं मिल रहा है। मृत्यु प्रमाणपत्र के लिए भी उन्हें परेशान होना पड़ रहा है। ताजा मामला एक मेडिकल कॉलेज का है। जहां कोविड मरीज की मृत्यु होने के बाद शव परिवार को दिया। इसके बाद 18 दिन तक चक्कर कटवाने के बाद मृत्यु प्रमाणपत्र दिया गया, लेकिन मृत्यु की तारीख में गड़बड़ी हो गई। 22 अप्रैल को कोविड मरीज की मृत्यु हुई थी, लेकिन प्रमाणपत्र में 21 अप्रैल को दिखाई गई।
डीडीपुरम में रहने वाली कृष्णा देवी के मुताबिक उनके दामाद अवधेश कुमार पंजाब नेशनल बैंक कैंट शाखा में सहायक मैनेजर थे। 21 अप्रैल सुबह 11 बजे पीलीभीत रोड के एक मेडिकल कॉलेज में उनका एडिशन हुआ था। इलाज के दौरान रात में उनसे मोबाइल से बात हुई। रात दो बजे उन्होंने पानी मांगा था। एक गार्ड को पैसा देकर अंदर मरीज तक पानी भिजवाया गया था। उनकी मृत्यु सुबह 22 अप्रैल सुबह पांच बजे हुई थी। इसके बाद 18 दिन तक भटकाने के बाद मृत्यु प्रमाणपत्र दिया गया। लेकिन वह भी 21 अप्रैल का दिया गया। अब फिर परिवार मृत्युप्रमाण को ठीक कराने के लिए परेशान हो रहा है।