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अस्पताल में एंबुलेंस नहीं मिली तो कोरोना संक्रमित विधायक छत्रपाल गंगवार ई-रिक्शा से ही पहुंच गए घर

कोरोना संक्रमण काल में सरकारी अस्पतालों में आम जनता के साथ क्या व्यवहार होता होगा इसका आभास सत्ता पक्ष के जनप्रतिनिधि के साथ हुए घटनाक्रम से लगा लीजिए। शुक्रवार को संक्रमित मिले बहेड़ी विधायक को होम आइसोलेशन में भेजने के लिए एंबुलेंस का इंतजाम नहीं किया गया।

By Samanvay PandeyEdited By: Published: Sat, 17 Apr 2021 09:10 AM (IST)Updated: Sat, 17 Apr 2021 09:10 AM (IST)
अस्पताल में एंबुलेंस नहीं मिली तो कोरोना संक्रमित विधायक छत्रपाल गंगवार ई-रिक्शा से ही पहुंच गए घर
पंचायत चुनाव निपटने के बाद पार्टी महामंत्री के साथ जांच कराने पहुंचे थे भाजपा विधायक।

बरेली, जेएनएन। कोरोना संक्रमण काल में सरकारी अस्पतालों में आम जनता के साथ क्या व्यवहार होता होगा, इसका आभास सत्ता पक्ष के जनप्रतिनिधि के साथ हुए घटनाक्रम से लगा लीजिए। शुक्रवार को संक्रमित मिले बहेड़ी विधायक को होम आइसोलेशन में भेजने के लिए एंबुलेंस का इंतजाम नहीं किया गया। वह ई रिक्शा पर बैठकर घर चले गए। इस पर डाक्टर ने यह कहकर पल्ला झाड़ लिया कि विधायक ने एंबुलेंस की मांग ही नहीं की। जबकि पार्टी पदाधिकारियों ने कहा कि विधायक के प्रोटोकाल का ध्यान नहीं दिया गया।

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गुरुवार को पंचायत चुनाव खत्म होने के बाद शुक्रवार को बहेड़ी विधायक छत्रपाल गंगवार को तबीयत कुछ खराब महसूस हुई। दोपहर को वह नगर महामंत्री अरुण गंगवार के साथ बाइक से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे। दूसरी बाइक पर विधायक प्रतिनिधि सुरेश गंगवार थे। वहां तीनों लोगों ने अपनी कोरोना जांच कराई। जिसमें विधायक छत्रपाल गंगवार और अरुण गंगवार पॉजिटिव मिले। चूंकि अधिक लक्षण व कोई परेशानी नहीं थी, इसलिए दोनों लोगों ने होम आइसोलेशन की बात कही। इसके बाद बात करते हुए अस्पताल के बाहर आ गए। बाइक वहीं छोड़कर एक ई रिक्शा बुलाया और पिछली सीट पर बैठकर घर चले गए। शाम को उन्होंने ट्वीट कर खुद के संक्रमित होने की जानकारी दी।

पार्टी नेताओं ने जताई नाराजगी

विधायक संक्रमित मिले तो एंबुलेंस से घर क्यों नहीं भेजा गया, ई रिक्शा से क्यों आए। इस पर भाजपा महामंत्री अरुण कुमार का कहना था कि विधायक ने अपनी तरफ से एंबुलेंस की मांग नही की, मगर चिकित्सा अधीक्षक को इस बारे में सोचना चाहिए था। विधायक को प्रोटोकाल नहीं दिया गया। चिकित्सा अधिकारी डा. रोहन के सामने वह ई रिक्शा पर बैठ रहे थे, इसके बावजूद उन्होंने एंबुलेंस बुलवाने की बात नहीं की। इस बाबत विधायक छत्रपाल गंगवार को कई बार फोन लगाया, मगर उनका नंबर बंद था।

क्या कहता है स्वास्थ्य विभाग

जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. आरएन सिंह का कहना है कि बिना लक्षण वाले संक्रमित निजी संसाधन से भी घर जा सकते हैं। शर्त है कि वे वाहन की पिछली सीट पर बैठेंगे और मुंह पर मास्क जरूर लगाएंगे। जरूरत पडऩे पर मरीज को एंबुुलेंस भी दी जानी चाहिए।सीएचसी बहेड़ी के भारी चिकित्सा अधीक्षक डा. रोहन ने बताया कि विधायक ने यदि एंबुलेंस के लिए कहा होता तो इंतजाम करा दिया जाता। उन्हेें छोडऩे के लिए अस्पताल गेट तक गया था। वह खुद ई रिक्शा में बैठकर चले गए। विधायक प्रतिनिधि सुरेश गंगवार ने बताया कि विधायक छत्रपाल अपनी तरफ से एंबुलेंस के लिए क्यों कहते। प्रोटोकाल ध्यान में रखते हुए अस्पताल प्रशासन को एंबुलेंस का इंतजाम करना चाहिए था, मगर नहीं हुआ।


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