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लोकसभा चुनाव नजदीक आता देख सांसदों को विकास कार्यो की फिक्र सताने लगी

लोकसभा चुनाव नजदीक आता देख सांसदों को विकास कार्यो की फिक्र सताने लगी। चिंता इस बात की भी है कि कार्यकाल पूरा होने पर अधूरे काम रह गए तो जनता नाराज हो सकती है।

By Edited By: Published: Sun, 18 Feb 2018 03:10 AM (IST)Updated: Sun, 18 Feb 2018 10:48 AM (IST)
लोकसभा चुनाव नजदीक आता देख सांसदों को विकास कार्यो की फिक्र सताने लगी
लोकसभा चुनाव नजदीक आता देख सांसदों को विकास कार्यो की फिक्र सताने लगी
जागरण संवाददाता, बरेली : लोकसभा चुनाव नजदीक आता देख सांसदों को विकास कार्यो की फिक्र सताने लगी। चिंता इस बात की भी है कि कार्यकाल पूरा होने पर अधूरे काम रह गए तो जनता नाराज हो सकती है। ऐसी स्थिति नहीं आए इसलिए उन्होंने अफसरों को कसा। विकास भवन में हुई सांसद-विधायक निधि योजना की बैठक में कहा कि उनकी निधि से जो काम होने हैं, उन्हें जल्द कराया जाए। केंद्रीय मंत्री एवं बरेली के सांसद संतोष गंगवार ने कहा कि कार्यकाल का यह आखिरी साल है। जारी धनराशि के सापेक्ष प्रगति कम होने के लिए अधिकारी जिम्मेदार हैं। अभी पिछले कार्य तक रुके हुए हैं, नए कराना बाकी हैं इसलिए अफसर सक्रियता लाएं। आंवला सांसद धर्मेद्र कश्यप ने इस पर नाराजगी जताई कि उनकी निधि के कई कार्य अब तक शुय नहीं हो सके। बोले कि इसी माह वह 10 करोड़ की लागत तक के कई विकास कार्यो का प्रस्ताव भेजेंगे। गुणवत्तापरक निर्माण कार्य नहीं मिलने पर कार्रवाई की संस्तुति की जाएगी। अगली बैठक सिर्फ हमारी हो केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार बोले कि विधायकों के पास अभी चार साल का समय है, लेकिन हमारे पास सिर्फ यही आखिरी साल बचा है। ऐसे में हमारी अगली बैठक जल्द बुलाएं, निधि से कराए जाने वाले कार्यो पर चर्चा करें। हालांकि, इस दौरान मौजूद विधायकों ने भी अपने अपने क्षेत्रों के विकास कार्यो को कराने और प्रस्तावों को जल्द भेजने की बात सीडीओ से कही। सीडीओ ने विकास भवन से काम कराने वाली कार्यदायी संस्थाओं व उनके कार्यो की जानकारी दी। बैठक में नबावगंज विधायक केसर सिंह, बहेड़ी विधायक छत्रपाल, भोजीपुरा विधायक बहोरन लाल मौर्य, बिथरी विधायक राजेश मिश्रा उर्फ पप्पू भरतौल मौजूद रहे। बैठक का यह था एजेंडा सांसद निधि के वित्तीय वर्ष 2015-16 में अभी तक शुरू नहीं हो सके कार्यो के साथ सत्र 2016-17, 2015-18 में सांसद व विधायक निधि के स्वीकृत कार्यो पर चर्चा की गई। इसके अलावा सांसद निधि में व्यय की गई धनराशि के उपयोग का प्रमाण पत्र और पोर्टल पर अपलोड नहीं होने पर अधिकारियों के साथ मंथन किया गया। सांसद निधि की स्थिति मंत्री संतोष गंगवार ने वित्तीय वर्ष 2015-16 में 135 विकास कार्य का प्रस्ताव भेजा। दो कार्य शुरू नहीं हुए, 23 पर काम चल रहा। जबकि निर्माण के लिए 7 करोड 7 लाख 88 हजार 500 सौ रुपए उनकी निधि से स्वीकृत हो चुके हैं। इसमें से महज 6 करोड़ 80 लाख 20 हजार रुपए जारी हुए है। 6 करोड़ 41 लाख 79 हजार 3 सौ रुपए खर्च हो गए हैं। केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार ने वित्तीय वर्ष 2016-17 में 49 विकास कार्य का प्रस्ताव भेजा। इनमें से नौ शुरू नहीं हो सके हैं। निर्माण के लिए 2 करोड़ 46 लाख 26 हजार 4 सौ रुपए स्वीकृत हो चुके है। इसमें 1 करोड़ 96 लाख 10 हजार सौ रुपए जारी भी हो गए है जबकि 10 करोड़ 4 लाख 32 हजार रुपए ही खर्च हो सके हैं। आंवला सांसद की निधि आंवला सांसद धर्मेद्र कश्यप ने वित्तीय वर्ष 2015-16 में 52 विकास कार्य का प्रस्ताव भेजा। 10 कार्य शुरू नहीं हो सके। 16 पर काम चल रहा। निर्माण के लिए 3 करोड 26 लाख 26 हजार रुपए स्वीकृत भी हो चुके हैं। इसमें महज 2 करोड़ 97 लाख 24 हजार 8 सौ रुपए जारी हुए, लेकिन खर्च 2 करोड़ 41 लाख 12 हजार 3 सौ रुपए ही हुए हैं। धर्मेद्र कश्यप ने वित्तीय वर्ष 2016-17 में दस विकास कार्य कराने का प्रस्ताव भेजा लेकिन कोई भी कार्य अभी शुरू नहीं हुआ हैं। निर्माण के लिए 88 लाख 36 हजार रुपए स्वीकृत हुए हैं। इसमें से 66 लाख 26 हजार 9 सौ रुपए जारी भी हो चुके हैं। घटिया क्वालिटी की लगी हैं सोलर लाइट, होनी चाहिए जांच देहात क्षेत्रों में लगी सोलर लाइट का मुद्दा भी गरमाया। विधायकों ने लाइटों को घटिया बताया तो सांसदों ने भी इस बात का समर्थन किया। कहा कि जारी बजट के मुताबिक की क्षमता के लाइट नहीं लगाई गई हैं। कई जगह लाइटें खराब हो गई। ठीक कराने के लिए संबंधित एजेंसी को फोन करो तो कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिलता। ऊर्जा मंत्री से भी मामले की शिकायत कर चुके हैं। इसलिए बिना जांच कराए भुगतान पर रोक लगाने के निर्देश दिए।

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