Move to Jagran APP

मुस्लिम परिवार ने निकाह के कार्ड में छपवाई भगवान राम और सीता की तस्वीर

अल्हागंज के चिलौआ गांव निवासी इबादत अली के परिवार ने निकाह के निमंत्रण कार्ड पर भगवान राम और सीता की तस्वीर छपवाकर हिंदू-मुस्लिम एकता की अनूठी मिसाल पेश की है।

By Abhishek PandeyEdited By: Published: Thu, 25 Apr 2019 12:40 PM (IST)Updated: Fri, 26 Apr 2019 09:55 AM (IST)
मुस्लिम परिवार ने निकाह के कार्ड में छपवाई भगवान राम और सीता की तस्वीर
मुस्लिम परिवार ने निकाह के कार्ड में छपवाई भगवान राम और सीता की तस्वीर

जेएनएन, शाहजहांपुर: एक ओर आजकल जहां लोग धर्म के नाम पर मरने-मारने को तैयार हो जाते हैं। अपने धर्म को श्रेष्ट बताते हुए दूसरे धर्मों की आलोचना करते हैं। दूसरी ओर उत्तर प्रदेश के जिला शाहजहांपुर में एक ऐसा भी मुस्लिम परिवार है जो धर्म की सीमा से परे हटकर सभी धर्मों का निस्वार्थ सम्मान करता है। सभी धर्मों के त्योहार में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेता है। इस मुस्लिम परिवार ने अपनी बेटी के निकाह में भी हिंदू-मुस्लिम एकता की अनूठी मिसाल पेश की है। निकाह के निमंत्रण कार्ड पर भगवान राम और सीता की तस्वीर छपवाकर लोगों को आने का न्योता दिया है। परिवार का कहना है कि पहले वह एक हिंदुस्तानी है। इस मुस्लिम परिवार की सोच को हर कोई सलाम कर रहा है।

loksabha election banner

हम बात कर रहे हैं अल्हागंज के चिलौआ गांव निवासी इबादत अली के परिवार की। चिलौआ गांव में उनका ही अकेला मुस्लिम परिवार हैं। हिंदू नवरात्र के दौरान उनका परिवार व्रत रखता है और सभी हिंदू पर्वों को मनाता है। गांव में उनको लोग सराफी के नाम से जानते हैं। इबादत कपड़े की सिलाई का काम करते हैं। इबादत अली की लड़की रूखसार बनो का निकाह 30 अप्रैल को अल्हागंज में तय हुआ है। इबादत अली ने निकाह के लिए जो कार्ड छपवाए हैं। उनपर भगवान राम और सीता की तस्वीर छपवाई है। इबादत अली ने सभी कार्डो को बांट दिया हैं। इबादत की पत्नी बेबी कहती है, "हम एक संदेश देना चाहते थे कि हमें ईश्वर के साथ-साथ अल्लाह से भी प्यार है। हर कोई हमारे जीवन का हिस्सा है।" उनके इस आपसी भाईचारे की मिसाल को लोग सलाम कर रहे हैं।

50 साल से गांव में रह रहा परिवार

इबादत अली के पड़ोसी संजीव सक्सेना बताते हैं। इबादत अली के पिता जलालुदीन 50 वर्ष से पहले गांव में आकर बस थे। तब से उनका परिवार गांव में ही रहता हैं। इबादत अली गांव में आपसी भाईचारे के साथ रहते हैं। हिंदू पर्वों को सभी के साथ मिलकर मानते हैं।

1800 आबादी वाले गांव में अकेला मुस्लिम परिवार

इबादत अली ने बताया कि, 'चिलौआ गांव में करीब 1800 की आबादी है। गांव में अकेले उनका ही मुस्लिम परिवार रहता है परंतु हिंदुओं ने हमें कभी भी एहसास नहीं होने दिया कि हम मुस्लिम हैं।’  


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.