बाघ की मौत के मामले में सांसद मेनका गांधी ने अधिकारियों को ठहराया जिम्मेदार, अज्ञात के खिलाफ दर्ज हुआ केस Pilibhit News
वन्यजीव प्रेमी पूर्व केंद्रीय मंत्री सांसद मेनका गांधी वन अधिकारियों को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया। सामाजिक वानिकी एवं वन्यजीव विहार प्रभाग की ओर से केस दर्ज कराया गया है ।
पीलीभीत, जेएनएन। पिछले दिनों गजरौला क्षेत्र में ट्रैंकुुलाइज किए जाने के बाद जिस बाघ की मौत हो गई थी। उसमें अब सामाजिक वानिकी एवं वन्यजीव विहार प्रभाग की ओर से अज्ञात अपराधियों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। वन्यजीव प्रेमी पूर्व केंद्रीय मंत्री सांसद मेनका गांधी की नाराजगी के बाद महकमा हरकत में आया है।
गजरौला थाना क्षेत्र के गांव जरा जरी के निकट विगत पहली मई को सुबह जंगल से निकलकर आए बाघ ने एक एक करके तीन राहगीरों पर हमला करके घायल कर दिया था। इसके बाद मौके पर पहुंची पीलीभीत टाइगर रिजर्व की टीम ने सर्च अॉपरेशन चलाकर बंद जाली के ट्रैक्टर के सहारे बाघ को जंगल की ओर खदेड़ने का प्रयास किया था। तब बाघ ने ट्रैक्टर पर छलांग लगाते हुए वन विभाग की टीम पर हमले का प्रयास किया।
इसके बाद मौके पर टीम को मॉनीटरिंग के लिए लगा दिया गया। दो मई की सुबह मॉनीटरिंग करने वाली टीम ने रिपोर्ट दी कि रात में बाघ जंगल की ओर लौट गया है। तीन मई की सुबह बाघ फिर जंगल से निकलकर उसी स्थान पर जा पहुंचा। तब फिर वन विभाग के अधिकारियों के साथ टीम पहुंची। दोपहर बाद बाघ को ट्रैंकुलाइज करने की तैयारी शुरू हो गई। शाम करीब सवा पांच बजे बाघ को ट्रैंकुलाइज कर लिया गया।
उसे पिंजरा में लेकर टीम गढ़ा के रेस्टहाउस में जा पहुंची। इसके कुछ देर बाद ही बाघ की मौत हो गई थी। बताया गया कि उसके शरीर पर घाव थे। बहरहाल अगले दिन बाघ के शव का पोस्टमार्टम हुआ, तो उसके शरीर में अंदरूनी चोटों की भी पुष्टि हुई। इस पूरे प्रकरण में वन विभाग के अधिकारियों पर लापरवाही के आरोप लगे। वन्यजीव प्रेमी पूर्व केंद्रीय मंत्री, सांसद मेनका गांधी वन अधिकारियों को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया।
इधर, सामाजिक वानिकी के डीएफओ संजीव कुमार का कहना है कि बाघ की मौत मामले में पूरनपुर रेंज में अज्ञात अपराधियों के खिलाफ वन दारोगा बाबूराम ने केस दर्ज कराया है। इसकी जांच पीटीआर के एसडीओ प्रवीण खरे को सौंपी गई है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में बाघ की शरीर के अंदरूनी हिस्सों में गंभीर चोटों की पुष्टि के बाद इसका निर्णय लिया गया।