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पीड़िताएं बोलीं, सफल हुआ संघर्ष

एक बार में तीन तलाक पर रोक लगाने के लिए तलाक पीड़ित महिलाओं ने नए कानून पर खुशी जाहिर की

By JagranEdited By: Published: Wed, 19 Sep 2018 07:45 PM (IST)Updated: Thu, 20 Sep 2018 02:25 AM (IST)
पीड़िताएं बोलीं, सफल हुआ संघर्ष
पीड़िताएं बोलीं, सफल हुआ संघर्ष

जागरण संवाददाता, बरेली : एक बार में तीन तलाक पर रोक लगाने के लिए तलाक पीड़ित महिलाओं ने लंबा संघर्ष किया। हमने पीड़िता महिलाओं के संग बरेली से लेकर लखनऊ तक धरना-प्रदर्शन किए। मोदी सरकार ने तलाक की पीड़िताओं की तकलीफ महसूस की। इस पर रोक लगाने की जो उम्मीद जताई थी, उसे आज पूरा कर दिया है। हम खुश हैं कि अब मुस्लिम समाज की बहन-बेटियां तलाक के दंश से बच जाएंगी। यह कहना है मेरा हक फाउंडेशन की अध्यक्ष फरहत नकवी का।

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खुद भी तलाक पीड़ित फरहत नकवी कहतीं हैं कि अब तक तलाक पर कोई सजा तय नहीं थी। अब पुरुषों में इसका डर भी रहेगा। हमारी मांग भी यही थी कि एक बार में तीन तलाक को अपराध की श्रेणी में लाया जाए, जो अब पूरी हो गई है। हालांकि, सरकार और सरकारी मशीनरी इस पर प्रभावी रूप से अमल कराए।

कांग्रेस अध्यक्ष को भेजा ज्ञापन

फरहत नकवी ने बताया कि हमने तलाक पीड़िताओं के साथ मिलकर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को संबोधित ज्ञापन जिला अध्यक्ष को सौंपा था। इस मांग के साथ कि ट्रिपल तलाक बिल पास कराने में सहयोग करें।

जमानत की छूट है पुरुषों का बचाव

फरहत नकवी के मुताबिक, तलाक के संशोधित कानून में शौहर को मजिस्ट्रेट द्वारा जमानत दिए जाने का प्रावधान पुरुषों का बचाव करेगा। यह छूट नहीं दी जानी चाहिए थी। तब इसका ज्यादा असर रहता।

समाज में फौरी तौर पर दिखेगा असर

तलाक को अपराध घोषित किये जाने का असर फौरीतौर पर समाज में नजर आने लगेगा। अब पीड़ित महिलाओं की ओर से तलाक का मुकदमा भी दर्ज होगा। फरहत नकवी के मुताबिक, ऐसा होने से आरोपित और पीड़िता पक्ष दोनों के नाते-रिश्तेदार और आस-पास तक जब यह संदेश जाएगा तो लोग तलाक से बचेंगे।


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