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मॉडल टाउन का मामला गरमाया, कई अन्य जगह भी बंद किया आम रास्ता

सार्वजनिक रास्तों पर लोहे के गेट लगाकर आम लोगों का रास्ता रोक दिया गया। इन कॉलोनियों में सड़कें नगर निगम की हैं मगर कुछ लोगों ने इन्हें निजी उपयोग का बना लिया। ऐसा कहते हुए मॉडल टाउन कॉलोनी में लगाए गए गेट पर सवाल खड़े किए जा चुके हैं। प्रकरण नगर निगम पुलिस और जिला प्रशासन के पास पहुंच चुका।

By JagranEdited By: Published: Sat, 11 Jul 2020 02:16 AM (IST)Updated: Sat, 11 Jul 2020 02:16 AM (IST)
मॉडल टाउन का मामला गरमाया, कई अन्य जगह भी बंद किया आम रास्ता
मॉडल टाउन का मामला गरमाया, कई अन्य जगह भी बंद किया आम रास्ता

बरेली, जेएनएन : सार्वजनिक रास्तों पर लोहे के गेट लगाकर आम लोगों का रास्ता रोक दिया गया। इन कॉलोनियों में सड़कें नगर निगम की हैं मगर कुछ लोगों ने इन्हें निजी उपयोग का बना लिया। ऐसा कहते हुए मॉडल टाउन कॉलोनी में लगाए गए गेट पर सवाल खड़े किए जा चुके हैं। प्रकरण नगर निगम, पुलिस और जिला प्रशासन के पास पहुंच चुका। इसी क्षेत्र में रहने वाले डॉ. दिवाकर चौबे ने मुख्यमंत्री के पोर्टल पर शिकायत की थी कि कॉलोनी के लोगों ने लोहे के गेट लगाकर आम लोगों का रास्ता रोक दिया। वहां से जांच बारादरी पुलिस के पास आई, जिस पर जांच चल रही। वहीं गेट लगाने वाले पक्ष के लोग गुरुवार को जिला प्रशासन के पास पहुंचे थे। कहा था कि सुरक्षा की एक गेट से बड़े वाहनों की आवाजाही रोकी है। ऐसा ही शिकायत रामपुर गार्डन में भी सामने आई। जिसके बाद गुरुवार को एक गेट खोलने की निर्देश दे दिए गए थे।

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मामला चर्चा में इसलिए भी बना हुआ है क्योंकि नगर निगम के पार्षद इन गेट को अवैध बता रहे हैं। इसके पीछे नगर निगम नियमावली का हवाला दिया कि बिना अनुमति के लगाए जाने वाले गेट अतिक्रमण के दायरे में आएंगे।

यहां भी लगा दिए गेट

गेट प्रकरण मॉडल टाउन तक ही सीमित नहीं है। सिविल लाइंस में आवास विकास कॉलोनी में भी दोनों ओर लोहे के गेट लगा दिए गए। कॉलोनी के लोगों के अलावा यदि कोई आम राहगीर गुजरे तो रोक दिया जाता है। इसी तरह राजेंद्रनगर के कुछ हिस्सों समेत कई कॉलोनियों में लोहे के बड़े गेट लगवा दिए गए।

अधिवक्ता परिषद ने उठाई गेट हटवाने की मांग

अधिवक्ता परिषद ने नगर निगम क्षेत्र में सोसाइटीज द्वारा लगाए गए अवैध गेटों को हटवाने की नगर आयुक्त से मांग की है। परिषद ने ज्ञापन में कहा कि कॉलोनी के सार्वजनिक मार्गों पर प्रभावशाली व्यक्ति या सोसाइटी द्वारा अवैध रूप से गेट लगवाकर आम जनता को आने जाने से रोका जाता है। मॉडल टाउन, आवास विकास कॉलोनी, रामपुर गार्डन, आकाशपुरम कॉलोनी जैसी महत्वपूर्ण कॉलोनी में शहर के प्रभावशाली व्यक्ति अथवा सोसाइटीज ने गेट लगवा रखे हैं। ज्ञापन पर परिषद के संरक्षक ईश्वरी प्रसाद वर्मा, गिरीश चंद्र पांडेय, श्रीराम शर्मा, सरनाम सिंह व संध्या आर्य के हस्ताक्षर हैं।

नगर निगम की अनुमति बिना लगे गेट अवैध माने जाएंगे

इंद्रानगर के पार्षद सतीश कातिब बताते हैं कि वर्ष 2011 में उन्होंने राजेंद्रनगर में सूरजभान डिग्री कॉलेज के पास सार्वजनिक रास्तों का गेट लगाकर ब्लॉक करने के मामले में नगर निगम बोर्ड में प्रस्ताव रखा था। जिसे बोर्ड ने पारित किया था। इस प्रस्ताव में कहा गया था कि किसी भी सार्वजनिक रास्ते को अवरुद्ध नहीं किया जा सकता है। अगर लोग अपने खर्च पर गेट लगवाते हैं तो भी इसे नगर निगम की संपत्ति माना जाएगा। ऐसे गेट लगाने से पहले नगर निगम से अनुमति लेना अनिवार्य है। बिना अनुमति लगे गेट अवैध माने जाएंगे। बंद दरवाजे खोलने के निर्देश

रामपुर बाग कॉलोनी के रास्तों पर भी इसी तरह के बड़े गेट लगवा दिए गए। कुछ तो ऐसे जो 24 घंटे बंद रहते हैं। आम लोगों को आवाजाही में दिक्कत हुई तो इसकी शिकायत नगर निगम में की गई। जिसके बाद गुरुवार को निर्देश जारी हुए कि रामपुर गार्डन कॉलोनी में गेट बंद नहीं रखे जाएंगे। सार्वजनिक रास्तों पर लगे गेट को खोलना पड़ेगा। सड़क नगर निगम की, कब्जा कॉलोनी वालों का

प्राधिकरण या आवास विकास की कॉलोनियों में नगर निगम की सड़कें हैं। इन पर सभी की आवाजाही हो सकती है। मगर, कई कॉलोनियों के लोगों ने इन पर गेट लगा दिए। सुरक्षा का हवाला देकर आम लोगों का रास्ता बंद कर दिया गया। आवास विकास कॉलोनी में लगाए दो गेट, बंद करना नियम विरुद्ध

नगर निगम परिसीमन में आने वाली कॉलोनियों में सार्वजनिक रास्तों को बंद नहीं किया जा सकता है। प्राइवेट कॉलोनियां इस दायरे में नहीं आती हैं, वहां की समितियां गेट लगवा सकती हैं। बरेली विकास प्राधिकरण या आवास विकास की कॉलोनियों मे जनता को असुविधा न हो, इसके लिए दिन में खुले रखने चाहिए। सुरक्षा के लिए लिहाज से रात में बंद किए जा सकते हैं।

- राजेश कुमार, पार्षद सार्वजनिक रास्तों पर आवाजाही बंद नहीं की जा सकती

हमारे वार्ड में सार्वजनिक रास्तों पर गलत तरीके से लगाए गए गेट को लेकर नगर निगम की बोर्ड बैठक से प्रस्ताव पास करवाया था। नगर निगम की बिना अनुमति कोई गेट नहीं लगाया जा सकता है। अगर ऐसा होता है तो वह गेट अवैध माना जाएगा। सार्वजनिक रास्तों को बंद नहीं करवाया जा सकता।

- सतीश कातिब, पार्षद

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कॉलोनियों के सार्वजनिक रास्तों पर गेट लगाने से अगर किसी को परेशानी है तो वह नगर निगम में शिकायत कर सकते हैं। परिसीमन में आने वाले कॉलोनियों के सार्वजनिक रास्तों को बंद नहीं किया जा सकता है।

- अभिषेक आनंद, नगर आयुक्त


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