Mishap from Chinese Manjha : बरेली में चाइनीज मांझे से घायल हुए आरएसएस विस्तारक की हालत बिगड़ी, 15 अगस्त को श्यामगंज पुल पर हुआ था हादसा
Mishap from Chinese Manjha चाइनीज मांझे से श्यामगंज पुल पर घायल हुए आरएसएस के विस्तारक अंशु की हालत में सुधार के बाद मंगलवार को अस्पताल से उनकी छुट्टी कर दी गई। इधर हरिओम की हालत गंभीर बनी हुई है।
बरेली, जेएनएन। Mishap from Chinese Manjha : चाइनीज मांझे से श्यामगंज पुल पर घायल हुए आरएसएस के विस्तारक अंशु की हालत में सुधार के बाद मंगलवार को अस्पताल से उनकी छुट्टी कर दी गई। इधर हरिओम की हालत गंभीर बनी हुई है। डाक्टरों के मुताबिक हरिओम के गले में तीन इंच लंबा जख्म है। इसके चलते वह न तो बोल पा रहे हैं और न ही कुछ खा पा रहे हैं। हरिओम की स्थिति ठीक होने में समय लग रहा है। उनका इलाज चल रहा है।
15 अगस्त के दिन आरएसएस के दोनों विस्तारक अंशु व हरिओम सावरकर नगर छात्रावास से संघ कार्यालय पर ध्वजारोहण के लिए निकले थे। दोनों श्यामगंज पुल पर पहुंचे ही थे कि चाइनीज मांझे की चपेट में आ गए। मांझे के चपेट में आने से दोनों की गर्दन कट गई। अंशु की अंगुलियां भी कटी। दोनों स्कूटी से गिर पड़े। खून से लथपथ हो गए। लहूलुहान अवस्था में खुद ही स्कूटी चलाकर गंगाचरण अस्पताल पहुंचे। डाक्टरों ने बताया कि हरिओम के ओठ से लेकर कान तक करीब तीन इंच लंबा जख्म हुआ है। उसके 15 टांके आए हैं। उसके कुछ न खाने पीने के चलते डाक्टर पल-पल की निगरानी कर रहे हैं।
चाइनीज मांझे पर प्रतिबंध लगाने की मांग
उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल के महानगर अध्यक्ष शोभित सक्सेना के नेतृत्व में एक प्रतिनिधि मंडल जिलाधिकारी से मिलकर एक ज्ञापन दिया। डीएम को दिए ज्ञापन के माध्यम से बताया कि आए दिन मांझे से रोज लोगो की गर्दन कट रही है। यह सब चाइनीज मांझे की वजह से हो रहा है। इस पर प्रतिबंध होने के बावजूद यह खुले आम बिक रहा है। डीएम ने पूरी बात सुनकर नगर निगम व एसएसपी को पत्र लिख कर कार्रवाई करने को कहा। मुख्य रूप से हरीश अरोरा, अमरजीत सिंह बक्शी, देवेंद्र जोशी, दानिश जमाल, शोएब खान ,पपिंदर सिंह बक्शी आदि रहे।
पुलों पर मांझे से बचने के नहीं हैं कोई उपाय
स्पॉट एक : श्यामगंज पुल
यहां कई जगह पर तार टूटा हुआ मिला। एक जगह तार से चाइनीज मांझे की ही चरखी लटकी हुई थी। पतंगे उड़कर पुल पर गिर रही थी।
स्पॉट दो : कुदेशिया पुल
यहां चाइनीज मांझे से बचाव के लिए पुल के दोनों तरफ तार लगाए गए थे। लेकिन कई जगह तार टूट चुके है। यहां भी बहुत हादसे हाेते हैं।
स्पॉट तीन : हार्टमैन पुल
शहर का बड़े हिस्से को ये पुल जोड़ता है। यहां लोहे के एंगल लगाकर तार बांधे गए थे। लेकिन उनके बीच में बहुत जगह छोड़ी गई। नतीजा ये हुआ कि पतंग के मांझे पुल तक आ रहे है।
स्पॉट चार : किला पुल
शहर के सबसे पुराने पुल पर भी लोहे के एंगल लगाए थे। कुछ एंगल टूट चुके है। कई जगह तार टूट चुका है। यहां भी लोग पतंग बहुत उड़ाते है। हादसे भी सर्वाधिक होते हैं।
चाइनीज मांझे की चपेट में आने से लोग आय दिन घायल हो रहे हैं लेकिन,सुरक्षा के कोई उपाय नहीं किये जा रहे हैं।- शुभम, किला
पुलों पर जब तक सुरक्षा के इंतजाम नहीं बढ़ाए जाएंगे। तब तक ऐसे हादसों पर रोक लगाने का दावा महज बेमानी है।- सलमान, इज्जतनगर
जानलेवा चाइनीज मांझे का व्यापार करने वालों के खिलाफ सख्ती बराबर की जाए, तभी इसके व्यापार पर रोक संभव है।- पुनीत, नई बस्ती
चाइनीज मांझा एक दिन की समस्या नहीं है। शुरुआत में जिम्मेदारों ने ध्यान नहीं दिया। अब समस्या नासूर बन चुकी है।- अनिल लुक्का, काली बाड़ी
पुलिस प्रशासन सिर्फ सख्ती का दावा कर रहा है। यदि पूरे मनोयोग से कार्रवाई होगी तभी इस प्रतिबंधित कारोबार पर लगाम संभव है।- बाबू, गोविंदापुर
सख्ती का थोड़ा असर दिखा है। ऐसी ही सख्ती की नियमित जरूरत है। तभी लोग हादसे का शिकार होने से बच सकेंगे।- तनवीर, सिविल लाइंस