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अस्पतालों में संक्रमितों के साथ दु‌र्व्यवहार, बेड उपलब्ध फिर भी नो एंट्री

कोरोना संक्रमण को लेकर हर ओर हायतौबा मची हुई है। संक्रमित तो परेशान है ही साथ ही उनके स्वजन भी विचलित हो रहे हैं। ऐसे में अस्पतालों में संक्रमितों के साथ दु‌र्व्यवहार किए जाने के मामले स्थिति को और गंभीर बना रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Sat, 24 Apr 2021 05:38 AM (IST)Updated: Sat, 24 Apr 2021 05:38 AM (IST)
अस्पतालों में संक्रमितों के साथ दु‌र्व्यवहार, बेड उपलब्ध फिर भी नो एंट्री
अस्पतालों में संक्रमितों के साथ दु‌र्व्यवहार, बेड उपलब्ध फिर भी नो एंट्री

बरेली, जेएनएन: कोरोना संक्रमण को लेकर हर ओर हायतौबा मची हुई है। संक्रमित तो परेशान है ही, साथ ही उनके स्वजन भी विचलित हो रहे हैं। ऐसे में अस्पतालों में संक्रमितों के साथ दु‌र्व्यवहार किए जाने के मामले स्थिति को और गंभीर बना रहे हैं। गुरुवार रात से शुक्रवार तक दो अलग-अलग अस्पतालों से तीन वीडियो वायरल हुए। इनमें संक्रमितों के साथ गलत व्यवहार किए जाने, भर्ती न किए जाने और संक्रमित के स्वजन के साथ दु‌र्व्यवहार करने के आरोप लगाए गए।

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केस एक

चार घंटे एंबुलेंस की आक्सीजन पर रहे संक्रमित, गेट किया बंद

गुरुवार देर रात दो बजे तीन वीडियो वायरल हुए। यह तीनों वीडियो ही एंबुलेंस चालकों की ओर से बनाए गए थे। जिनमें वह दिखा रहे थे कि रुहेलखंड अस्पताल का मेन गेट बंद कर संक्रमितों को बाहर निकाल दिया गया। एंबुलेंस चालक अनिल ने बताया कि गुरुवार रात आठ बजे उनके पास कंट्रोल रूप से जिला अस्पताल से मरीज लेकर रुहेलखंड मेडिकल कालेज में भर्ती कराने के लिए फोन आया था। वह मरीज लेकर नौ बजे रुहेलखंड पहुंच गए। उनके साथ एक और एंबुलेंस भी वहां मरीज लेकर आई। रुहेलखंड मेडिकल कालेज के अंदर करीब दो घंटे तक संक्रमित एंबुलेंस की ही आक्सीजन पर रहा। इसके बाद एंबुलेंस बाहर निकालने को कहा गया और गेट बंद कर लिया गया। इसके बाद एंबुलेंस चालकों ने हंगामा शुरू किया और पुलिस बुलाई। इसके बाद संक्रमितों को भर्ती किया गया। केस दो

पिता के बारे में पूछती रही बेटी, किसी ने कुछ नहीं बताया

रुहेलखंड अस्पताल में भर्ती संक्रमित राकेश कुमार की बेटी ने भी एक वीडियो बनाकर पीएम और सीएम से इंसाफ की गुहार लगाई। वीडियो वायरल कर उन्होंने बताया कि चार दिन पहले पिता को भर्ती कराया था। उसके बाद से इस अस्पताल से प्रतिदिन शव निकलते ही देखे हैं। किसी को सही होकर जाते नहीं देखा। इसके चलते डरी हुई थी। बार-बार अस्पताल प्रशासन से पिता की हालत के बारे में जानकारी ले रही थी, लेकिन किसी ने एक नहीं सुनी। बताया कि एक युवक ने कहा था कि यहां कोई इलाज नहीं करता। अपने पिता को ले जाओ। जब पूछो तब कहते थे कि पिता ठीक हैं। रात में अचानक तबीयत बिगड़ने की बात कही और सुबह मौत की जानकारी दे दी। केस तीन

सीएमओ ने फोन कर संक्रमित को कराया भर्ती

शहर के बाहर स्थित एक एल-2 अस्पताल से सिविल लाइंस निवासी युवक ने वीडियो वायरल कर बताया कि दो प्राइवेट अस्पतालों के बाद यहां आए हैं। पिता की हालत गंभीर है, उन्हें ऑक्सीजन चाहिए। हर जगह बेड न होने की बात कहकर मना कर दिया जा रहा है। ऐसे में मरीज को कहां ले जाएं। वीडियो वायरल होने के बाद संबंधित युवक ने सीएमओ को फोन कर पूरा मामला बताया। इसके बाद सीएमओ के फोन करने पर संक्रमित को एल-2 अस्पताल में भर्ती किया गया।

वर्जन

कोविड अस्पताल बंद कर संक्रमितों को बाहर निकाले जाने का वायरल वीडियो का संज्ञान लिया है। मामले की जांच एसीएमओ डा. अशोक कुमार को दी है। बताया गया कि ऑक्सीजन प्लांट काम न करने के चलते भर्ती करने से मना किया गया था। लेकिन बाद में भीतर कर लिया गया था।

- डा. एसके गर्ग, सीएमओ


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