बिना माल सप्लाई किए जीएसटी बिल काट रहा था मेंथा व्यापारी, सेंट्रल जीएसटी विभाग की टीम ने व्यापारी को गिरफ्तार करके जेल भेजा
केंद्रीय जीएसटी विभाग ने फर्जी फर्में बनाकर करोड़ों रुपये की इनपुट टैक्स क्रेडिट (आइटीसी) का लाभ लेने वाले मैंथा व्यापारी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। व्यापारी ने करोड़ों रुपये के फर्जी बिल जारी किए थे। उनके द्वारा अन्य व्यापारियों को भी आइटीसी का लाभ दिया जा रहा था।
बरेली, जेएनएन। केंद्रीय जीएसटी विभाग ने फर्जी फर्में बनाकर करोड़ों रुपये की इनपुट टैक्स क्रेडिट (आइटीसी) का लाभ लेने वाले मैंथा व्यापारी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। व्यापारी ने करोड़ों रुपये के फर्जी बिल जारी किए थे। उनके द्वारा अन्य व्यापारियों को भी आइटीसी का लाभ दिया जा रहा था, जिसकी जांच विभाग कर रहा है।
सीजीएसटी के बरेली खंड के अधिकारियों ने 30 मार्च को विशु ट्रेडर्स फर्म मालिक आशुतोष सिटी निवासी अजय शर्मा के घर पर छापेमारी की। पूछताछ में पता चला कि विशु ट्रेडर्स के साथ ही उनकी विशु ट्रेडिंग कंपनी के नाम से लखनऊ में भी फर्म है। दोनों फर्म फर्जी तरीके से बनाई गई हैं। वह मेंथा तेल, बीज, दालें, स्क्रैप का कारोबार करते हैं। जांच में व्यापारी ने स्वीकार किया कि दोनों फर्म बनाने का उद्देश्य बिना माल सप्लाई किए जीएसटी की रसीदों को काटना है। 31 मार्च को अजय शर्मा की फर्मों के साथ ही आवासीय परिसर में तलाशी ली गई। उनके घर पर सादे कागज पर कटे बिल, लखनऊ फर्म से जारी ई-वे बिल की कॉपी, कुछ पैन कार्ड, आधार कार्ड आदि प्राप्त हुए। फर्म पर जांच के दौरान कोई भी व्यापारिक गतिविधि होती हुई नहीं पाई गई। लगातार तीन दिन जांच और पूछताछ के बाद बड़ा गोलमाल पकड़ा गया। सेंट्रल जीएसटी विभाग के असिस्टेंट कमिश्नर अरविंद कुमार ने बताया कि व्यापारी ने दोनों फर्मों से करीब 94.79 करोड़ रुपये के फर्जी बिल काटे हैं। इतना ही नहीं इन फर्जी कंपनियों के सहारे गलत तरीके से 8.77 करोड़ रुपये की आइटीसी का लाभ लिया है। इस पर गुरुवार रात अजय शर्मा को गिरफ्तार किया गया। उन पर सीजीएसटी एक्ट 2017 की धाराओं में मुकदमा दर्ज कर शुक्रवार को स्पेशल सीजीएम कोर्ट मेरठ में पेश किया गया। कोर्ट ने उन्हें 14 दिनों की न्यायिक हिरासत पर जेल भेज दिया है। अधिकारियों ने बोगस फर्मों से जुडी अन्य फर्मों की भी जांच शुरू कर दी है। जल्द कई अन्य पर भी कार्रवाई की आशंका है।