Mehta Surgical Case : शाबाश बरेली पुलिस, नाै दिन, तीन टीमें और नतीजा सिफर, जानिए क्याें नहीं मिल पा रही पुलिस काे सफलता
Mehta Surgical Case डीडीपुरम के मेहता सर्जिकल पर छापामारी होने के बाद प्रेमनगर पुलिस की तीन टीमें आरोपित अजय मेहता और उनके साझेदारों को पकड़ने के लिए दबिशें दे रही हैं। एक भी टीम को कामयाबी नहीं मिल रही है। घर दुकान पर पुलिस का पहरा है।
बरेली, जेएनएन। Mehta Surgical Case : डीडीपुरम के मेहता सर्जिकल पर छापामारी होने के बाद प्रेमनगर पुलिस की तीन टीमें आरोपित अजय मेहता और उनके साझेदारों को पकड़ने के लिए दबिशें दे रही हैं। एक भी टीम को कामयाबी नहीं मिल रही है। घर, दुकान पर पुलिस का पहरा है, लेकिन आरोपितों को पकड़ा नहीं जा सका है।
वहीं शुक्रवार को सुनील मेहता के वकील ने विवेचक मनोज वर्मा से मुलाकात की। उन्होंने दस्तावेजी साक्ष्य दिए कि 35 साल पुराने प्रतिष्ठान में छह साल पहले बंटवारा हो चुका है। दोनों भाइयों के प्रतिष्ठान अलग-अलग हैं। इसलिए डीडीपुरम स्थित मेहता सर्जिकल में होने वाली गड़बड़ी का नगर निगम कार्यालय के पीछे स्थित मेहता सर्जिकल से कोई लेना-देना नहीं।
विवेचक ने उन्हें कहा कि साझेदारी दस्तावेजों में छह पार्टनर है। इसी आधार पर सबको आरोपित बनाया गया है। पुख्ता आधार पर ही नाम को हटाने पर विचार किया जा सकता है। बता दें कि एसडीएम सदर विशु राजा की छापामारी में सर्जिकल आइटम और सैनिटाइजर की बोतल बिना लेबल के मिली थी। लेबर और पैकिंग आइटम भी मौजूद था। माना गया था कि ओवररेटिंग का खेल है।
पीपीई किट की पैकिंग बिना लाइसेंस अजय मेहता करवा रहे थे। लाइसेंस नहीं लेने से उनके खिलाफ औषधि विभाग ने कार्रवाई करते हुए लाइसेंस सस्पेंड कर दिया। उन्होंने सर्जिकल आइटम की खरीदफरोख्त का कोई दस्तावेज भी प्रस्तुत नहीं किया। इसके लिए उन्हें दस दिन की मोहलत दी गई है।