हुसैन की शहादत गवाह, इस्लाम का हिस्सा नहीं जुल्म
हजरत इमाम हुसैन ने इंसानियत के खातिर अपना सब कुछ कुर्बान कर दिया।
जागरण संवाददाता, बरेली : दरगाह आला हजरत के प्रमुख मौलाना सुब्हान रजा खां (सुब्हानी मियां) ने कहा कि हजरत इमाम हुसैन ने इंसानियत के खातिर अपना सब कुछ कुर्बान कर दिया। उनकी शहादत इस बात की गवाह है कि जुल्म इस्लाम का हिस्सा नहीं है। जुमा (शुक्रवार) को दस मुहर्रम पर दरगाह आला हजरत पर हजरत इमाम हुसैन की याद में सजी महफिल में उन्होंने यह बातें कहीं। फज्र की नमाज के बाद दरगाह पर कुरानख्वानी हुई। कारी रिजवान अहमद ने कुरान पाक की तिलावत की।
इस दौरान सुब्हानी मियां ने शहीदाने कर्बला पर रोशनी डालते हुए कहा कि हजरत इमाम हुसैन का मकसद दुनिया को यह पैगाम देना था कि इंसान सच्चाई की राह पर सब्र का दामन थामे रखे तो उसे कामयाब होने से कोई नहीं रोक सकता। दरगाह के सज्जादानशीन मुफ्ती अहसन रजा कादरी उर्फ अहसन मियां ने कहा कि हमारे नबी ने फरमाया कि जब तक तुम इनका दामन थामे रहोगे गुमराह नहीं होगे। दरगाह से जुड़े नासिर कुरैशी ने बताया कि दरगाह प्रमुख सुब्हानी मियां ने अवाम से अमन-चैन की राह पर चलने की अपील की है। इस दौरान मदरसा मंजर-ए-इस्लाम के सदर मुफ्ती आकिल रजवी, मुफ्ती कफील हाशमी, मुफ्ती सलीम नूरी, मुफ्ती अफरोज आलम, मुफ्ती अनवर अली, मुफ्ती अख्तर हुसैन, कारी अब्दुर्रहमान, डॉ. एजाज अंजुम, मुफ्ती अय्यूब, मुफ्ती जमील, जुबैर रजा खान आदि मौजूद रहे।
वली मियां की दरगाह पर कुल शरीफ
बरेली : आस्ताना आलिया मोहम्मदिया, दरगाह वली मियां में हजरत इमाम हुसैन के कुल शरीफ की रस्म अदा की गई। हाफिज मुहम्मद हसन ने कुरान शरीफ की तिलावत की। महफिल-ए-मिलाद और फातिहा हुई। कारी यासीन ने कहा कि रमजान के बाद सबसे अफजल रोजा आशूरा का होता है। उन्होंने कहा कि हजरत वली मियां के दौर से ही छह से दस मुहर्रम तक कार्यक्रम का सिलसिला चला आ रहा है। इस दौरान डॉ. जाहिद उल्ला, फखरुद्दीन ने मनकबत पेश की। सज्जादानशीन अनवर मियां ने अमन-चैन की दुआ की। इस दौरान इरशाद, मुहम्मद कासिम, तौकीर मुहम्मद, मुहम्मद शारिक, इफ्तेखार हुसैन, हाजी पप्पू, मोहसिन खां, जुनैद खां, इमरान, जीशान, रिजवान आदि मौजूद रहे।