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बरेली के बाजार में आज से करें खरीदारी

जिले में 38 दिन बाद बाजार खुलने का रास्ता साफ हो चुका है। व्यापारियों ने सोमवार से प्रतिष्ठान खोलने की तैयारी भी कर ली है। व्यापारियों का कहना है कि सरकार ने छूट जरूर दी है लेकिन इस बार और सावधानी और सतर्कता के साथ बिक्री और खरीदारी करनी होगी।

By JagranEdited By: Published: Mon, 07 Jun 2021 04:20 AM (IST)Updated: Mon, 07 Jun 2021 04:20 AM (IST)
बरेली के बाजार में आज से करें खरीदारी
बरेली के बाजार में आज से करें खरीदारी

जेएनएन, बरेली : जिले में 38 दिन बाद बाजार खुलने का रास्ता साफ हो चुका है। व्यापारियों ने सोमवार से प्रतिष्ठान खोलने की तैयारी भी कर ली है। व्यापारियों का कहना है कि सरकार ने छूट जरूर दी है, लेकिन इस बार और सावधानी और सतर्कता के साथ बिक्री और खरीदारी करनी होगी। कारोबारियों और ग्राहकों, दोनों को ही कोरोना से बचाव के लिए पूरी सावधानी बरतनी होगी। थोड़ी सी लापरवाही का बड़ा खामियाजा भुगतना पड़ सकता है।

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दो लाकडाउन झेल चुके व्यापारी अब तीसरा लाकडाउन नहीं चाहते। व्यापारियों का मानना है कि इसके लिए कोविड गाइडलाइन का स्वयं पालन करने के साथ ही दूसरों से भी पालन कराना होगा। शहर के कपड़ा, सराफा व फुटवियर समेत अन्य कारोबारियों ने लाकडाउन के दौरान हुए नुकसान की भरपाई के लिए पूरी तैयारी कर ली है। इन कारोबारियों का कहना है कि जुन व 15 जुलाई तक अच्छी सहालग है। ऐसे में उम्मीद है कि लाकडाउन में हुई बंदी की कुछ भरपाई हो जाए। प्लाईवुड इंडस्ट्री : बंद पड़े उद्यम फिर पकड़ेंगे रफ्तार

बरेली में प्लाईवुड बनाने की 38 यूनिटें हैं। अप्रैल और मई के महीने में यूकेप्लिटिस और पापुलर के पेड़ खरीद लिए जाते हैं। इनके छिलके और पीस तैयार करने के बाद सुखाया जाता है। इसके बाद यूनिट में प्लाईवुड तैयार किया जाता है। यहां से तैयार 40 फीसद माल महाराष्ट्र जाता है। उद्यमियों का मानना है कि व्यापारियों की फाइनेंस की दिक्कत के साथ ही जब तक दूसरे राज्यों में स्थिति पूर्व की तरह सामान्य नहीं हो जाती है तब तक कुछ कहना जल्दबाजी होगी। दूसरे राज्य जब तक पूरी तरह से नहीं खुल जाते हैं, तब तक काम अपनी गति नहीं पकड़ेगा। रुपयों का रोटेशन पूरी तरह से बंद है। लोकल की मार्केट हम लोग ज्यादा टच नहीं करते। अभी प्रोडक्शन 12 घंटे चल रहा है। समय के मुताबिक 24 घंटे शुरू कर दिया जाएगा। कोविड गाइड लाइन का पालन करते हुए काम किया जाएगा।

- सिद्धार्थ अग्रवाल, सृष्टि इंटरप्राइजेज काफी काम पेंडिंग में है। अभी तो आर्थिक समस्या के साथ ही लेबर की कमी से भी जूझना होगा। रिटेलर भी दुकान खोल लेंगे। आगामी दिनों में बारिश का मौसम आ जाएगा। आर्थिक समस्या के चलते उत्पादन भी प्रभावित होगा। कई राज्यों में लाकडाउन के चलते हम माल अभी बाहर भी नहीं भेज पाएंगे।

- रोशन अग्रवाल, पशुपति प्लाईवुड प्लाईवुड यहां से अन्य प्रदेशों को जाती है। दो माह से काम न होने के कारण वर्कर को बैठाकर भुगतान किया जा रहा है। यूपी में क‌र्फ्यू खुलने से समस्या का निस्तारण नहीं होगा। जब तक पूरा देश नहीं खुलेगा प्लाईवुड के व्यापार को पंख नहीं लग सकेंगे। रॉ मैटेरियल के भी दाम बढ़ गए हैं। जबकि डिमांड अभी न के बराबर है। पूरा कारोबार चेन प्रक्रिया से चलता है। मार्केट से पेमेंट नहीं आ रही है। जिससे पूरी चेन टूट गई है।

- उमेश नेमानी, पशुपति एवरेस्ट प्लाईवुड

फूड इंडस्ट्री : मिलेगी राहत की 'ऑक्सीजन'

लाकडाउन के दौरान वैसे तो फूड इंडस्ट्री चालू रही, लेकिन लोगों के घर से न निकलने के कारण प्रोडक्शन आधे से भी कम रह गया। उम्मीद जताई जा रही है कि सोमवार से खुल रहे बाजार में एक बार फिर से पुरानी रंगत लौटेगी। व्यापारियों का मानना है कि टूटी हुई सप्लाई चेन एक बार फिर से शुरू होगी, जिससे लोगों को रोजगार भी मिलेगा। मजदूर परेशान हैं, मार्केट बंद होने से केवल 30 से 40 प्रतिशत ही माल तैयार हो रहा है। अब प्रोडक्शन बढ़ने पर लेबर घर से निकलेगी। जिसके बाद धीरे-धीरे मार्केट से रुपया आना शुरू होगा। कारोबार को एक बार फिर से ऑक्सीजन मिलना शुरू हो जाएगी।

- केके चंदानी, दया नमकीन फूड इंडस्ट्री लॉकडाउन में भी शुरू रही है, केवल प्रोडक्शन कम हो गया था। अब लोग घरों से निकलेंगे, जिसके बाद प्रोडक्शन बढ़ेगा। लोगों को रोजगार भी मिलेगा। उम्मीद है कि जल्द ही फूड इंडस्ट्री इस बार लॉकडाउन में हुए आर्थिक नुकसान को पूरा होने में कुछ समय जरूर लगेगा।

- राजीव आनंद, जतिन फूड्स ट्रांसपोर्ट : लाकडाउन में चौथाई ही रह गया कारोबार

लाकडाउन में ट्रांसपोर्ट को छूट दी गई थी, लेकिन ट्रांसपोर्टरों का कहना है कि केवल चौथाई ही काम रहा। वहीं आसमान छू रहे डीजल के रेट से भी ट्रांसपोर्टर परेशान हैं। सोमवार से खुल रहे बाजार को लेकर ट्रांसपोर्टरों का कहना है कि अभी कुछ दिनों तक तो रेट में कोई बढ़ोतरी नहीं की जानी है, लेकिन कुछ समय बाद किराए में वृद्धि जरूर होगी। लाकडाउन में ट्रांसपोर्ट का व्यापार केवल 25 प्रतिशत ही चला है। सोमवार के खुल रहे लाकडाउन में उम्मीद है कि कुछ बहुत व्यापार को पंख लगेंगे। डीजल महंगा होने से अभी किराया नहीं बढ़ाया है। स्थिति सामान्य होने के बाद किराया भी बढ़ेगा।

- राकेश गुप्ता, गर्ग ट्रांसपोर्ट कोविड की दो लहरों में ट्रांसपोर्ट कारोबार प्रभावित रहा। ईधन की कीमतें भी बहुत बढ़ चुकी है। अब बाजार खुल रहे है। बिजनेस चेन दोबारा जुड़ने लगेगी। लाकडाउन में ट्रांसपोर्ट बहुत छोटे स्तर पर सिर्फ आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति के लिए चला था।

- शिव कुमार, संजय ट्रांसपोर्ट


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