Move to Jagran APP

नगर निगम की बड़ी कार्रवाई, बरेली में सील किए आयुर्वेदिक अस्पताल सहित 22 प्रतिष्ठान

बरेली विकास प्राधिकरण के बाद नगर निगम ने भी शुक्रवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए प्रेमनगर स्थित धर्मदत्त सिटी अस्पताल को सील करने के लिए प्र्वतन दल की टीम को भेजा। आयुर्वेदिक अस्पताल के सड़क पार वाले हिस्से की जमीन को नगर निगम ने अपने कब्जे में ले लिया।

By Ravi MishraEdited By: Published: Sat, 09 Jan 2021 07:55 AM (IST)Updated: Sat, 09 Jan 2021 07:55 AM (IST)
नगर निगम की बड़ी कार्रवाई, बरेली में सील किए आयुर्वेदिक अस्पताल सहित 22 प्रतिष्ठान
नगर निगम की बड़ी कार्रवाई, बरेली में सील किए आयुर्वेदिक अस्पताल सहित 22 प्रतिष्ठान

बरेली, जेएनएन। बरेली विकास प्राधिकरण के बाद नगर निगम ने भी शुक्रवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए प्रेमनगर स्थित धर्मदत्त सिटी अस्पताल को सील करने के लिए प्र्वतन दल की टीम को भेजा। आयुर्वेदिक अस्पताल के सड़क पार वाले हिस्से की जमीन को नगर निगम ने अपने कब्जे में ले लिया। बाद में अस्पताल को सील करने पहुंची टीम ठिठक गईं, क्योंकि मरीज भर्ती थे। उनका इलाज चल रहा था। प्र्वतन दल ने अधिकारियों को वास्तु स्थिति से अवगत कराया। इसके बाद धर्मदत्त सिटी अस्पताल के सामने चल रही दुकानों को सील किया गया। शहर के बीचो-बीच बेशकीमती 4200 वर्गगज भूमि को नगर निगम अपने कब्जे में लिया है।

loksabha election banner

नगर निगम की चार टीमें प्रवर्तन दल के साथ शहर में बकाएदारों के खिलाफ कार्रवाई के लिए शुक्रवार को निकलीं। प्रवर्तन दल के प्रभारी सुधीर भोला, दस्ता प्रभारी जयपाल सिंह पटेल की टीम प्रेमनगर स्थित धर्मदत्त सिटी अस्पताल पहुंची। वहां मरीज भर्ती होने के कारण उसे सील नहीं किया। उसके बाहर चल रही 22 दुकानों को सील किया गया। अस्पताल के बराबर में 4200 वर्ग गज भूमि निगम की है। वहां दो साल पहले कुछ हिस्सा निगम अपने कब्जे में ले चुका है।

शुक्रवार को वहां चल रहे आयुर्वेदिक अस्पताल को भी निगम ने सील कर कब्जे में ले लिया। आयुर्वेदिक अस्पताल के स्टाफ ने तमाम नेताओं और अधिकारियों को फोन कर कार्रवाई रोकने की मांग की, लेकिन कार्रवाई नहीं रुकी। दूसरी टीम ने रोडवेज के पास शराब के ठेके पर सीलिंग की कार्रवाई शुरू की तो वहां से आठ लाख का बकाया टैक्स मिल गया।

होटल ओबरॉय आनंद पहुंचते ही उन्होंने पांच लाख का चेक थमा दिया। परसाखेड़ा में टंडन कंटेनर फैक्ट्री पर 5.74 लाख का टैक्स बकाया था। उसने भी कुछ धनराशि जमा कराई। एक गोदाम जिस पर सात लाख का बकाया था, मौके पर डेढ़ लाख जमा हुआ। सैदपुर हाकिंस में गत्ता फैक्ट्री पर 1.74 लाख का बकाया होने पर उसे भी सील कर दिया गया।

जिला पूर्ति विभाग के क्षेत्रीय कार्यालय को दिया समय

धर्मदत्त सिटी अस्पताल के बाहर बनी दुकानों के ऊपर जिला पूर्ति विभाग का क्षेत्रीय कार्यालय भी बना है। वहां सीलिंग के दौरान स्टाफ ने अपने उच्चाधिकारियों से फोन पर बात की। जिसके बाद नगर निगम की टीम ने उन्हें सोमवार तक का समय दे दिया।

धर्मदत्त सिटी अस्पताल के खिलाफ नगर निगम सुप्रीम कोर्ट से मुकदमा जीत चुका है। वहां जो दुकानें, ऑफिस हैं, उन्हें नोटिस भेजकर किराएदारी का एग्रीमेंट करने को कहा गया था। सीएमओ को दोबारा पत्र लिखकर उनसे अस्पताल का लाइसेंस निरस्त करने को कहा जाएगा। अजीत कुमार सिंह, अपर नगर आयुक्त

धर्मदत्त सिटी अस्पताल को दोबारा लाइसेंस कैसे दिया

निगम ने दो साल पहले धर्मदत्त अस्पताल पर कार्रवाई की थी। उस समय भी वहां मरीज होने के कारण कार्रवाई रोकते हुए एक महीने में खाली करने को कहा गया था। सीएमओ को भी पत्र देकर निगम की भूमि पर अस्पताल चलने की जानकारी दी गई थी। इस पर अस्पताल का लाइसेंस सीएमओ ने निरस्त कर दिया था। बाद में दोबारा लाइसेंस दे दिया गया।

नगर निगम दोबारा सीएमओ को लाइसेंस निरस्त करने को पत्र देगा। इस मामले में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. एसके गर्ग का कहना था कि स्वास्थ्य विभाग के पास डॉक्टर की डिग्री और हॉस्पिटल रजिस्ट्रेशन देने का अधिकार है। बिल्डिंग विवादित है या किसी अन्य तरह की जानकारी नगर निगम या संबंधित प्राधिकरण देता है। यहां से एनओसी कैसे मिली, इसे चेक कराया जाएगा।

 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.