मांगी नाव न केवट आना, भय कुमार मरम मय जाना..
अयोध्या से वन की ओर जाते समय रास्ते में सरयू नदी पड़ी। प्रभु श्रीराम ने मल्लाह केवट से नदी पार कराने को कहा तो केवट ने पहले उनसे चरण धोने को कहा। उसने कहा कि प्रभु आपके चरण स्पर्श मात्र से जब पत्थर नारी में बदल गया तो मेरी नाव तो लकड़ी की है।
बरेली, जेएनएन : अयोध्या से वन की ओर जाते समय रास्ते में सरयू नदी पड़ी। प्रभु श्रीराम ने मल्लाह केवट से नदी पार कराने को कहा, तो केवट ने पहले उनसे चरण धोने को कहा। उसने कहा कि प्रभु आपके चरण स्पर्श मात्र से जब पत्थर नारी में बदल गया, तो मेरी नाव तो लकड़ी की है। यह नारी में बदल गई, तो मैं अपने परिवार का भरण पोषण कैसे करूंगा। केवट की बात सुनकर प्रभु ने उसे पैर धोने इजाजत दी। नदी पार करने के बाद जब प्रभु श्रीराम ने केवट को मल्लाही देनी चाही, तो केवट ने हाथ जोड़कर मना कर दिया। बोला, प्रभु आप भी मेरी तरह मल्लाह ही है। फर्क सिर्फ इतना है कि मैं लोगों को नदी पार कराता हूं। आप लोगों को भवसागर पार कराते हैं। इस पर प्रभु श्रीराम केवट को आशीर्वाद देकर आगे बढ़ गए। श्री रानी महालक्ष्मी बाई रामलीला समिति के तत्वाधान में 453 वीं रामलीला के दौरान सरयू नदी पार करने का मंचन किया गया। कोविड-19 की गाइड लाइन का पालन करते हुए हो रही रामलीला में आगे का मंचन रामलीला मैदान में हुआ। इस लीला के मंचन के बाद राम-भरत मिलन, सीता -अनसुइया मिलन, अत्रि मिलन, जयंत कुटिलता की लीला का मंचन बड़ाबाग हनुमान मंदिर पर हुआ। इस दौरान दीपेश-अग्रवाल, रामगोपाल मिश्रा, प्रभु नारायण तिवारी, धीरेंद्र शुक्ला, शिव नारायण दीक्षित, बृजेश प्रताप सिंह, कृष्ण चंद्र दीक्षित, आदित्य नारायण मिश्रा, सौभाग्य सक्सेना समेत अन्य मौजूद रहे। जिला कारागार में हुआ परशुराम-लक्ष्मण संवाद
वहीं, जिला कारागार में बंदियों द्वारा आयोजित रामलीला में ताड़का वध व परशुराम-लक्ष्मण संवाद की लीला का मंचन किया गया। सुभाषनगर में हो रही संगीतमय रामलीला पाठ में रविवार को अहिल्या उद्धार, धनुष यज्ञ, परशुराम-लक्ष्मण संवाद तक की लीला का गायन श्री राधेश्याम रामायण से महंत रामलखन दास, नरसिंह दास, नमन, कौशल, प्रदीप चौबे के द्वारा किया गया। उसके बाद आरती व प्रसाद का वितरण किया गया। यहां अशोक शर्मा, आलोक तायल, राजकुमार तिवारी, अखिलेश सिंह, उदयवीर सिंह, जगदीश सक्सेना, प्रदीप अग्रवाल, राजेंद्र सिंह, अमित भारद्वाज, प्रवीण शर्मा, ललित सिंह उपस्थित रहे। वहीं उत्तराखंड सांस्कृतिक समाज की 40 वीं वार्षिक श्रीरामलीला महोत्सव में रविवार को रामायण दोहा 240 से दोहा 358 तक बालकांड बैठकी रामलीला में धनुष यज्ञ, परशुराम लक्ष्मण संवाद का मंचन किया गया।