सामूहिक दुष्कर्म के मामले में पूर्व शिवसेना नेता सहित तीन को उम्रकैद, Bareilly News
शिवसेना का पूर्व पदाधिकारी बताने वाले पंकज पाठक और दो साथियों जितेंद्र शर्मा व अविनाश को अपर सत्र न्यायाधीश ने उम्र कैद की सजा सुनाई है। 87 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है।
जेएनएन, बरेली : अपर सत्र न्यायाधीश की अदालत ने सामूहिक दुष्कर्म के एक मामले की सुनवाई करते हुए खुद को शिवसेना का पूर्व पदाधिकारी बताने वाले पंकज पाठक और दो साथियों जितेंद्र शर्मा व अविनाश को उम्र कैद की सजा सुनाई है। 87 हजार रुपये के जुर्माने से भी दंडित किया है।
2017 में दर्ज हुआ था मामला : इस मामले की रिपोर्ट थाना सुभाषनगर में 26 जून 2017 की दर्ज कराई गई थी। पीड़िता की सास ने बताया था कि आरोपित अपने घर पर लड़कियों को लेकर आते थे। पीडिता का मकान उनके मकान के आमने सामने था। इन हरकतों का परिवार विरोध करता था।
आरोपितों ने पूर्व में धमकी दे रखी थी कि उनका अंजाम बुरा होगा। घटना वाले दिन शाम साढ़े सात बजे वह अपनी बहू के साथ घर पर ही घर थीं। चार आरोपित घुस आए और पुत्र वधू से सामूहिक दुष्कर्म किया। शोर शराबे पर मुहल्ले के काफी लोग आ गए। वे धमकी देकर जाने लगे तो लोगों ने विरोध किया।
फिर मारपीट शुरू हो गई । इतने में भीड़ ने सभी को घेर लिया। चार आरोपितों में तीन पकड़ लिए गए जबकि अनिल सक्सेना भाग निकला। पकड़े तीनों को तीनों को पुलिस के सुपुर्द कर दिया गया था। पुलिस ने पंकज पाठक, जितेंद्र शर्मा, अविनाश उर्फ अंशू के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी। जबकि अनिल सक्सेना के खिलाफ बाद में दाखिल हुई थी।
सुभाषनगर में हुए सामूहिक दुष्कर्म मामले में कोर्ट ने अपने फैसले में उल्लेख किया कि गवाहों ने दहशत में आकर बयान बदलने की कोशिश की। अदालत का काम है कि सच्चाई जानने का प्रयास करे और भूसे से दाने निकाल ले। घटनाक्रम से साबित है कि आरोपित महिलाओं का सम्मान करने वाले नहीं हैं। गवाहों के बयान बदलवाने का प्रयास किया।
सरकारी वकील सुरेश बाबू साहू ने अदालत में पांच गवाह पेश किए। स्पेशल जज श्रीकृष्ण चंद्र सिंह ने तीन को दोषी साबित करते हुए बीस-बीस साल के कठोर कारावास के साथ 87 हजार रुपये जुर्माने से भी दंडित किया है। जुर्माने की पूरी रकम पीड़िता को दी जाएगी। जबकि अलग पत्रवली में साक्ष्य के अभाव में अनिल सक्सेना को बरी कर दिया।
मौके से गिरफ्तारी बनी बड़ा सबूत
दोषी पंकज पाठक निवासी तिलक कॉलोनी व गणेश नगर के जितेंद्र शर्मा और अविनाश उर्फ अंशु को मौके से पकड़ कर थाने पहुंचाया था। मारपीट में तीनों को चोटें भी आई थीं। थाने की जीडी में पुलिस ने इसका तस्करा डाला था। पीड़िता ने अदालत में दिए बयान में कहा कि वह चाहती है कि तीनों कभी जेल से न छूटे और उन्हें सख्त सजा हो।