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Coronavirus Update: बिना लक्षण वाले मरीजों के लिए लेवल-वन आइसोलेशन वार्ड Bareilly News

डीएम नितीश कुमार ने एसिम्टोमेटिक (बिना लक्षण वाले) मरीजों के लिए लेवल वन का नया आइसोलेशन वार्ड बनाने के निर्देश दिए हैं ताकि कोरोना वायरस के बदलते व्यवहार पर स्टडी हो सके।

By Edited By: Published: Thu, 28 May 2020 02:18 AM (IST)Updated: Thu, 28 May 2020 02:28 PM (IST)
Coronavirus Update: बिना लक्षण वाले मरीजों के लिए लेवल-वन आइसोलेशन वार्ड Bareilly News
Coronavirus Update: बिना लक्षण वाले मरीजों के लिए लेवल-वन आइसोलेशन वार्ड Bareilly News

बरेली, जेएनएन । फ्लू के लक्षण दिखने पर कोरोना जांच कराने का सुझाव देने वाले डॉक्टरों की राय को कोरोना वायरस ने अपने व्यवहार में बदलाव कर झुठला दिया है। महाराष्ट्र, गुजरात और राजस्थान से आने वाले प्रवासियों में कोरोना संक्रमण भले ही मिला, लेकिन लक्षण नहीं दिखे।

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डीएम नितीश कुमार ने एसिम्टोमेटिक (बिना लक्षण वाले) मरीजों के लिए लेवल वन का नया आइसोलेशन वार्ड बनाने के निर्देश दिए हैं, ताकि कोरोना वायरस के बदलते व्यवहार पर स्टडी हो सके। महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान से आने वाले प्रवासियों में कोरोना संक्रमण से बरेली की स्थिति खराब हो गई है। जिला भले ही ऑरेंज जोन में शामिल हो चुका हो, लेकिन स्वास्थ्य विभाग और प्रशासकीय अधिकारी लगातार संक्रमण बढ़ने की आशंका जता रहे हैं। 300 बेड अस्पताल में कोरोना संक्रमितों के सैंपल लेने वाले डॉ. अजमेर बताते हैं कि ये नया परिवर्तन है। अब संक्रमण के लक्षण नजर नहीं आते हैं।

प्रतिदिन 40 नए सैंपल लिए जा रहे हैं। 46 ऐसे मरीज 300 बेड अस्पताल में भर्ती हैं, जिनमें कोरोना संक्रमण के लक्षण नजर नहीं आए हैं। अब उनकी रिपोर्ट का इंतजार है। डॉ. रंजन गौतम के मुताबिक कोरोना संक्रमित मरीजों को बिथरीचैनपुर, उझानी और पीलीभीत के एल-वन अस्पतालों में आइसोलेशन में रखा जाता है। 400 नमूनों पर चल रहा शोध कुछ दिन पहले आइसीएमआर की टीम भी वायरस के इसी व्यवहार का अध्ययन करने बरेली आई थी। 400 सैंपलों पर मुख्यालय की लैब में शोध चल रहा है।

कोरोना चेन ढूंढने में स्वास्थ्य विभाग नाकाम हजियापुर और ब्रह्मापुरा के संक्रमितों की चेन खोजने में नाकाम रहे स्वास्थ्य विभाग के सामने अब साहूकारा के संक्रमित बुजुर्ग की चेन खोजने की नई चुनौती है। कोई ट्रैवेल हिस्ट्री नहीं होने से माना जा रहा है कि अस्पतालों में इलाज के दौरान संक्रमण मिला होगा। वर्जन संक्रमण के लक्षण उजागर नहीं होने वाले मरीजों को अलग रखने से वायरस के व्यवहार को समझने में आसानी होगी।

मरीजों के बढ़ने की दशा में नया आइसोलेशन वार्ड बनाए जाने पर विचार किया जा रहा है। अभी कई मरीजों के सोर्स के बारे में जानकारी नहीं मिली है। खासकर वह मरीज, जिनकी संक्रमण के दौरान मौत हो गई है। - नितीश कुमार, डीएम


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