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बदायूं में फूटा लेटर बम, आधी रात के बाद 102 एंबुलेंस के संचालन पर लगी रोक, जानिए वजह

Badaun 102 Ambulance News एंबुलेंस 102 को संचालन करने वाली हैरदराबाद की जीवीकेईएमआरआइ कार्यदायी संस्था के अफसर मनमानी पर उतारू हो गए हैं। कर्मचारियों की बर्खास्तगी के साथ ही अब आधी रात के बाद 80 फीसद एंबुलेंसों के संचालन पर रोक लगा दी है।

By Ravi MishraEdited By: Published: Sun, 03 Oct 2021 04:57 PM (IST)Updated: Sun, 03 Oct 2021 04:57 PM (IST)
बदायूं में फूटा लेटर बम, आधी रात के बाद 102 एंबुलेंस के संचालन पर लगी रोक, जानिए वजह
बदायूं में फूटा लेटर बम, आधी रात के बाद 102 एंबुलेंस के संचालन पर लगी रोक, जानिए वजह

बरेली, जेएनएन। Badaun 102 Ambulance News: एंबुलेंस 102 को संचालन करने वाली हैरदराबाद की जीवीकेईएमआरआइ कार्यदायी संस्था के अफसर मनमानी पर उतारू हो गए हैं। कर्मचारियों की बर्खास्तगी के साथ ही अब आधी रात के बाद 80 फीसद एंबुलेंसों के संचालन पर रोक लगा दी है। ऐसे में जहां मरीजों को दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। इस मामले का एक लेटरबम फूटा है। जिसमें रीजनल मैनेजर पर गंभीर आरोप लगाते हुए सीएमओ डा. विक्रम सिंह पुंडीर से पत्र के माध्यम से शिकायत की गई है।

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एंबुलेंस कर्मचारियों ने सीएमओ डा. विक्रम सिंह पुंडीर को भेजे शिकायती पत्र में कहा है कि बदायूं के रीजनल मैनेजर राजीव कुमार के द्वारा 102 एंबुलेंस की सेवाओं को बाधित किया जा रहा है। रीजनल मैनेजर के द्वारा रात 12 बजे के बजे 80 फीसद एंबुलेंसों के संचालन पर पाबंदी लगा दी गई है। जिससे रात के समय मरीजों और उनके तीमरदारों को अस्पतास तक पहुंचने में खासा परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। तो वहीं कंट्रोम रूम को काल करने के बाद तीमारदार एंबुलेंस पर कार्यरत कर्मचारियों से अभ्रद भाषा का प्रयोग कर रहे है।

कंपनी के अफसरों द्वारा किए जा रहे ऐसे कृत्य से सरकार की छवि जनता के बीच धूमिल हो रही है। जबकि सरकार और कंपनी के बीच इस प्रकार से कोई भी अनुबंध नहीं हुआ है। वायरल लेटर में कर्मचारियों ने सभी 102 की एंबुलेंसों को रात्रि के समय सुचारू रूप से संचालन की मांग की है। शिकायती पत्र में आरोप लगाया गया है कि समरेर सीएचसी पर तैनात कर्मचारी ने गत दिनों कंपनी के अफसरों के रवैये और बर्खास्तगी से तंग आकर खुदकुशी कर ली थी।

वेतन और डीजल डकार रहे अफसर

एंबुलेंस कर्मचारियों का कहना है कि कंपनी के अफसरों द्वारा ऐसा करने से डीजल और कर्मचारियों के वेतन की बचत की जा ही है। जिससे अफसर लाखों रूपयों की बचत कर आपस में बंदरबांट कर रहे है। जिले में कुल 78 एंबुलेंस संचालित है। जिसमें 41 एंबुलेंस 102 और 37 108 की है। रात्रि के समय 80 फीसद 102 की एंबुलेंसों के संचालन पर रोक लगा दी गई है।

कंपनी के अफसर रात्रि के समय एंबुलेंस के संचालन को बंदकर वेतन और डीजल में खर्च होने पर रुपयों का बंदरबांट कर रहे है। इस स्थिति में कर्मचारियों के साजिसमेंथ मरीजों को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। दिनेश कुमार, जिला अध्यक्ष, जीवन दायिनी स्वस्थ्य विभाग

एक शिकायती पत्र प्राप्त हुआ है। कार्यदायी संस्था के संबंधित अफसरों को नोटिस देकर जानकारी ली गई है कि किस क्षेत्र में कितनी एंबुलेंस संचालित है। फिलहाल रात्रि के समय एंबुलेंसों का संचालन हो रहा है। डा. विक्रम सिंह पुंडीर, सीएमओ


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