पीलीभीत में मुर्गी-बत्तखों की शामत, हैरान करने वाली है वजह
गांव में मुर्गी पालन रोजगार का जरिया है। बत्तख भी हैं। जिले में इन दिनों मुर्गी बत्तखों की शाम आई हुई है। रात में गृह स्वामी इन्हें बाड़े में रखता है। सुबह ये मृत मिलती हैं। कुछ के शरीर का हिस्सा भी नहीं मिल पाता।
जेएनएन, पीलीभीत: गांव में मुर्गी पालन रोजगार का जरिया है। बत्तख भी हैं। जिले में इन दिनों मुर्गी बत्तखों की शाम आई हुई है। रात में गृह स्वामी इन्हें बाड़े में रखता है। सुबह ये मृत मिलती हैं। कुछ के शरीर का हिस्सा भी नहीं मिल पाता। दरअसल, रामनगरा क्षेत्र में एक तेंदुआ आ गया है। वह रात में मुर्गी या बत्तख को उठाकर ले जाता, निवाला बना लेता है।
पीलीभीत टाइगर रिजर्व से सटे इलाके में वन्यजीवों की चहल कदमी कम नहीं हो रही है। लगातार आबादी क्षेत्र में आकर अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं। इससे ग्रामीण भयभीत और दहशत में हैं। वन विभाग की तरफ से कोई प्रयास नहीं किया जा रहा है जिसको लेकर उनमें रोष देखा जा रहा है। पीटीआर की बराही रेंज से सटे गांव पुरैना तालुके महाराजपुर में पिछले कुछ दिनों से एक तेंदुआ सक्रिय हो गया है। शाम के समय जंगल से निकलकर लोगों के घरों में पहुंचकर उनके पालतू पशुओं पर हमला कर रहा है। इससे ग्रामीण रात भर जागकर काटने को मजबूर हैं। पांच दिन पहले तेंदुआ ने विजन विश्वास के घर में घुसकर उनकी फालतू मुर्गियों को हमला कर मार दिया था। गुरुवार की रात को फिर तेंदुआ ने दस्तक दी। इस बार खोखन विश्वास के घर में घुस गया। उनकी पांच बत्तख मुंह में दबाकर जंगल की ओर भाग गया। जब तक वह लोग शोर शराबा करते तब तक वह निकल चुका था। तेंदुआ के घरों में आकर पालतू जानवर और मुर्गी आदि पर हमला करने से ग्रामीण परेशान हैं। उन्होंने मानिटङ्क्षरग की मांग की है।