बरेली में पैमाइश के बदले दस हजार की रिश्वत लेते हुए पकड़ा गया था लेखपाल, पुलिस ने भेजा जेल
तहसीलदार ने हल्का लेखपाल जयेन्द्र गंगवार को कार्रवाई करने के आदेश दिए थे। जब किसान ने लेखपाल जयेन्द्र गंगवार से भूमि की पैमाईश करने को कहा तो वह उनसे 10 हजार रुपए की रिश्वत की मांग करने लगा। शिकायत वीरेंद्र ने डीएम के साथ एंटी करप्शन से भी की।
बरेली, जेएनएन। नवाबगंज में जमीन की पैमाईश करने के नाम पर रिश्वत मांगने वाले लेखपाल को शनिवार को पुलिस ने जेल भेज दिया। ग्राम बीजामऊ निवासी वीरेन्द्र कुमार साध की कस्बे से सटे याकूबपुर गांव में जमीन है । उनकी भूमि के पास ही याकूबपुर गांव का एक व्यक्ति प्लाटिंग कर रहा था। जिसे देखते हुए उन्होंने भूमि की पैमाईश के लिए तहसीलदार को प्रार्थना पत्र दिया था। जिस पर तहसीलदार ने हल्का लेखपाल जयेन्द्र गंगवार को कार्रवाई करने के आदेश दिए थे। जब किसान ने लेखपाल जयेन्द्र गंगवार से भूमि की पैमाईश करने को कहा तो वह उनसे 10 हजार रुपए की रिश्वत की मांग करने लगा। जिसकी शिकायत वीरेंद्र ने डीएम से करने के साथ एंटी करप्शन से भी की। शुक्रवार को एंटी करप्शन टीम की प्रभारी पूजा शर्मा ने अपनी टीम के साथ तहसील में कार्यालय पहुंच कर लेखपाल को रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार कर लिया था। जिसकी तलाशी लेने पर एंटी करप्शन टीम को उसके पास से रिश्वत के 10 हजार रुपए के अतिरिक्त 83 हजार रुपए और मिले थे। एंटी करप्शन टीम ने उसके खिलाफ थाना नवाबगंज में रिपोर्ट दर्ज कराकर उसे पुलिस के हवाले कर दिया था। शनिवार को पुलिस ने उसे जेल भेज दिया।
पहले भी आ चुके हैं इस तरह के मामले
ऐसा नहीं है कि यह पहली बार मामला सामने आया है बल्कि इसके पहले भी लेखपाल के रिश्वत लेने के कई मामले आ चुके हैं। हालांकि जब मामला सामने आता है और कार्रवाई होती है तो उसके बाद कुछ दिन तक तो लेखपाल सही रहते हैं लेकिन फिर रिश्वत का खेल शुरू हो जाता है। पैमाइश के साथ लेखपाल के जरिए न सिर्फ प्रमाण पत्रों की रिपोर्ट मांगी जाती है बल्कि दूसरे भी कई काम लेखपाल के जरिए ही होते हैं। ऐसे में लेखपाल जमकर उपरी कमाई करते हैं।कुछ दिन पहले रिश्वत ले रहे एक लेखपाल को वीडियो भी वायरल हुआ था ।