लक्ष्मण ने किया विराध राक्षस का वध
14 वर्ष के वनवास काल में प्रभु श्रीराम ऋषि अत्रि ऋषि सुतीक्ष्ण ऋषि अगस्त्य ऋषि वाल्मीकि का दर्शन कर जंगल की ओर प्रस्थान करते हैं। विराध राक्षस उनके रास्ते को रोकने के लिए हाथ बढ़ाता है। बड़े भाई श्रीराम का आदेश पाकर लक्ष्मण अपने तेज धार तलवार से उसके हाथों को काटते हुए वध कर देते हैं।
बरेली, जेएनएन : 14 वर्ष के वनवास काल में प्रभु श्रीराम ऋषि अत्रि, ऋषि सुतीक्ष्ण, ऋषि अगस्त्य, ऋषि वाल्मीकि का दर्शन कर जंगल की ओर प्रस्थान करते हैं। विराध राक्षस उनके रास्ते को रोकने के लिए हाथ बढ़ाता है। बड़े भाई श्रीराम का आदेश पाकर लक्ष्मण अपने तेज धार तलवार से उसके हाथों को काटते हुए वध कर देते हैं। इसके बाद जंगल झाड़ियों, पहाड़ों व नदियों को पार करते हुए श्रीराम शरभंग मुनि के आश्रम पर पहुंचते हैं। ऋषि शरभंग भगवान के तपस्या में समाधिस्थ थे। श्रीराम मुनि को समाधि तोड़ने का आग्रह करते हैं। शरभंगजी प्रभु श्रीराम की मधुर वाणी सुनकर उनके चरणों में लिपट जाते हैं। श्रीराम ऋषि शरभंग मुनि के भक्तियुक्त वाणी को सुनकर उन्हें अपने धाम भेज देते हैं। श्रीरानी लक्ष्मीबाई रामलीला समिति के तत्वाधान में बड़ा बाग हनुमान मंदिर में 453 वें वर्ष श्री रामलीला मंचन में यह दृश्य देख भक्तजन भाव विभोर हो उठते हैं। वहीं, अगले प्रसंग में दंडवन में प्रभू की जटायू महाराज से मित्रता का मंचन किया गया। मुख्य रूप से समिति के अध्यक्ष रामगोपाल मिश्रा, प्रभू नारायन तिवारी, धीरेंद्र शुक्ला, सौभाग्य सक्सेना, गोपाल मिश्रा, आदित्य नारायन मिश्रा, शिव नारायन दीक्षित मौजूद रहे। जिला कारागार में राजा दशरथ की प्रतिज्ञा
वहीं जिला कारागार में आयोजित श्री रामलीला महोत्सव में बंदियों ने सीता स्वयंवर, परशुराम-लक्ष्मण संवाद तथा दशरथ की प्रतिज्ञा पालन का मंचन किया गया। सोमवार को केवल महिला बंदी शारीरिक दूरी का पालन करते हुए रामलीला मंचन स्थल पर बैठकर लीला देखी। इसी प्रकार सुभाष नगर रामलीला में कन्यादान राम विवाह तक की लीला का गायन श्री राधेश्याम रामायण से पंडित प्रदीप चौबे, डॉ. अनिल मिश्रा, डॉ. जितेंद्र शर्मा, नमन व महिला सत्संग मंडल सुभाष नगर के द्वारा किया गया। उसके बाद आरती वा प्रसाद वितरण किया तो महिला सत्संग द्वारा उपस्थित सभी लोगो को राम विवाह के उपलक्ष्य में मिष्ठान वितरित किया गया। मंत्री आलोक तायल, राजकुमार तिवारी, अखिलेश सिंह, उदयवीर सिंह, जगदीश सक्सेना, प्रदीप अग्रवाल, प्रवीण शर्मा मौजूद रहें। वहीं, उत्तराखंड सांस्कृतिक समाज द्वारा आयोजित बैठकी श्रीराम लीला महोत्सव में धनुष यज्ञ, परशुराम-लक्ष्मणसंवाद की लीला का मंचन किया गया।