Move to Jagran APP

संघर्ष की कलम से लिखी कामयाबी की कहानी, जानिए बॉलीवुड तक कैसे पहुंची नेहा

बेटियों को कभी बोझ माना गया, तो कभी बेटों से कमतर।

By JagranEdited By: Published: Sun, 07 Oct 2018 05:22 PM (IST)Updated: Sun, 07 Oct 2018 06:20 PM (IST)
संघर्ष की कलम से लिखी कामयाबी की कहानी, जानिए बॉलीवुड तक कैसे पहुंची नेहा
संघर्ष की कलम से लिखी कामयाबी की कहानी, जानिए बॉलीवुड तक कैसे पहुंची नेहा

जागरण संवाददाता, शाहजहांपुर : बेटियों को कभी बोझ माना गया, तो कभी बेटों से कमतर। जिले की एक बेटी नेहा गुप्ता ने मेहनत से खुद अपनी तकदीर लिख समाज की इस सोच को बदल दिया। घर से लेकर समाज की धारणा से संघर्ष कर बॉलीवुड में अपना मुकाम हासिल किया। घर में जरूरत पड़ी तो बेटे की तरह मजबूती से खड़ी हुई। कैंसर से पीड़ित पिता के इलाज को जुटी, मां और भाइयों-बहनों के करियर के लिए संरक्षक बनी।

loksabha election banner

शहर में रहने वाले जगदीश प्रसाद की आठ बेटियों और तीन बेटों में दूसरे नंबर की है नेहा गुप्ता। कुनबा बड़ा था और पिता की सीमित आय। अभावों से मोर्चा लेकर उसने अपनी राह बनाने की ठानी। परिवार की जरूरत के लिए पढ़ाई के साथ ही एक लोकल सिटी चैनल के लिए न्यूज रीडिंग की। एमकॉम के बाद लखनऊ में अभिनय का कोर्स किया। संघर्ष फिर भी खत्म नहीं हुआ। मुंबई में काम पाने के लिए दिनरात मेहनत की। फिर इस देश में है मेरा दिल, हादसा, सात फेरे सात वचन, चंद्रनंदिनी, भाग्य विधाता आदि सीरियल में काम मिला। किस्मत चमकी। अपनी अदाकारी से बॉलीवुड का ध्यान आकर्षित किया। हाल ही में रिलीज हुई बियॉन्ड द क्लाउड्स और हसीना पारकर फिल्म में मजबूत किरदार निभाने का मौका मिला। यूट्यूब पर भी कई वीडियो सीरीज में काम किया।

घर पर मुसीबत आयी तो बनी संरक्षक

नेहा जब मुंबई में संघर्ष कर रही थी उसी दौरान पिता को कैंसर हो गया। पता चलने पर सबकुछ छोड़कर उनके इलाज में जुटी। अपनी कमाई से उनका इलाज कराया, लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था। 2016 पिता का निधन हो गया। नेहा ने संरक्षक की तरह तीन कुंवारी बहनों की पढ़ाई कराने का बीड़ा उठाया। छोटे भाइयों के करियर के लिए आर्थिक, मानसिक रूप से मजबूती से साथ दिया। इस यात्रा में पति ज्वॉयदीप ने हमेशा साथ दिया।

हालातों से झुकना नहीं, लड़ना है

नेहा कहती हैं विपरीत परिस्थितियों से कभी झुकना या डरना नहीं, लड़ना ही मूल मंत्र रहा है। लखनऊ में पढ़ाई के दौरान चारबाग स्टेशन पर एक शोहदे ने चोरी से अपने मोबाइल से उनका फोटो ले लिया तो प्लेटफॉर्म पर उससे मोबाइल छीनकर पिटाई की थी। मुंबई में एक पड़ोसी उनके दरवाजे पर प्लीज काल मी की स्लिप चिपकाकर चला जाता था। पुलिस में शिकायत कर उसे जेल भिजवाया।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.