बरेली के 300 बेड कोविड हॉस्पिटल में कैसे हो शासन के आदेश का पालन, इंजेक्शन और स्टाफ की कमी से जूझ रहा अस्पताल
Bareilly 300 Bed Hospital News कोविड-19 ने एक बार फिर कहर बरपाना शुरू कर दिया है। जिले में ही मार्च महीने में कोरोना संक्रमितों की संख्या 175 से ऊपर पहुंच चुकी है। ऐसे में शासन ने दोबारा अलर्ट जारी कर स्वास्थ्य विभाग को कोविड जांच बढ़ाने का आदेश दिया।
बरेली, जेएनएन। Bareilly 300 Bed Hospital News : कोविड-19 ने एक बार फिर कहर बरपाना शुरू कर दिया है। जिले में ही मार्च महीने में कोरोना संक्रमितों की संख्या 175 से ऊपर पहुंच चुकी है। ऐसे में शासन ने दोबारा अलर्ट जारी कर स्वास्थ्य विभाग को कोविड जांच बढ़ाने का आदेश दिया। लेकिन मानव संसाधन और उचित दवाओं का टोटा होना से मरीजों को उचित इलाज नहीं मिल रहा है। मंडल में कोविड संक्रमित मरीज बरेली के 300 बेड कोविड हॉस्पिटल में भर्ती किए जा रहे हैं। लेकिन यहां संक्रमितों के लिए जरूरी इंजेक्शन न होने और स्टाफ की कमी से मरीजों को उचित इलाज और देखरेख नहीं मिल पा रही है।
इनऑक्सापेरिन इंजेक्शन का टोटा
मार्च माह की शुरूआत से दोबारा कोविड के केस बढ़े हैं। वहीं वर्तमान में कोविड हॉस्पिटल में 13 संक्रमित एडमिट भी है। उनके इलाज में सबसे अहम है इनऑक्सापेरिन इंजेक्शन। इस इंजेक्शन का पिछले दो माह से हॉस्पिटल में टोटा है। इसकी डिमांड भी प्रबंधन ने विभाग को भेज दी है लेकिन अभी तक इंजेक्शन नहीं भेजे गए हैं।
खून पतला करने के काम आता है इंजेक्शन
डॉक्टरों के अनुसार कोरोना वायरस की चपेट में आने के बाद मरीज की बॉडी के खून को यह वायरस का संक्रमण गाढ़ा करने लगता है। इससे रक्तसंचार प्रभावित होता है। इससे बचाने के लिए मरीज को इनऑक्सोपेरिन इंजेक्शन लगाया जाता है। जिससे मरीज में संक्रमण का प्रभाव कम होता है।
पैरामेडिकल और नर्सिंग स्टाफ हटाया गया
बीते मंगलवार को 300 बेड कोविड हॉस्पिटल में तैनात 30 पैरामेडिकल और नर्सिंग स्टाफ को शासन के आदेश पर हटाया दिया गया। हटाया गया स्टाफ अस्थाई कर्मचारी हैं। जिस कारण कोविड एल टू और एल वन में एडमिट मरीजों को सुविधाएं देने की प्रक्रिया प्रभावित हो रही है। वहीं दोबारा तैनाती को पिछले चार दिनों से दोबारा तैनाती को लेकर 300 बेड हॉस्पिटल के गेट पर धरना दे रहा है। शुक्रवार को दूसरे दिन भी धरना जारी रहा।
स्टाफ और इंजेक्शन की कमी के चलते दिक्कत हो रही है। इंजेक्शन खत्म होने के फौरन बाद ही डिमांड भेज दी गई थी, लेकिन अभी तक मिल नहीं सके हैं।- डॉ. वागीश वैश्य, सीएमएस, 300 बेड कोविड हॉस्पिटल