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कोर्ट के र‍िमांडर पर ज‍िला प्रशासन की सुस्ती, पत्रवली के इंतजार में ही बीते 22 साल Bareilly News

कोर्ट ने डीएम से कहा है कि इस बात की जांच की जाए कि किसकी लापरवाही से उसके आदेश का पालन नहीं हुआ है।

By Abhishek PandeyEdited By: Published: Fri, 06 Sep 2019 08:55 AM (IST)Updated: Fri, 06 Sep 2019 01:47 PM (IST)
कोर्ट के र‍िमांडर पर ज‍िला प्रशासन की सुस्ती, पत्रवली के इंतजार में ही बीते 22 साल Bareilly News
कोर्ट के र‍िमांडर पर ज‍िला प्रशासन की सुस्ती, पत्रवली के इंतजार में ही बीते 22 साल Bareilly News

बरेली, जेएनएन : कुछ मामलों के निस्तारण के लिए शासन की तरफ से हाईकोर्ट में अपील की गई थी। जब कोर्ट ने इन मामलों से जुड़ी फाइल तलब की तो फाइलों की खोजबीन हुई। फाइलें 1997 में मिल भी गईं लेकिन 21 साल बीतने के बाद भी यह फाइलें कोर्ट तक नहीं पहुंच पाईं। इस मामले में कोर्ट की तरफ से जिला प्रशासन को पत्र भी भेजे गए लेकिन प्रशासन की तरफ से कोई जवाब नहीं भेजा गया। अब कोर्ट ने डीएम से कहा है कि इस बात की जांच की जाए कि किसकी लापरवाही से उसके आदेश का पालन नहीं हुआ है। उस कर्मचारी के खिलाफ कार्रवाई की जाए।

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इस मामले में हाईकोर्ट ने डीएम कार्यालय से जानकारी मांगी थी। जब पत्रवलियों की अभिलेखागार दीवानी न्यायालय में खोजबीन की गई तो पता चला कि एक अक्टूबर 1997 को यह पत्रवलियां राज कुमार चोपड़ा को प्राप्त कराई गई हैं। कई बार न्यायालय द्वारा रिमाइंडर भेजा गया लेकिन न तो कार्यालय से जवाब भेजा गया और न ही कोई पत्रवली भेजी गई। इसके बाद अब कोर्ट संख्या तीन के अपर सत्र न्यायाधीश मयंक चौहान ने डीएम को पत्र लिखकर कहा है कि वह अपने अधीनस्थ किसी सक्षम अधिकारी को जांच अधिकारी नियुक्ति करें और इस मामले की जांच कराकर रिपोर्ट भेजें। इसके साथ पत्रवली भी मांगी है।

मामला संज्ञान में आया है। जल्द ही कोर्ट को मांगी गई पत्रवलियां पहुंचा दी जाएंगी। - वीरेंद्र कुमार सिंह, डीएम


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