Move to Jagran APP

स्वदेशी से स्वत: हो जाएगी राष्ट्र की समृद्धि : कृष्णाराज

शाहजहांपुर में केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री कृष्णाराज ने स्वदेशी विचार जाग्रत होने पर जोर दिया।

By JagranEdited By: Published: Mon, 18 Jun 2018 08:59 AM (IST)Updated: Mon, 18 Jun 2018 08:59 AM (IST)
स्वदेशी से स्वत: हो जाएगी राष्ट्र की समृद्धि : कृष्णाराज
स्वदेशी से स्वत: हो जाएगी राष्ट्र की समृद्धि : कृष्णाराज

बरेली (जेएनएन) : मंडल के जिले शाहजहांपुर में केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री कृष्णाराज ने कहा कि स्वदेशी विचार जाग्रत होने स्वत: ही राष्ट्र की समृद्धि हो जाएगी। उन्होंने कहा कि इसकी वजह है कि व्यक्ति में कभी भी विचार समाप्त नहीं हो सकते। केंद्रीय मंत्री शहर के आर्य महिला डिग्री कॉलेज में आयोजित तीन दिवसीय राष्ट्रीय विचार वर्ग के शुभारंभ अवसर पर कार्यक्रम को संबोधित कर रही थी। उन्होंने लोगों से जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए अधिक से अधिक किसानों को भी जागरूक करने का आह्वान किया। कृष्णाराज ने कहा कि उन्होंने अपने मंत्रालय में स्वदेशी खेती व स्वदेशी खाद के लिए प्रयास भी शुरू कर दिए हैं ताकि जैविक खेती को बढ़ावा मिल सके। गौमूत्र के अधिकतम प्रयोग से खेती को लाभ मिल सके। इस संबंध में एक शोध कार्य भी चल रहा है। कार्यक्रम में अन्य वक्ताओं ने भी अपने विचार व्यक्त किए। इससे पहले अतिथियों ने दी द्वीप प्रज्ज्वलन एवं भारत माता, बाबू गेनू एवं दन्तोपन्त ठेंगड़ी जी के चित्रों पर माल्यार्पण कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। अतिथियों का माल्यार्पण पश्चिमी उप्र के प्रांत सह-संयोजक डॉ. अमितेश अमित, गायत्री दीक्षित, जिला सह-संयोजक राज भूषण जौहरी, पंकज टंडन एवं ह्रदय नारायण मिश्र ने किया। एकतरफा व्यापार स्वीकार नहीं : ओझा

prime article banner

कार्यक्रम के मुख्य वक्ता एवं स्वदेशी जागरण मंच के राष्ट्रीय संयोजक अरुण ओझा ने कहा कि अमेरिका जो वैश्विकरण का बड़ा पक्षधर रहा है वो अपने दरवाजे बंद कर रहा है। अमेरिका पूरी दुनिया को बाजार मानकर अपनी नीतियां बना रहा है। उन्होंने कहा कि हमें विदेशी वस्तुओं से कोई परहेज नहीं है। विदेशी कंपनियां हमारे यहां खूब व्यापार करें लेकिन उसके बदले में हमारे देश में जिसका क्रेज सबसे अधिक है उसका व्यापार भी उन देशों को अपने यहां करना होगा। राष्ट्रीय संयोजक ने कहा कि वह एकतरफा व्यापार किसी भी देश को भारत में नहीं करने देंगे। कार्यक्रम में मौजूद लोगों का आवाहन करते हुए कहा कि यदि सभी लोग मिलकर संकल्प ले लें तो निश्चिततौर पर पांच-छह सालों में चीन की अर्थव्यवस्था खत्म हो जाएगी। उन्होंने कहा कि हमें अपने घरेलू बाजार पर ध्यान देना चाहिए। निर्यात आधारित विकास का मॉडल चल नही पायेगा। घरेलू उपभोग के आधार पर जो मॉडल बनेगा, वही हमें विकास की ओर लेकर जाएगा। भारतीय अर्थव्यवस्था को विदेशी प्रभाव से मुक्त कराना है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.
OK