Move to Jagran APP

जानिए कोर्ट ने क्याें की पुलिस पर तीखी टिप्पणी, लिखा- दुर्लभतम मामला, जांच अधिकारी ने दिया सर्वशक्तिमान होने का संदेश

Court Comment on Investigator in Nigohi Triple Murder Case यह दुर्लभ से दुर्लभतम मामला है। क्योंकि जांच अधिकारी ने समाज में गलत संदेश दिया है कि पुलिस सर्वशक्तिमान है। अपराधियों व हत्यारों को निर्दोष बनाने में पूरी तरह सक्षम है।

By Ravi MishraEdited By: Published: Wed, 24 Nov 2021 11:51 AM (IST)Updated: Wed, 24 Nov 2021 11:51 AM (IST)
जानिए कोर्ट ने क्याें की पुलिस पर तीखी टिप्पणी, लिखा- दुर्लभतम मामला, जांच अधिकारी ने दिया सर्वशक्तिमान होने का संदेश
जानिए कोर्ट ने क्याें की पुलिस पर तीखी टिप्पणी, लिखा- दुर्लभतम मामला, जांच अधिकारी ने दिया सर्वशक्तिमान होने का संदेश

बरेली, जेएनएन। Court Comment on Investigator in Nigohi Triple Murder Case : यह दुर्लभ से दुर्लभतम मामला है। क्योंकि जांच अधिकारी ने समाज में गलत संदेश दिया है कि पुलिस सर्वशक्तिमान है। अपराधियों व हत्यारों को निर्दोष बनाने में पूरी तरह सक्षम है। पुलिस एक निर्दोष और असहाय आदमी को हत्यारा बना सकती है। जांच अधिकारी की ओर से दिया गया यह संदेश बड़े पैमाने पर समाज को बताता है कि शिकायत दर्ज करने के लिए पुलिस के पास आने से पहले सावधान रहें। यह टिप्पणी है अपर सत्र न्यायाधीश कक्ष संख्या 43 सिद्धार्थ कुमार वागव की। जिन्होंने फांसी की सजा का आदेश लिखते समय इसके कारण भी बताए हैं।

loksabha election banner

उन्होंने अपने आदेश में लिखा है कि इससे पहले भी कई जघन्य हत्या के मामले हो चुके हैं। यह नया या अलग नहीं है। हत्या के हर एक मामले में पीड़ितों के साथ बर्बरता देखी जाती है। लेकिन जो बात इस मामले को दुर्लभतम मामला बनाती है। वह यह है कि पुलिस ने असली हत्यारों की मिलीभगत से एक निर्दोष पिता को झूठा फंसाया और उसे कातिल बना दिया। दोषियों के साथ आपराधिक मिलीभगत कर पिता को उसकी ही बेटियों का हत्यारा बना दिया। उन्हें गवाह दिनेश कुमार का पूरा समर्थन था। वो तीन छोटी लड़कियां एक दिन बड़ी होकर किसी की पत्नियां, किसी की मां, किसी की बहू बनतीं। इस घटना से एक पल में परिवार तबाह हो गया। जांच अधिकारी का अपराधियों को पूरा समर्थन मिला।

कर्तव्य के खिलाफ चला गया विवेचक

उन्होंने कहा कि इससे पहले कई मुकदमों में सजा सुनाई, लेकिन यह उनसे अलग मुकदमा था। तीन मासूम बच्चियों की मां आंखों के सामने क्रूरतम हत्या कर दी गई। जिस पुलिस अधिकारी का कर्तव्य था कि वह निर्दोष की रक्षा करे। अपराधी को दंडित करे, लेकिन वह उस कर्तव्य के खिलाफ चला गया। गवाह के मनगढ़ंत बयान लिखे और जांच में उसे शामिल किया। यहां पुलिस ने एक पीड़ित, असहाय, निर्दोष पिता को ही अपराधी बना दिया। उन्होंने कहा कि इसमें विवेचक को भी न्यायलय सख्त से सख्त सजा देगा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.