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जानें सात साल पुराने हत्याकांड में अदालत ने सभी आरोपित को क्यों कर दिया बरी, क्या बना आधार

Bareilly Crime News हाफिजगंज के सात साल पुराने भगवत हत्याकांड में शनिवार को सभी आरोपित बरी हो गए। बचाव पक्ष के अधिवक्ता अजय निर्मोही ने बताया कि अभियोजन पक्ष आरोप साबित नहीं कर सका। अदालत ने तीनों आरोपितों को संदेह का लाभ देकर बरी कर दिया।

By Samanvay PandeyEdited By: Published: Sun, 02 Jan 2022 05:10 PM (IST)Updated: Sun, 02 Jan 2022 05:10 PM (IST)
जानें सात साल पुराने हत्याकांड में अदालत ने सभी आरोपित को क्यों कर दिया बरी, क्या बना आधार
हाफिजगंज के अमसा गांव का है मामला, खेत में मिला था शव

बरेली, जेएनएन। Bareilly Crime News : हाफिजगंज के सात साल पुराने भगवत हत्याकांड में शनिवार को सभी आरोपित बरी हो गए। बचाव पक्ष के अधिवक्ता अजय निर्मोही ने बताया कि अभियोजन पक्ष आरोप साबित नहीं कर सका। अदालत ने तीनों आरोपितों को संदेह का लाभ देकर बरी कर दिया। पांच अप्रैल वर्ष 2014 में हाफिजगंज के अमसा गांव के रहने वाले भगवत सरन को खेत में शव मिला था। वह दो अप्रैल को घर से पासबुक लेकर रुपये निकालने सुंदरी गांव स्थित बैंक गया था लेकिन, उसके बाद घर नहीं लौटा था।

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काफी तलाश के बाद भी भगवत के बारे में कोई जानकारी नहीं हो सकी थी। इसके बाद मामले में भगवत सरन के पिता मुन्नालाल मौर्य ने अमसा गांव के ही तीन लोगों हरीश, रामचंद्र व दामोदर के खिलाफ हत्या व अन्य धाराओं में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। आरोप था कि अंतिम बार भगवत को तीनों के साथ ही देखा गया था लिहाजा, पूरे घटनाक्रम में तीनों की भूमिका है। मामले में विवेचक इंस्पेक्टर राजीव कुमार शर्मा ने विवेचना के बाद तीनों के खिलाफ 8 जून वर्ष 2014 को ही कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी थी। इधर, शनिवार को अभियोजन पक्ष मामले में आरोपितों के खिलाफ आरोप साबित नहीं कर सका। लिहाजा, संदेह का लाभ देकर अदालत ने तीनों को बरी कर दिया।

वाहन ने रेलवे क्रासिंग के गेट पर मारीप टक्कर, ट्रेनें प्रभावित : शनिवार को आंवला और बिशारतगंज के बीच रेलवे फाटक टूटने की वजह से रेल यातायात प्रभावित हुआ। बताया जा रहा है कि वाहन की टक्कर से फाटक टूटने के बाद अप और डाउन लाइन की ट्रेनें प्रभावित हो गईं। बता दें कि फाटक संख्या नौ बी पर किसी अज्ञात वाहन ने टक्कर मार दी थी। जिसके बाद गेट खुलने व बन्द होने में दिक्कत होने लगी। ऐसे में काशन व हाथ सिग्नल से ट्रेनों को गुजारा गया। बरेली जंक्शन से मुंबई के लोकमान्य तिलक टर्मिनस को जाने वाले ट्रेन समेत कई ट्रेनों को काशन देकर गुजारा गया।


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