Move to Jagran APP

जानिए क्यों कॉल सेंटर में भी नौकरी के काबिल नहीं है बीटेक के छात्र Bareilly News

केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार के युवाओं में रोजगार की योग्यता कम बताने वाले बयान पर बेशक हल्ला मचा। लेकिन 50 फीसद इंजीनियरिंग के छात्र तो कॉल सेंटर में नौकरी के काबिल नहीं है।

By Abhishek PandeyEdited By: Published: Wed, 25 Sep 2019 09:16 PM (IST)Updated: Wed, 25 Sep 2019 09:16 PM (IST)
जानिए क्यों कॉल सेंटर में भी नौकरी के काबिल नहीं है बीटेक के छात्र Bareilly News
जानिए क्यों कॉल सेंटर में भी नौकरी के काबिल नहीं है बीटेक के छात्र Bareilly News

अतीक खान, बरेली :केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री संतोष गंगवार के युवाओं में रोजगार की योग्यता

loksabha election banner

कम बताने वाले बयान पर बेशक हल्ला मचा। मगर इंजीनियरिंग छात्रों पर सामने आया एक अध्ययन योग्यता में क्षरण की पुष्टि करता है। जानकर अचरज होगा कि एमजेपी रुहेलखंड विश्वविद्यालय के 50 फीसद इंजीनियरिंग के छात्र-छात्राएं तो कॉल सेंटर में भी रोजगार पाने की काबिलियत नहीं रखते हैं।

रुविवि ने एस्पार्यंरग माइंड्स कैंपस एनालिसिस टेस्ट (एमकैट) कराया। टेस्ट में प्रदर्शन के आधार पर छात्रों में

रोजगार पाने की क्षमता का अध्ययन किया गया। रिपोर्ट हैरत करती है। क्योंकि रोजगार के पाने वालों से कहीं अधिक अयोग्य की संख्या है। सुझाव दिया, इन छात्रों को मजबूत ट्र्रेंनग दी जाए, तभी यह रोजगार के लायक बनेंगे। रिपोर्ट का सबसे खूबसूरत पहलू, तमाम कमजोरियों के बावजूद छात्र आत्मविश्वास से लबरेज नजर आते हैं। वे आत्मविश्वास का राष्ट्रीय मानक छूकर योग्य बनने का संदेश देते हैं। बहरहाल रिपोर्ट के बाद रुविवि के प्रोफेसर और छात्र दोनों योग्यता की कोशिश में जुट गए हैं। विवि के ट्र्रेनिंग एंड प्लेसमेंट प्रभारी डॉ. विनय

ऋषिवाल के मुताबिक, बीटेक थर्ड ईयर के छात्रों के लिए एप्म्लॉयबिलिटी स्किल की कक्षाएं संचालित हो रही हैं। वहीं, टेक्निकल स्तर पर कमजोर छात्रों के लिए अतिरिक्त कक्षाएं चलाई जा रही हैं। इसका सकारात्मक प्रभाव दिखेगा।

2022 तक का किया अध्ययन 

टेस्ट में वर्ष 2019 में पास आउट हो चुके छात्रों के साथ ही 2022 में बीटेक पूरा करने वाले छात्रों का अध्ययन किया गया है। हर छात्र को स्कोर दिया है। स्पष्ट किया है कि कमजोर्र ंबिंदुओं पर छात्र खुद सतर्क हों और शिक्षक उन्हें प्रशिक्षित करें।

क्या कहती है 2019 की रिपोर्ट

इस साल कैंपस से पास आउट बैच में 73.7 फीसद छात्र इलेक्ट्रिकल और ऊर्जा सेक्टर, 71.4 फीसद सॉफ्टवेयर क्वालिटी, 80.50 फीसद ऑटोमोबाइल सेक्टर में रोजगार की क्षमता नहीं रखते।

इन बिंदुओं पर कराया गया टेस्ट

अंग्रेजी, लॉजिकल रीजनिंग, लॉजिकल एबिलिटी, सी-प्रोग्रा‍मिंग पर टेस्ट हुआ। कुछ अंग्रेजी में तो कुछ टेक्निकल और तार्किक स्तर पर कमजोर पाए गए। हर विद्यार्थी की रिपोर्ट के साथ उसकी कमजोर बिंदुओं

और रिजल्ट का स्कोर दिया गया है। 

ऐसे किया गया छात्रों का आंकलन

टेस्ट के लिए हर विषय का एक राष्ट्रीय स्कोर निर्धारित है। उसी आधार पर कैंपस का स्कोर तैयार किया गया। उससे उनके प्रदर्शन का अध्ययन हुआ।

इसलिए कराया गया छात्रों का टेस्ट

विवि में ट्रेनिंग प्लेसमेंट प्रभारी डॉ. विनय ऋषिवाल के मुताबिक, इस टेस्ट का उद्देश्य छात्रों की रोजगार क्षमता को परखना था। ताकि पता चल सके कि छात्र किन बिंदुओं पर कमजोर हैं। उन पर अतिरिक्त ध्यान देकर उनका भविष्य संवार जा सके।

यूपी बोर्ड की पृष्ठभूमि अंग्रेजी में रोड़ा

रुविवि में करीब 75 फीसद बीटेक के विद्यार्थी यूपी बोर्ड पृष्ठभूमि से आते हैं। तकनीकि शिक्षा गुणवत्ता सुधार

कार्यक्रम के समन्वयक डॉ. मनोज कुमार के मुताबिक, इनमें अंग्रेजी के साथ कम्युनिकेशन स्किल की कमजोरी है।  


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.