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जानिए बरेली के इस हाई प्रोफाइल परिवार की कहानी, कभी हवाई यात्रा करने वाली पत्नी आज पति से मांग रही गुजारा भत्ता

कभी हवाई जहाज से पिकनिक पर जाने वाली साइंटिस्ट की पत्नी इन दिनों ऑटो से कोर्ट पहुंचती हैं। बेटा शहर के नामचीन मेडिकल कालेज में डॉक्टर है बेटी दंत चिकित्सक। पति आईवीआरआई में प्रधान साइंटिस्ट के पद से सेवानिवृत्त है।

By Ravi MishraEdited By: Published: Tue, 07 Dec 2021 04:43 PM (IST)Updated: Tue, 07 Dec 2021 04:43 PM (IST)
जानिए बरेली के इस हाई प्रोफाइल परिवार की कहानी, कभी हवाई यात्रा करने वाली पत्नी आज पति से मांग रही गुजारा भत्ता
जानिए बरेली के इस हाई प्रोफाइल परिवार की कहानी, कभी हवाई यात्रा करने वाली पत्नी

बरेली, जेएनएन। कभी हवाई जहाज से पिकनिक पर जाने वाली साइंटिस्ट की पत्नी इन दिनों ऑटो से कोर्ट पहुंचती हैं। बेटा शहर के नामचीन मेडिकल कालेज में डॉक्टर है, बेटी दंत चिकित्सक। 1979 में शशि केसरी का विवाह डॉ रमेश केसरी से हुआ था। विपक्षी आईवीआरआई में प्रधान साइंटिस्ट के पद से सेवानिवृत्त है। शशि केसरी ने फैमिली कोर्ट में गुजारे खर्च का दावा कर रखा है। वर्ष 2014 से मुकदमा विचाराधीन है।

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9 साल पहले पति ने मारपीट कर घर से निकाल दिया। तब से अपने बेटे के पास रहती हैं। वादिनी ने कोर्ट में कहा कि अब उनकी उम्र 65 वर्ष है। पति को ₹70000 प्रतिमाह पेंशन मिलती है। वर्ष 2012 में जब मारपीट कर निकाला तब मुकदमा कोर्ट में चला। विपक्षी को सजा हुई थी बाद में अपील में बरी हो गया। वादनी का घुटने का प्रत्यारोपण होना है अर्थराइटिस की भी मरीज है। आमदनी का कोई साधन नहीं है।

अगर विपक्षी पॉकेट मनी व मकान दे तो साथ रहने को तैयार है। विपक्षी ने जवाब दावे में कहा कि उसने पत्नी को हवाई जहाज से विदेश यात्राएं कराईं। खूब सैर सपाटे कराए। बच्चों को उच्च शिक्षा दिलाई। गाड़ी बंगला सभी एशो-आराम दिए। वह बहकावे में आकर अलग रहती हैं। उसका कोई देखभाल करने वाला नहीं है। बुढ़ापे में घरेलू नौकर रखना पड़ रहा है। जिस पर काफी खर्च हो जाता है। उसे घरेलू हिंसा केस में भी ₹4000 खर्चा देना पड़ रहा है।

उसका बेटा डॉक्टर अमित केसरी मेडिकल कॉलेज में सीनियर डॉक्टर है और बेटी डॉक्टर पुनीता केसरी दंत रोग विशेषज्ञ दोनों अच्छा कमाते हैं। दूसरी तरफ विपक्षी को 71 साल की उम्र में घरेलू नौकर रखना पड़ रहा है। तमाम बीमारियों ने घेर लिया है। विपक्षी ने कोर्ट में परिवार के साथ पिकनिक घूमते फोटो,हवाई यात्रा के फोटो व समुद्र किनारे नाश्ता करते तरह-तरह के तमाम फोटो भी कोर्ट में दाखिल किये।

फैमिली जज- प्रथम शैलोज चंद्रा ने मुकदमा तारीख से निर्णय की तारीख तक ₹7000 प्रतिमाह वादिनी को दिलाए जाने का आदेश दिया है। इसके बाद हर माह पेंशन का 20% पीड़िता को अदा करना होगा। डेढ़ लाख रुपए एक मुश्त देने होंगे। बाकी रकम 2 वर्षों तक समान किस्तों में अदा करना पड़ेगी। पीड़िता को अब अदालत आने की जरूरत नहीं है। कोर्ट ने आईवीआरआई इज्जतनगर की पेंशन सेल को पत्र लिखकर विपक्षी के पेंशन खाते से रकम जारी करने के आदेश दिए हैं।

"30 साल पहले आम आदमी के लिए परिवार के साथ हवाई जहाज से पिकनिक पर जाना स्वप्न में कल्पना के समान था। 34 वर्षों का साथ रहा है। पति का दायित्व है कि पत्नी को वही जीवन स्तर प्रदान करे जो साथ रहने के दौरान था" शैलोज चंद्रा, अपर प्रधान न्यायाधीश फैमिली कोर्ट-प्रथम।


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