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जानिये जलालाबाद की जनता का मिजाज, यहां परशुराम हैं खास

सपा ने जिले में मात्र एक सीट जीती थी लेकिन इस बार का टिकट कट चुका है। बसपा से भाजपा में होकर आए पूर्व विधायक पार्टी का चेहरा है। अब तक के चुनावों में कमल खिलाने में असफल भाजपा ने भी काफी अटकलों के बाद अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया।

By Ravi MishraEdited By: Published: Sat, 22 Jan 2022 09:07 AM (IST)Updated: Sat, 22 Jan 2022 09:07 AM (IST)
जानिये जलालाबाद की जनता का मिजाज, यहां परशुराम हैं खास
जलालाबााद मे बना भगवान श्री परशुराम का मंदिर

 जलालाबाद विधानसभा इस बार फिर सुर्खियों में है। गत चुनाव में सपा ने जिले में मात्र यही एक सीट जीती थी, लेकिन इस बार उन्हीं विधायक का टिकट कट चुका है। बसपा से भाजपा में होकर आए पूर्व विधायक यहां पार्टी का चेहरा है। तो वहीं अब तक के चुनावों में कमल खिलाने में असफल भाजपा ने भी काफी अटकलों के बाद अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया है। परशुरामपुरी के रूप में इस स्थान को रामायण सर्किट में शामिल करने की मांग जोर पकड़ चुकी है। इस वर्ष गंगा एक्सप्रेस वे की सौगात मिली, लेकिन क्षेत्र में बुनियादी सुविधाएं, रोजगार व आर्थिक, शैक्षिक पिछड़ेपन के मुद्दे हावी हैं। नवंबर 2021 में ढहा कोलाघाट का पुल भी अहम मुद्दा है। राजनीतिक दल भले ही क्षेत्र को लेकर अपना एजेंडा तय न कर पाए हों, लेकिन यहां के लोगों राष्ट्रवाद के साथ विकासवाद पर भी जोर दे रहे हैं। शुक्रवार को रूहेलखड़ा यात्रा जलालाबाद पहुंची। जहां मतदताओं के मन की बात बता रहे हैं जिला प्रभारी अंबुज मिश्र साथ में पुष्पेंद्र ङ्क्षसह।

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जलालाबाद....। इस जगह के नामकरण को लेकर तमाम मत हैं, लेकिन यह जगह भगवान परशुराम की जन्मस्थली है इस पर सभी धर्म व वर्ग के लोग सहमत हैं। सभी के आराध्य भगवान परशुराम के मंदिर पर हर रोज बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं। यहां धार्मिक अनुष्ठान व संस्कार कराते हैं। घर में किसी भी मांगलिक कार्यक्रम की शुरुआत भगवान परशुराम को आमंत्रण देने के साथ होती है। शुक्रवार को हम इसी मंदिर पर मौजूद थे। यह जानने के लिए इस बार यहां की जनता का मूड क्या है।

मंदिर के महंत सत्यदेव पांडेय सभी दलों से नाराज थे। बोले यहां के लोगों से जो प्रयास हो सकते थे वे किए। भाजपाई राष्ट्रवादी विचारधारा का संदेश देते हैं, लेकिन यहां आश्वासन के बाद भी कुछ नहीं मिला। जो बजट भेजा गया, उसे वापस ले लिया गया। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मिल चुके हैं। उम्मीद है कि यही सरकार काम कराएगी। आलोक शुक्ला कहते हैं कि प्रधानमंत्री ने परशुराम जी को नमन किया। मुख्यमंत्री योगी ने इस जगह को उनकी तपोस्थली बोला फिर क्यों नहीं सरकार इसे रामायण सर्किट में शामिल कर रही। अगर ऐसा हो जाए तो इस क्षेत्र का आर्थिक व सामाजिक पिछड़ापन दूर हो जाएगा, लेकिन सरकारों व जनप्रतिनिधियों की उदासीनता के कारण कुछ नहीं हो रहा। आनंद पांडेय बोले युवा हमेशा राष्ट्रवादी रहा, लेकिन उसके लिए कोई नहीं सोच रहा। विधानसभा क्षेत्र में रोजगार व शिक्षा के अच्छे साधन नहीं हैं। खेल के लिए युवाओं को उचित प्लेटफार्म नहीं मिल रहा। विपिन अग्निहोत्री बोले कि यह स्थान सभी की आस्था का केंद्र है। उसके बाद भी सरकार नहीं सुन रहीं। रामताल पर अतिक्रमण हो गया। यहां से जुड़े अन्य स्थान भी बदहाल हैं। जो काम हुए वे पर्याप्त नहीं हैं। गौरव का कहना है कि सरकार योगी की ही बनेगी। क्योंकि काम बेहतर हुए। बरेली से बीफार्मा की पढ़ाई कर रहे संजय गुप्ता बोले भाजपा सरकार में भ्रष्टाचार तो बंद हुआ, लेकिन क्षेत्र में शिक्षा को लेकर अब भी काम की जरूरत है। युवा राजुल भी उनसे सहमत थे। अधिवक्ता संजीव मिश्र बोले कि यह बात सही है कि सरकार ने पांच साल परशुरामपुरी के लिए कुछ नहीं किया। गलतियां सबसे होती हैं, लेकिन इसी सरकार में काम होगा। बोले यहां रोजगार का जरिया नहीं है। मैलानी फर्रुखाबाद रेल लाइन सर्वे तक ही सीमित रही। डिग्री कालेज कल्याण सरकार में बना। उसके बाद कोई ध्यान नहीं। चीनी मिल रूपापुर चली गई। अलहागंज डिपो यहां से गोला चला गया। नेताओं ने विकास नहीं होने दिया। चंचल श्रीवास्तव बोले कि जब रामजन्भूमि व मथुरा पर सरकार जोर दे रही है तो परशुरामपुरी को लेकर क्या दिक्कत है। अर्चित कुमार बोले कि क्षेत्र के विकास को लेकर बराबर उदासीनता रही। प्रदीप बोले कि ऐसा नहीं है। इस सरकार ने पहले की सरकारों से ज्यादा काम किया है। बिजली, कानून व्यवस्था में अंतर दिख रहा है। सोमशेखर बोले इस सरकार में गुंडागर्दी कम हुई। रोहित बोले योगी सरकार परशुराम जी को महापुरुष कहती है जो गलत है। उनके नाम पर छुट्टी निरस्त कर दी। जबकि वह भगवान विष्णु के छठे अवतार हैं। आनंद कुमार व शिवम बेरोजगारी व क्षेत्र के पिछड़ेपन को लेकर नाराज दिखे। परशुराम जन्मस्थली को जो पाटी घोषणा पत्र में शामिल करेगी उसी को वोट करेंगे।

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रामताल के पास बैठे मीनू शुक्ला बोले यूपी में टक्कर कड़ी होगी। किसान परेशान है, महंगाई रही। अच्छाई रही कि अनाज दिया है। व्यापारी दिलीप का कहना था कि सरकार से किसान नाराज है। टिकट तय होना जरूरी है। कटरा-फर्रुखाबाद मार्ग पर आलू बेच रहे अतुल सक्सेना बोले कि इस सरकार से बहुत मदद मिली। अब अनाज के लिए परेशान नहीं होना पड़ता। मूंगफली बेच रहे रोशन ने बताया कि कानून व्यवस्था बेहतर हुई है।

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इसी विधानसभा क्षेत्र का हिस्सा है मिर्जापुर। कस्बा के सीमेंट व्यापारी निर्दोष कुमार का कहना था कि सरकार ने लोगों की बेहतरी के लिएकाम किए। जबकि सुनील यादव का कहना था कि सपा सरकार की योजनाओं का क्रेडिट भाजपा सरकार ने लिया। यहां इन दिनों ढाईघाट पर गंगा किनारे रामनगरिया का मेला चल रहा है। माहौल चुनाव का है इसलिए यहां भी चर्चाएं चुनाव की हो रही हैं। मझरिया रामदास बोले इस बार सरकार अखिलेश की ही बनेगी। किसानों का बहुत नुकसान हुआ भाजपा सरकार में। वहां मौजूद अमेठी निवासी दुकानदार सुमन बोलीं सपा सरकार में महिला अपराध बहुत थे। भाजपा में कानून व्यवस्था मजबूत हुई है। मैनपुरी निवासी अमित कुमार गोस्वामी ने बताया कि पहले सपा को सपोर्ट करते थे, लेकिन भाजपा का शासन अच्छा रहा। इस बार भी वेाट भाजपा को ही करेंगे। ढाईघाट बस्ती निवासी लक्ष्मी ङ्क्षसह बोलीं इस बार चुनाव आसान नहीं है, लेकिन सरकार योगी की बनती दिख रही है। जरियनपुर निवासी धीरज कुशवाहा बात काटते हुए बोले कतई नहीं, किसान रात-रात भर जागकर फसलों की रखवाली कर रहा है। इतना आसान नहीं होगा किसानों का वोट लेना। ढाई गांव के ही पंडित अवधेश बोले कि राममंदिर बनवा पानाभाजपा सरकार की ही दम थी। कोरोना काल में बेहतर काम किया। मुफ्त राशन दे रहे हैं। मझरिया गांव के ही रामदास यादव तपाक से बोले कि जिनकी फसलें उजड़ रही हैं उनसे पूछो क्या बीत रही है। पंकज तल्ख लहजे में बोले कि गाय सरकर ने नहीं भेजी हैं। किसानो को भी सोचना चाहिए। लक्ष्मी ङ्क्षसह बोलीं महिलाओं को योगी सरकार में सम्मान मिला। इसलिए सरकार दोबारा बननी चाहिए।

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मान्यता है कि यहां के कलान क्षेत्र में दैत्य गुरु शुक्राचार्य ने तप किया। माता रेणुका का ढकियानी देवी मंदिर है। जहां भगवान परशुराम का जन्म हुआ था। जमदग्नि झील, रामताल आदि प्रमुख स्थल यहां से जुड़े हैं। गंगा, रामगंगा व बहगुल यहां से होकर गुजरती हैं। धर्म और इतिहास में अहम स्थान रखने वाली जलालाबाद विधानसभा बदहाल है। दस्युओं का आतंक खत्म होने के बाद भी कटरी पनप नहीं पाई। आज भी तमाम समस्याएं जस की तस हैं, जैसी दस साल पहले थीं।

दिक्कत :

- जलालाबाद में परशुरामपुरी को पर नहीं दिया गया ज्यादा ध्यान।

- कोलाघाट पुल गिरने के कारण पैंटून पुल से करना पड़ रहा आवागमन।

- रोजगार के लिए नहीं लगा कोई नया उद्योग

राहत :

- गंगा एक्सप्रेस वे व हवाई पट्टी की मिली क्षेत्र को सौगात

- बिजली की व्यवस्था में सुधार के ट्रांसफार्मर हुए स्वीकृत

- ग्रामीण क्षेत्रों में कम लंबाई की सड़कों पर हुआ काम

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फैक्ट फाइल :-

- 366132 हैं कुल मतदाता

- 202400 हैं पुरुष मतदाता

- 163714 महिला मतदाता

- 18 हैं अन्य मतदाता

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2012

नीरज कुशवाहा - 76406- बसपा

शरदवीर ङ्क्षसह - 75586 - सपा

2017

शरदवीर ङ्क्षसह - 75326- सपा

मनोज कश्यप - 66029 - भाजपा

अब तक नहीं जीत सकी भाजपा

जलालाबाद विधानसभा में अब तक भाजपा चुनाव नहीं जीत सकी है। यही कारण है कि इस बार इस सीट को जीतने के लिए पार्टी सबसे ज्यादा जोर लगा रही है। यहां से जिलाध्यक्ष हरिप्रकाश वर्मा को प्रत्याशी बनाया गया है। टिकट न मिलने पर 2017 में चुनाव जीतने वाले विधायक शरदवीर ङ्क्षसह पार्टी में आ गए हैं।

जलालाबाद में अब तक :

1952 रामगुलाम ङ्क्षसह, 1959 में हरचंद्र ङ्क्षसह, 1962 में केशव ङ्क्षसह, 1967 में दल ङ्क्षसह, 1969 में केशवचंद्र ङ्क्षसह चुनाव जीते। 1974 में दल ङ्क्षसह यादव, 1977 कन्हई ङ्क्षसह, 1980, 1985 में उदयवीर ङ्क्षसह, 1989 में राममूर्ति ङ्क्षसह, 1991, 1993 में राममूर्ति ङ्क्षसह वर्मा, 1996 व 2002 में शरदवीर ङ्क्षसह, 2007, 2012 में नीरज कुशवाहा व 2017 में शरदवीर ङ्क्षसह चुनाव जीते।


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