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बरेली में मोटा मुनाफा कमाने वाले किसान ने दीवारों पर लिखवाया, सूखा देता सीख है, सबसे अच्छी ईख है

सूखा देता सीख है सबसे अच्छी ईख है... किसानों को गन्ने की फसल करने को प्रेरित करने के लिए गन्ना विभाग की ओर से यह वाक्य दीवारों पर पेंट कराया गया था लेकिन बहेड़ी ब्लाक के गांव परोही के किसान ने सबसे अच्छी ईख है।

By Ravi MishraEdited By: Published: Thu, 23 Dec 2021 10:06 AM (IST)Updated: Thu, 23 Dec 2021 10:06 AM (IST)
बरेली में मोटा मुनाफा कमाने वाले किसान ने दीवारों पर लिखवाया, सूखा देता सीख है, सबसे अच्छी ईख है
बरेली में मोटा मुनाफा कमाने वाले किसान ने दीवारों पर लिखवाया, सूखा देता सीख है, सबसे अच्छी ईख है

बरेली, जेएनएन। Kisan Diwas : सूखा देता सीख है, सबसे अच्छी ईख है... किसानों को गन्ने की फसल करने को प्रेरित करने के लिए गन्ना विभाग की ओर से यह वाक्य दीवारों पर पेंट कराया गया था लेकिन बहेड़ी ब्लाक के गांव परोही के किसान ने सबसे अच्छी ईख है, वाक्य को चरितार्थ कर डाला। उन्होंने प्रति हेक्टेयर करीब 1450 क्विंटल गन्ना पैदावार करे खुद लाभ कमाया और दूसरों को प्रेरित किया कि वे भी आधुनिक विधि से खेती करके मोटा मुनाफा कमा सकते हैं।

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48 वर्षीय किसान बेचेलाल के पास करीब 35 बीघा जमीन है, जिसमें उन्होंने 25 बीघा खेत में गन्ने की पौध लगाई। बेचेलाल ने आधुनिक तरीका अपनाकर बर्ड चिप विधि से गन्ने की बुवाई की। इसके बाद जब पेराई सत्र शुरू हुआ तो उन्होंने सट्टा पर्ची मिलने पर गन्ना छिलाई कराई। उनके खेत में प्रति बीघा करीब 90 से 95 क्विंटल उत्पादन हुआ। इससे पहले उनके खेत में गन्ना उत्पादन 50 से 55 क्विंटल होता था। अच्छा उत्पादन होने पर जिला गन्ना अधिकारी समेत अन्य अफसरों ने खेत में जाकर उत्पादन का आकलन किया तो पता चला कि प्रति हेक्टेयर करीब 1450 क्विंटल गन्ना पैदावार हुई। वहीं बरेली जिले में प्रति हेक्टेयर 761 क्विंटल गन्ना पैदावार का औसत है। अब विभाग बेचेलाल को सम्मानित करने की तैयारी में है।

सहफसली खेती से कमाया दोहरा लाभ

मटर, मसूर, चना, सरसों, मूली, शलजम की फसलों को सहफसली के अंतर्गत बोया। इन सहफसली खेतों से गन्ने में लगाई गई पूरी लागत निकल गई। इसके साथ ही कुछ कमाई भी हो गई। अब गन्ने से जो रुपये मिलेंगे, वो मुनाफा होगा।

अब सिर्फ आधुनिक विधि से करूंगा खेती

बेचेलाल का कहना है कि इस बार बीते वर्षों की तुलना में उत्पादन दोगुना हुआ। इसके साथ ही सहफसली ने लागत का खर्च निकाल दिया। इससे सबक मिला है कि आधुनिक तरीके से खेती करना ज्यादा लाभदायक है। अब आगे से हमेशा परंपरागत तरीके से खेती ना करने का तय किया है।

अन्य लोगों को भी कर रहे प्रेरित

बेचेलाल अपने गांव एवं आसपास के किसानों को भी आधुनिक तरीके से खेती करने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। वह किसानों को अपने खेत में ले जाकर उत्पादन दिखाते हैं और परंपरागत तरीके से होने वाली पैदावार भी बताते हैं। इससे लोगों में जागरूकता बढ़ रही है।

प्रगतिशील किसानों को कराएं सम्मानित : डीसीओ

गन्ना विभाग की ओर से बेचेलाल समेत करीब 500 किसानों को बर्ड चिप/ सिंगल बड विधि से तैयार पौधों को लगवाया गया। इसमें बीज की मात्रा कम लगती है और बीज की शुद्धता भी बनी रहती है। बेचेलाल समेत अन्य कई किसानों ने गन्ना उत्पादन को बढ़ाया है। इन प्रगतिशील किसानों को गन्ना विभाग की ओर से सम्मानित किया जाएगा। - पीएन सिंह, जिला गन्ना अधिकारी, बरेली


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