बलवा होता रहा, किला इंस्पेक्टर छिपाते रहे
किला थाने में हुए बवाल में पुलिस की लापरवाही की परतें खुल रही है।
बरेली, जेएनएन: किला थाने में हुए बवाल में पुलिस की लापरवाही की परतें खुल रही है। पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार भाजपा, विहिप आदि संगठनों के कार्यकर्ता ज्ञापन देने पहुंचे तो इंस्पेक्टर सतीश यादव भीड़ का रुख नहीं भांप सके।
मंगलवार दोपहर तक हुई कार्रवाई का हवाला देकर प्रदर्शनकारियों को संतुष्ट नहीं कर सके तो हंगामा होने लगा। माहौल खराब हो रहा था, इसके बावजूद उन्होंने एसएसपी रोहित सजवाण को इसकी सूचना नहीं दी। हालात देखकर ट्रेनी आइपीएस व सीओ साद मियां पहुंच गए थे। कुछ देर बाद एसपी सिटी रविंद्र कुमार भी थाने आए। नोकझोंक होने लगी, पुलिस से धक्का-मुक्की हुई। तब तक भी किसी अधिकारी को जानकारी नहीं दी गई थी।
लाठी चार्ज हो गया, तोड़फोड़ हुई, लखनऊ तक मामला पहुंच गया। उस वक्त डीआइजी राजेश कुमार पांडेय, एसएसपी रोहित सिंह सजवाण आदि अधिकारी फरीदपुर में समाधान दिवस में थे। वहां डीआइजी को पता चला। तुरंत एसएसपी ने किला पुलिस से पूछा कि सभी थानों से फोर्स क्यों बुलाई जा रही। उनके फोन करने पर पूरा घटनाक्रम बताया गया। अधिकारी वहां से तुरंत किला थाने पहुंचे और हालात नियंत्रित किए।