..करिहा क्षमा छठी मइया, भूल चूक गलती हमार
शहर में गंगा किनारे से लेकर मंदिरों और घरों तक में छठ पूजा की धूम रही।
जेएनएन, बरेली: शहर में गंगा किनारे से लेकर मंदिरों और घरों तक में छठ पूजा की धूम रही। छठ पूजा करने वाले सभी परिवारों में हर्षोल्लास और विधि-विधान से छठ मइया का पूजन हुआ। फिर घाट किनारे जाकर व्रती महिला भक्तों ने अस्त होते सूर्य को अर्घ्य दिया। अब बुधवार सुबह सभी महिलाएं उगते सूर्य को अर्घ्य देकर निर्जल व्रत का पारायण करेंगी।
इज्जतनगर क्षेत्र में शिव पार्वती मंदिर, सिद्धार्थ नगर, न्यू मॉडल रेलवे कॉलोनी, शिकारपुर चौधरी में किला नदी के किनारे, कुदेशिया फाटक स्थित छपरा रेलवे कॉलोनी, रुहेलखंड विश्वविद्यालय स्थित श्री शिव शक्ति पीठ मंदिर, कैंट में श्री धोपेश्वरनाथ मंदिर, सुभाष नगर में श्री तपेश्वरनाथ मंदिर, रामगंगा किनारे आदि जगहों पर हजारों भक्तों ने छठ पूजन किया। इन सभी जगहों पर दोपहर से ही छठ मइया के भजन बजना शुरू हुए, जिसमें पहिले पहिल हम कईनी, छठी मइया व्रत तोहार, करिहा क्षमा छठी मइया, भूल चूक गलती हमार आदि भजनों पर भक्त जमकर झूमे। छठ मइया की पूजा का डाला परिवार के पुरुष सदस्य श्रद्धा से सिर पर रखकर मंदिर और घाट किनारे पहुंचे।
नेपाल से आते हैं छठ पूजा करने
इज्जतनगर क्षेत्र में किला नदी किनारे कई परिवार छठ पूजा करने पहुंचे, जिसमें सुशीला मंडल अपनी दो बेटियों रोमा, अंजलि और बेटे सक्षम के नेपाल से यहां पूजा करने आई। उन्होंने बताया कि उनकी मां शांति देवी और भाई यहां रहते हैं, इसलिए प्रतिवर्ष छठ पूजा करने यहां आती है।
बहुत याद आएगी शहर की छठ पूजा
एनईआर के डीजल शेड में बतौर वरिष्ठ टेक्नीशियन महेंद्र ने बताया कि इस वर्ष उनकी सेवानिवृत्ति है। वह वर्ष 1989 में बरेली आए। फिर 1999 तक घर पर जाकर छठ पूजा की, लेकिन वर्ष 2000 से यहीं नदी किनारे पूजन करते आ रहे हैं। अगले वर्ष छठ पूजा परिवार के साथ करने की खुशी भी है, लेकिन यहां के लोगों का साथ छूटने का अफसोस भी हो रहा है। इतने वर्षो में शहर और यहां के लोगों से परिवार जैसा रिश्ता बन गया था, इसलिए गोरखपुर स्थित घर जाकर भी शहर की छठ पूजा बहुत याद आएगी।