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Kamlesh Tiwari Murder : बरेली में दस घंटे रहे हत्यारे, ऐसे दिया एटीएस-एसटीएफ को चकमा Bareilly News

शुक्रवार की रात को करीब नौ बजे शहर में आए कमलेश तिवारी के हत्यारोपित अगले दिन करीब सात बजे यहां से निकल गए। दस घंटे तक वे कहां रहे यह अब तक नहीं पता चल सका।

By Abhishek PandeyEdited By: Published: Mon, 21 Oct 2019 09:14 AM (IST)Updated: Mon, 21 Oct 2019 05:52 PM (IST)
Kamlesh Tiwari Murder : बरेली में दस घंटे रहे हत्यारे, ऐसे दिया एटीएस-एसटीएफ को चकमा Bareilly News
Kamlesh Tiwari Murder : बरेली में दस घंटे रहे हत्यारे, ऐसे दिया एटीएस-एसटीएफ को चकमा Bareilly News

जेएनएन, बरेली : शुक्रवार की रात को करीब नौ बजे शहर में आए कमलेश तिवारी के हत्यारोपित अगले दिन करीब सात बजे यहां से निकल गए। दस घंटे तक वे कहां रहे, यह अब तक नहीं पता चल सका। एटीएस व एसटीएफ को लोकेशन लगातार मिल रही थी इसलिए टीमें पीछे लगी थीं। तलाश भी हुई मगर दोनों हाथ नहीं आए। बाद में शनिवार को टीमों ने जंक्शन के आसपास कई अन्य होटल खंगाल डाले। कई सीसीटीवी फुटेज देखे मगर दोनों के बारे में कुछ भी पता नहीं चला। ऐसे में माना जा रहा है कि वे होटल, लॉज में नहीं बल्कि किसी की मददगार की शरण में पहुंच गए थे। रात भर वहीं रहे। उस वक्त की लोकेशन क्या थी, इस बाबत कुछ स्पष्ट नहीं किया जा रहा। मगर, माना जा रहा है कि टीमों के पास इससे संबंधित कई इनपुट हैं। जिनके आधार पर कहा जा रहा है कि दोनों हत्यारोपितों का बरेली कनेक्शन भी है।

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रामपुर-मुरादाबाद में घेराबंदी की हुई थी कोशिश

 दोनों आरोपितों की लोकेशन मिल रही थी। बरेली से निकलने की जानकारी भी अधिकारियों तक थी। जिसके बाद रामपुर व मुरादाबाद के पुलिस अधिकारियों को तुरंत अलर्ट किया गया था। बताया जाता है कि सुबह आठ बजे ही दोनों जिलों के पुलिस अधिकारी टीमों के साथ रेलवे स्टेशनों पर पहुंच गए थे। इस उम्मीद के साथ कि दोनों आरोपित यदि ट्रेन से उतरे तो गिरफ्तार कर लिए जाएंगे मगर ऐसा नहीं हो सका। वे ट्रेन से नहीं उतरे, इसके बाद माना जाने लगा कि दोनों दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में पहुंच गए हैं। हालांकि एक अंदेशा यह भी है कि यदि वे राप्ती गंगा एक्सप्रेस में चढ़े होंगे तो वह ट्रेन देहरादून रूट की है, जोकि मुरादाबाद उसी दिशा में मुड़ जाती है।

जंक्शन पर खंगाले कई होटलों के सीसीटीवी कैमरे 

कमलेश तिवारी के हत्यारोपितों की लोकेशन बरेली में मिलने के बाद पुलिस व जीआरपी भी सक्रिय हुई। शनिवार शाम को ही एसपी सिटी अभिनंदन सिंह फोर्स के साथ रेलवे जंक्शन पहुंचे। वहां रेल अधिकारियों से बात कर सभी कैमरों की सीसीटीवी फुटेज दिखाने को कहा। एक-एक कर सभी कैमरों की रिकॉर्डिग देखी। इसके बाद जीआरपी से कुछ जानकारी ली। फुटेज में क्या मिला, इस बाबत अधिकारियों कुछ बोलने को तैयार नहीं। जंक्शन जीआरपी थाना प्रभारी किशन अवतार ने महज इतना कहा कि त्योहारों के मद्देनजर अतिरिक्त सतर्कता बरती जा रही है। इसी के तहत चेकिंग हो रही।

बरेली में किया हाईअलर्ट, बॉर्डर पर तेज की चेकिंग 

बरेली में कमलेश तिवारी के हत्योरापितों की उपस्थिति और मदद होने के अंदेशे के बीच जिले में अलर्ट जारी कर दिया गया।एसएसपी शैलेष पांडेय ने जिले के बार्डर के सभी थानों पर चेकिंग करने के निर्देश दिए हैं। लखनऊ, रामपुर, पीलीभीत और बदायूं बार्डर के थानों के पुलिस सुबह से लेकर देर रात तक समय समय पर चेकिंग करती रही। संदिग्ध लोगों को रोक पूछताछ की जा रही है।

खुफिया विभाग ने तैयार की जारी फतवों की सूची 

कमलेश तिवारी अपने बयानों को लेकर भी सुर्खियों में रहे हैं। उनके एक बयान पर बरेली के उलमा ने भी रोष जताया था। वहीं, पुलिस भी यही मान रही है कि चार साल पहले दिया उनका एक बयान मौत का कारण बना है। इसीलिए खुफिया विभाग बरेली से जारी हुए चर्चित फतवों की सूची बना रही है। जिनके विरुद्ध बयान और फतवे जारी होते रहे हैं। उनसे भी संपर्क किया जा रहा है।

ट्वीट कर खुशी जताने वाले की जांच के दिए निर्देश

कमलेश तिवारी की हत्या के बाद बरेली के एक युवक ने ट्विटर पर खुशी जताई है। उसने आपत्तिजनक बातें भी लिखी है। जिसकी शिकायत एडीजी अविनाश चंद्र तक पहुंची तो उन्होंने ट्वीट करने वाले के खिलाफ जांच के आदेश दिए है। जिसके बाद पुलिस उसके बारे में पता लगाने में जुटी है।

एक संदिग्ध के बारे में लगी भनक, तलाश में दबिश

 शनिवार से लेकर रविवार तक चली छानबीन के बाद टीमों के हाथ एक संदिग्ध मददगार का सुराग लगा है। जिसके बाद उसकी तलाश की जा रही है। संभावना है कि देर रात टीमें उस संदिग्ध उठा सकती हैं।

सिर पर काला कपड़ा बांध किया शिव सैनिकों ने विरोध

शिवसेना की जिला इकाई ने कमलेश तिवारी की हत्या के मामले में विरोध प्रदर्शन किया। विज्ञप्ति के माध्यम से जिला प्रमुख पंकज पाठक ने बताया कि पश्चिमी इकाई के प्रमुख ललित मोहन शर्मा के आदेश पर रविवार को 26 जिलों में विरोध प्रदर्शन किया गया। शिव सैनिकों ने सिर पर काल कपड़े बांधकर प्रदर्शन किया।


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