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कमलनाथ की ताजपोशी पर यूपी में जश्न, लोग कह रहें- अपने महेंद्रनाथ जी को लला सीएम बन गओ

95 साल के सतेंद्र सिंह बताते हैं कि उन्होंने कमलनाथ के दादा और दादी दोनों को देखा है। पूरा गांव दादी को डॉक्टरनी कहता था।

By Tilak RajEdited By: Published: Sat, 15 Dec 2018 10:59 AM (IST)Updated: Sat, 15 Dec 2018 03:13 PM (IST)
कमलनाथ की ताजपोशी पर यूपी में जश्न, लोग कह रहें- अपने महेंद्रनाथ जी को लला सीएम बन गओ
कमलनाथ की ताजपोशी पर यूपी में जश्न, लोग कह रहें- अपने महेंद्रनाथ जी को लला सीएम बन गओ

बरेली, जेएनएन। कांग्रेस के वरिष्‍ठ नेता कमलनाथ का उत्‍तर प्रदेश से भी गहरा संबंध है। उनकी ताजपोशी की तैयारी मध्यप्रदेश में चल रही है, लेकिन जश्न उत्‍तर प्रदेश के बरेली की आंवला तहसील के गांव अतरछेड़ी में भी मन रहा है। यहां आतिशबाजी हो रही है और एक-दूसरे से पुरानी यादें साझा हो रही हैं। बुजुर्ग खुशी से फूले नहीं समा रहे। ज्यादातर के मुंह पर यही जुमला है- अपने महेंद्रनाथ जी को लला सीएम बन गओ।

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इस गांव में खुशियां बेसबब नहीं मन रहीं। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री बनने जा रहे कमलनाथ के पूर्वज अतरछेड़ी गांव के ही मूल निवासी थे। कमलनाथ के पिता डॉ. महेंद्रनाथ भी इसी गांव में पैदा हुए। वह तीन भाई थे। एक धर्मेंद्रनाथ, दूसरे नरेंद्रनाथ और तीसरे खुद महेंद्रनाथ। दादा केदारनाथ अपने तीनों पुत्रों और पत्नी के साथ सालों पहले गांव से चले गए और कोलकाता में जाकर बस गए थे। गांव में वह गहनों का कारोबार करते थे। बुजुर्गों को कमलनाथ के दादा के गांव छो़ड़ने की सही तिथि तो याद नहीं, लेकिन उनसे जुड़ी बहुत सी बातें याद हैं। बताते हैं, कमलनाथ के बाबा केदारनाथ ने गांव में बड़ी हवेली बनाई थी।

डॉक्टरनी के नाम से प्रसिद्ध थीं कमलनाथ की दादी
95 साल के सतेंद्र सिंह बताते हैं कि उन्होंने कमलनाथ के दादा और दादी दोनों को देखा है। पूरा गांव दादी को डॉक्टरनी कहता था। जब पुरुष कारोबार की तलाश में गांव से निकल गए तो डॉक्टरनी लीलानाथ गांव में रहती रहीं। बाद में जब कमलनाथ के दादा का कारोबार कोलकाता में स्थापित हो गया, तो वह अपनी पत्नी को भी साथ ले गए।

स्कूल के लिए दान दिया घर
सेवानिवृत्त अध्यापक शिवबख्श सिंह बताते हैं कि गांव से जाते वक्त कमलनाथ के दादा अपना पुश्तैनी मकान स्कूल के लिए दान में दे गए थे। उसी स्कूल में हम सभी पढ़े और अध्यापक की नौकरी हासिल की।

कमलनाथ की तरक्की से मिला हौसला
अधिवक्ता संजय सिंह कहते हैं कि कमलनाथ के मुख्यमंत्री की कुर्सी तक पहुंचने से गांव को नई पहचान और युवाओं को तरक्की का आसमान छूने के लिए नया हौसला मिल गया। नईदुनिया के सहयोगी प्रकाशन 'दैनिक जागरण' की टीम जब गांव पहुंची तो वहां बुजुर्ग, युवा और बच्चे आतिशबाजी छोड़कर खुशी का इजहार कर रहे थे।

अतरछेड़ी बुलाएंगे कमलनाथ को
ग्राम प्रधान सत्यवती देवी के पुत्र अतुल कुमार सिंह ने कहा कि कमलनाथ को गांव बुलाने के लिए सभी लोग इकट्ठा होकर मध्य प्रदेश जाएंगे। वह पांच साल पहले दिल्ली में व्यापारियों के एक कार्यक्रम में गांव अतरछेड़ी को देखने की ख्वाहिश भी जता चुके हैं।


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