गमगीन माहौल में बस हादसे के मृतकों का सामूहिक अंतिम संस्कार
आज सुबह सिटी श्मशान भूमि पर शवों को लाया गया। वहां एक साथ 21 चिता लगाकर शवों की अंत्येष्टि की। तीन शव बच्चों के होने के कारण उन्हें दफनाया गया। यह नजारा काफी हृदय विदारक था।
बरेली (जेएनएन)। दिल्ली से गोंडा जा रही रोडवेज बस अग्निकांड में चार जून को 24 मृतकों के शवों का आज बरेली में सामूहिक अंतिम संस्कार किया गया। हादसे के पांचवें दिन आज गमगीन माहौल में सिटी श्मशान भूमि पर सभी शवों का अंतिम संस्कार कर दिया गया।
पीडि़त परिवार के लोगों को बरेली बुलाया गया था। प्रशासन ने विधि-विधान से अंत्येष्टि करवाई। इनमें से कई ने घर के लोगों ने शवों को मुखाग्नि दी।
दिल्ली से गोंडा जा रही रोडवेज बस चार जून की रात राष्ट्रीय राजमार्ग पर रजऊ परसपुर के पास ट्रक से टकरा गई थी। टक्कर लगते ही बस में आग लग गई थी। इस दौरान बस का गेट न खुलने पाने की वजह से देखते ही देखते 24 लोग मौके पर ही भस्म हो गए। वहीं करीब 15 लोगों ने किसी तरह बस की खिड़की तोड़कर खुद को बचाया था। करीब सात घंटे चले रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद बस से 24 शवों को निकाला जा सका था। एक घायल ने बाद में लखनऊ के एक अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया था।
तब से ही जले हुए शवों को पोस्टमार्टम के बाद संभालकर रखा गया था। उनकी हालत इतनी खराब थी कि पहचान नहीं हो पाई। इस कारण पुलिस व डॉक्टरों को शवों की पहचान के लिए डीएनए टेस्ट का सहारा लेना पड़ रहा है। शवों और उनके परिजनों के सैंपल डीएनए जांच के लिए जा चुके हैं। शवों के सामूहिक अंतिम संस्कार के लिए प्रशासन ने कल ही सभी के परिजनों को बुला लिया था।
आज सुबह सिटी श्मशान भूमि पर शवों को लाया गया। वहां एक साथ 21 चिता लगाकर शवों की अंत्येष्टि की। तीन शव बच्चों के होने के कारण उन्हें दफनाया गया। यह नजारा काफी हृदय विदारक था। दूरदराज से पहुंचे घरवालों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया। गमगीन माहौल में शवों का अंतिम संस्कार कर दिया गया। इस दौरान डीएम डॉ. पिंकी जोवल, एसएसपी जोगेंद्र कुमार समेत अन्य अधिकारी और शहर के तमाम लोग मौजूद रहे।