जापान की तकनीक से सिटी फॉरेस्ट देगा शहर को सेहतमंद 'सांसे' Bareilly News
जापान की यह तकनीक पेड़-पौधों को जल्द विकसित करने में बेहद मददगार है। इसके अलावा इसमें स्वास्थ्य के अनुकूल पौधों को लगाने का क्रम भी रहता है।
बरेली, जेएनएन : शहर में दूषित होती आबोहवा बड़ी परेशानी का सबब बन रही है। इससे कुछ हद तक निजात दिलाने के लिए बरेली विकास प्राधिकरण ने एक योजना बनाई। प्लानिंग है ‘सिटी फॉरेस्ट’ की.. यानी शहर के अंदर ही जंगल। जहां शहरवासी भरपूर ऑक्सीजन ले सकें। सिटी फॉरेस्ट के लिए स्मार्ट सिटी के साथ बीडीए एमओयू साइन करेगा। जिसके तहत रामगंगानगर में जमीन बरेली विकास प्राधिकरण की रहेगी। जबकि जंगल विकसित करने का काम स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत नगर निगम करेगा।
जंगल के लिए 82 हजार वर्ग मीटर जमीन
बरेली विकास प्राधिकरण ने सिटी फॉरेस्ट के लिए 82 हजार वर्ग मीटर जमीन दी है। यह जमीन रामगंगानगर में सेक्टर दो के पास होगी। नगर निगम के साथ एमओयू साइन होने के बाद इस पर काम शुरू हो जाएगा। सिटी फॉरेस्ट बनाने में करीब 20 करोड़ रुपये खर्च आएगा।
बच्चों के लिए एडवेंचर ऑफ स्पोर्ट
महज हरियाली के बीच टहलना युवाओं और बुजुर्गो के भले ही अच्छा लगे, लेकिन बच्चों को लिए यह काफी नहीं। इसलिए सिटी फॉरेस्ट में मनोरंजन का भी ध्यान रखा गया है। यहां एडवेंचर और स्पोर्ट एक्टिविटी की भी व्यवस्था रहेगी।
मियावाकी तकनीक से लगाए जाएंगे पेड़-पौधे
सिटी फॉरेस्ट में बेशुमार पेड़-पौधे लगाए जाएंगे। जिससे यहां आने वाले लोगों को भरपूर ऑक्सीजन मिले। चूंकि पौधों को पेड़ बनने में काफी वक्त लगता है। इसलिए यहां मियावाकी तकनीक का उपयोग होगा। जापान की यह तकनीक पेड़-पौधों को जल्द विकसित करने में बेहद मददगार है। इसके अलावा इसमें स्वास्थ्य के अनुकूल पौधों को लगाने का क्रम भी रहता है।
सिटी फॉरेस्ट के लिए नगर निगम के साथ बीडीए की बातचीत और प्लानिंग हो चुकी है। जल्द ही एमओयू साइन होगा। जिसके बाद स्मार्ट सिटी के तहत पार्क डेवलप किया जाएगा। - दिव्या मित्तल, उपाध्यक्ष, बरेली विकास प्राधिकरण