Jan Dhan Account News : जनधन खाताें में रकम कम हाेने पर बैंक काटेगा ब्याज, कई खातों से करेगा वसूली, वजह जानकर रह जाएंगे हैरान
Jan Dhan Account News कोरोना ने लोगों को न सिर्फ शारीरिक परेशानी दी है बल्कि आर्थिक रूप से भी उन्हें तोड़ दिया है। बीमारी हो या फिर घर के खर्च चलाने की चिंता लोगों ने अपनी जमा-पूंजी भी लगानी शुरू कर दी है।
बरेली, जेएनएन। Jan Dhan Account News : कोरोना ने लोगों को न सिर्फ शारीरिक परेशानी दी है बल्कि आर्थिक रूप से भी उन्हें तोड़ दिया है। बीमारी हो या फिर घर के खर्च चलाने की चिंता, लोगों ने अपनी जमा-पूंजी भी लगानी शुरू कर दी है। यही कारण है की धड़ल्ले से बैंक खाते से रकम निकाली जा रही है। कई लोगों के खाते तो मिनिमम बैलेंस तक पहुंच गए हैं तो कइयों के इस लाइन को छूने वाले हैं। ऐसे में बैंकों के चार्ज उन्हें और कमजोर बना सकते हैं।
कोरोना संक्रमण बढ़ने के कारण शासन ने कर्फ्यू लगा रखा है। इस कारण तमाम लोगों का काम धंधा बंद हो गया है। लोग घरों से नहीं निकल पा रहे हैं। वही, तमाम परिवार खांसी-जुकाम, बुखार और संक्रमण की चपेट में हैं। बीमारी के कारण लोगों को शारीरिक रूप से नुकसान तो हुआ है साथ ही आर्थिक रूप से भी वह कमजोर पड़े हैं। आलम यह है कि लोग बैंकों में जमा पूंजी से निकालकर गुजारा कर रहे हैं। ऐसे में उनके खातों में बैलेंस कम होता जा रहा है। बीते दिनों बैंकों में हुए ट्रांजेक्शन यह बताते हैं कि इस बीच रुपये की निकासी अधिक हुई है। इस कारण कई लोगों के एकाउंट मिनिमम बैलेंस की ओर पहुंच गए हैं। यहां बता दें कि जिले में बचत खातों की संख्या 47 लाख से अधिक है। इनमें 17 लाख से अधिक खाते प्रधानमंत्री जनधन योजना के हैं।
तिमाही चार्ज वसूलते हैं बैंक
सरकारी व निजी बैंकों में ग्राहकों से मिनिमम बैलेंस चार्ज वसूल किया जाता है। इसके लिए सभी बैंकों ने एक निश्चित धनराशि निर्धारित तय की हुई है। अधिकतर सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में चेकबुक के साथ एक हजार रुपये और बिना चेकबुक लिए पांच सौ रुपये न्यूनतम बैलेंस निर्धारित है। प्राइवेट बैंकों ने यह धनराशि करीब दस हजार रुपये है। सरकारी बैंक पचास रुपये से ढाई सौ रुपये तक तिमाही मिनिमम बैलेंस चार्ज वसूलते हैं, जबकि निजी बैंक ढाई सौ रुपये तक वसूलते हैं।
एसबीआइ ने चार्ज में दी छूट
भारतीय स्टेट बैंक ने कोविड काल को देखते हुए पिछले साल ही अपने ग्राहकों के लिए मिनिमम बैलेंस चार्ज में छूट दे दी थी। उनकी यह छूट इस बार भी चल रही है। इससे एसबीआइ के ग्राहकों को खाते से मिनिमम बैलेंस चार्ज करने का डर नहीं रहेगा। एसबीआइ ने ग्रामीण क्षेत्रों में खाते में एक हजार रुपये, अर्धग्रामीण क्षेत्रों में दो हजार और बड़े शहरों में तीन हजार रुपये खाते में मिनिमम बैलेंस रखना निर्धारित किया है। फिलहाल वह इसका चार्ज नहीं ले रहा है।
शासन देगा आर्थिक मदद तो वह भी कट जाएंगे
कोरोना काल को देखते हुए शासन ने तमाम रेहड़ी कामदारों को एक हजार रुपये उनके खातों में देने की घोषणा की है। इससे पहले ही तमाम लोग खातों से रकम निकाल चुके हैं। कइयों के खातों में बहुत कम बैलेंस बचा है। ऐसे में अगर शासन लोगों को एक हजार रुपये की मदद करती हैं तो सबसे पहले उनके खातों से मिनिमम बैलेंस चार्ज कट जाएगा। इसके बाद बची हुई रकम ही लोगों को मिल पाएगी।
कोरोना के कारण मार्च 2020 तक सभी बैंकों की कंपाइल रिपोर्ट नहीं बन पाई है। इसलिए जिले में कितने खाते कम हुए या बड़े इसकी जानकारी देना संभव नहीं है। ग्राहकों से हर तिमाही मिनिमम बैलेंस चार्ज बैंक वसूलते हैं।- मदन प्रसाद, लीड बैंक मैनेजर
पिछले करीब डेढ़ महीने से लोगों ने अपने खातों से तेजी से निकासी की है। आने वाले समय में कई खातों में मिनिमम बैलेंस बचने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है। सरकार को कोरोना के समय मिनिमम बैलेंस चार्ज की छूट देनी चाहिए। -पीके माहेश्वरी, महासचिव, यूनियन बैंक स्टाफ एसोसिएशन