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IVRI Research : वैज्ञानिक बोले- सहजन, बेल, हल्दी और मीठी नीम से सेहतमंद हो रही मुर्गियां Bareilly News

कोरोना काल में आयुर्वेदिक काढ़ा के सेवन से इंसानों के सेहतमंद होने के वैज्ञानिक दावे खूब हुए। अब मुर्गियां भी आयुर्वेद के जरिये सेहतमंद होंगी।

By Ravi MishraEdited By: Published: Mon, 01 Jun 2020 11:09 AM (IST)Updated: Mon, 01 Jun 2020 05:40 PM (IST)
IVRI Research : वैज्ञानिक बोले- सहजन, बेल, हल्दी और मीठी नीम से सेहतमंद हो रही मुर्गियां Bareilly News
IVRI Research : वैज्ञानिक बोले- सहजन, बेल, हल्दी और मीठी नीम से सेहतमंद हो रही मुर्गियां Bareilly News

बरेली, [अखिल सक्सेना]। कोरोना काल में आयुर्वेदिक काढ़ा के सेवन से इंसानों के सेहतमंद होने के वैज्ञानिक दावे खूब हुए। अब मुर्गियां भी आयुर्वेद के जरिये सेहतमंद होंगी। नवीनतम शोध के अनुसार सहजन का सेवन करने से मुर्गियों की ग्रोथ सही से होती है तो बेल की पत्तियां और हल्दी उनमें रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित करती हैं। ब्रायलर (मांस वाली मुर्गियां) के अलग अलग समूह पर केंद्रीय पक्षी अनुसंधान संस्थान (सीएआरआइ) की ओर से किए गए शोध में यह बात सामने आई है।

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संस्थान के वैज्ञानिकों का कहना है कि सहजन, बेल, हल्दी और मीठी नीम जैसे कई ऐसे हर्बल गुण वाले पौधे हैं, जिनके इस्तेमाल से मुर्गियों की सेहत सुधारी जा सकती है। इनके अलग-अलग इस्तेमाल पर शोध करने का प्रयोग सफल हुआ है। जल्द ही इसका मिश्रण बनाकर भी शोध किया जाएगा। मुर्गी पालकों को इससे बड़ा फायदा मिलेगा।

एंटीबायोटिक का विकल्प बनेगा 

सीएआरआइ में मुर्गियों, गिनी फाउल और बटेर की संख्या करीब 40 हजार के आसपास है। इनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता और ग्रोथ बढ़ाने के लिए दाने में एंटी बायटिक दवाएं देनी होती हैं। इसमें काफी खर्च होता है। पक्षी पोषण एवं आहार प्रौद्योगिकी विभाग की प्रधान वैज्ञानिक एवं प्रमुख अनुदेशक डॉ. दिव्या ने एंटी बायटिक के विकल्प के लिए सात साल पहले शोध शुरू किया था।

रिसर्च के कुछ प्रमुख तथ्य

40 से 50 मुर्गियों के अलग समूह बनाए गए।

एक किलो सोने में 2 प्रतिशत सहजन की पत्तियों का मिश्रण मिलाने पर मुर्गियों की ग्रोथ तेजी से हुई।

एक किलो दाने में डेढ़ से दो प्रतिशत बेल के पत्ते का मिश्रण खिलाने से मुर्गियों की रोग प्रतिरोध क्षमता बढ़ गई।

एक किलो सोने में हल्दी का एक प्रतिशत पाउडर मिलाने से रोग प्रतिरोधक क्षमता में विस्तार हुआ।

एक किलो दाने में भांग का बीज 0.5 प्रतिशत मिलाकर खिलाने से मीट की क्वालिटी अच्छी हुई।

इंसान भी रहेंगे स्वस्थ्य 

संस्थान के मुताबिक ब्रायलर को दाने में एंटी बायटिक मिलाकर देने से हमेशा ही कुछ अंश उसका बना रहता है। इसका मीट खाने से मनुष्यों के शरीर में भी इसका अंश पहुंच जाता था। यह कभी-कभी नुकसान भी कर जाता है। लेकिन अब इस शोध से मनुष्यों को बिना एंटी बायटिक असर वाला चिकन और अंडे खाने को मिलेंगे।

सामान्य तौर पर मुर्गियों की ग्रोथ बढ़ाने के लिए उन्हें वैक्सीन के साथ दाने में एंटीबायोटिक दी जा रही थी। अब संस्थान के वैज्ञानिक ने जो शोध किया है, उसमें सिर्फ हर्बल गुण वाले पौधों की पत्तियों के चूर्ण को खिलाने से रोग प्रतिरोधक क्षमता और ग्रोथ बढ़ने के अच्छे नतीजे आए हैं। अब इन सबके मिश्रण को मिलाकर शोध होगा। - डॉ. संजीव कुमार, कार्यकारी निदेशक, केंद्रीय पक्षी अनुसंधान संस्थान


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