बरेली में बुलेटके कंपनी फिटेड साइलेंसर बदलने वाले आठ लोगों का चालान
बुलेट का साइलेंसर बदलकर ध्वनि प्रदूषण फैलाने वालों के खिलाफ बुधवार को संभागीय परिवहन विभाग प्रवर्तन की ओर से अभियान चलाया गया। इस दौरान आठ बुलेट के चालान किए गए। इसके अलावा हेलमेट सीट बेल्ट पर भी कार्रवाई की गई।
जागरण संवाददाता, बरेली : बुलेट का साइलेंसर बदलकर ध्वनि प्रदूषण फैलाने वालों के खिलाफ बुधवार को संभागीय परिवहन विभाग प्रवर्तन की ओर से अभियान चलाया गया। इस दौरान आठ बुलेट के चालान किए गए। इसके अलावा हेलमेट, सीट बेल्ट पर भी कार्रवाई की गई। आरटीओ प्रवर्तन दिनेश कुमार ने बताया कि आगे भी यह अभियान जारी रहेगा। साइलेंसर बदलकर चलने पर वाहन चालक का ध्वनि प्रदूषण फैलाने की धारा में चालान किया जाता है। 10 हजार रुपये का चालान होता है।
मोडिफाइड साइलेंसर लगी बुलेट मोटर साइकिलों पर हाईकोर्ट के आदेश पर लगातार शिकंजा कसा जा रहा है। परिवहन विभाग, यातायात और क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की संयुक्त टीम सड़कों पर उतरकर अभियान चला रही हैं। अभी तक मोडिफाइड साइलेंसर लगी 20 बुलेट का चालान हुआ है। जबकि दुबारा पकड़े जाने पर वाहन सीज किए जाने की चेतावनी दी गई। कई गुना तेज हो जाती है आवाज
पर्यावरण (संरक्षण) नियम, 1986 के अनुसार, मोटरसाइकिल और स्कूटर्स के लिए अधिकतम ध्वनि सीमा 80 डेसिबल है। फैक्ट्री माडल के स्टाक साइलेंसर में तीन फिल्टर होते हैं जो कम आवाज करते हैं। लेकिन माडिफाइड साइलेंसर के चलते कम से कम 120 डेसिबल की आवाज निकलती है। ऐसे एक्जास्ट सिस्टम को लगाने का खर्च कुछ हजार रुपये होता है। कुछ बुलेट में पटाखों जैसी आवाज करने वाले साइलेंसर भी लगे हैं।
आरटीओ से नहीं स्वीकृत हैं ऐसे बदलाव
एआरटीओ प्रशासन मनोज सिंह ने बताया कि फैक्ट्री माडल में कोई भी बदलाव गैरकानूनी है। अगर रीजनल ट्रांसपोर्ट आफिस से अप्रूवल न लिया गया हो। माडिफाइड साइलेंसर लगाने के लिए कैटलिटिक कनवर्टर हटाना पड़ता है। जबकि यही एक्जास्ट गैसों को फिल्टर करता है ताकि खतरनाक कण वातावरण में न फैल सकें। बीएस-6 उत्सर्जन मानकों का पालन करने के लिए कैटलिटिक कनवर्टर जरूरी है। अगर आप कैटलिटिक कनवर्टर हटवा कर कोई और हाई-परफार्मेंस एक्जास्ट लगवाते हैं तो आपकी गाड़ी बीएस-6 के मानकों पर खरी नहीं उतरती।