Rohilkhand University : अधर में लटकी मार्कशीटों की जांच, रुविवि और बीएसए कार्यालय के बीच फंसा मामला
बीएसए का कहना है कि मार्कशीटें पहले ही भेजी जा चुकी हैं। जबकि विवि अभी भी शिक्षकों की मार्कशीटें न मिलने की बात कर रहा है।
बरेली, जेएनएन। Rohilkhand University : एक ओर शासन फर्जी शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई के लिए मार्कशीटों के सत्यापन पर जोर दे रहा है। दूसरी ओर विभाग और विश्वविद्यालय के बीच सत्यापन की प्रक्रिया ही अटकी हुई है। रुहेलखंड विश्वविद्यालय प्रशासन सत्यापन के लिए परिषदीय स्कूलों के 30 शिक्षकों की मार्कशीट मांग रहा है। वहीं, बीएसए कार्यालय का कहना है कि मार्कशीट तो पहले ही भेजी जा चुकी हैं।
सौ अंक पत्रों का नहीं आया सत्यापन
दरअसल, 72825 शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में चयनित पहले बैच के 257 शिक्षकों की स्नातक, परास्नातक व बीएड की मार्कशीट सत्यापन के लिए वर्ष 2016 में रुहेलखंड विश्वविद्यालय भेजी थी। इनमें से करीब 100 मार्कशीटों का सत्यापन अब तक नहीं आया है।
रुहेलखंड विश्वविद्यालय ने लिया संज्ञान
दैनिक जागरण में बीते दिनों खबर प्रकाशित होने के बाद रुहेलखंड विश्वविद्यालय ने मामले को संज्ञान में लिया। उन्होंने बीएसए से सत्यापन के लिए 30 शिक्षकों की मार्कशीटें मांगी। इस बार बीएसए विनय कुमार ने साफ कहा कि पहले पत्र के साथ में सभी शिक्षकों की मार्कशीटें भेजी गईं थीं।
रिमाइंडर भेजने पर भी शुरु नहीं हो पाई जांच
कई बार रिमाइंडर भी भेजा गया। लेकिन जांच अब तक नहीं हो पाई है। वहीं, परीक्षा नियंत्रक संजीव कुमार सिंह का कहना है कि सत्यापन के समय मार्कशीट नहीं मिली है। मार्कशीट मिलते ही वह जल्द से जल्द सत्यापन कर रिपोर्ट भेजे देंगे।