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बरेली की रबड़ फैक्ट्री की जमीन किसानों से ट्रांसफर कैसे हुई, इसकी छानबीन शुरू

बरेली मंडल के कमिश्नर रणवीर प्रसाद के निर्देश पर कलक्ट्रेट के राजस्व अभिलेखागार में 12 लेखपालों की ड्यूटी लगाई गई है। इस छानबीन का उद्देश्य यह है कि काश्तकारों की जमीन रबड़ फैक्ट्री के नाम कैसे ट्रांसफर हुई थी।

By Samanvay PandeyEdited By: Published: Thu, 26 Nov 2020 05:13 PM (IST)Updated: Thu, 26 Nov 2020 05:13 PM (IST)
बरेली की रबड़ फैक्ट्री की जमीन किसानों से ट्रांसफर कैसे हुई, इसकी छानबीन शुरू
61 साल की खतौनियों को खंगालने के लिए 12 लेखपाल लगाए

बरेली, जेएनएन। रबड़ फैक्ट्री की 1,380 एकड़ जमीन पर आए बांबे हाईकोर्ट के फैसले के बाद बरेली प्रशासन जमीन से संबंधित दस्तावेजों को खंगाल रहा है। कमिश्नर रणवीर प्रसाद के निर्देश पर कलक्ट्रेट के राजस्व अभिलेखागार में 12 लेखपालों की ड्यूटी लगाई गई है। इस छानबीन का उद्देश्य यह है कि काश्तकारों की जमीन रबड़ फैक्ट्री के नाम कैसे ट्रांसफर हुई थी। इस संदर्भ में वर्ष 1959 से अब तक सभी खतौनियों का देखा जा रहा है। 

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बुधवार को कमिश्नर कार्यालय में रबड़ फैक्ट्री की जमीन के स्वामित्व और पुनर्विचार को लेकर बैठक हुई। यह जिलास्तरीय कमेटी गठित होने के बाद पहली बैठक जूम पर हुई। जिसमें बरेली, लखनऊ के अधिकारियों ने मंथन करने किया। इसके बाद एसडीएम सदर विशु राजा ने 12 लेखपालों की ड्यूटी राजस्व अभिलेखागार में लगा दी है। इनमें लेखपाल आस मोहम्मद, उस्मान रजा, अदनान रशीद, विजय पाल साहू, मिही लाल, नारायण दास, जय नारायण, हरिद्वारी लाल, राजीव सक्सेना, शिव शंकर, संजीव गुप्ता और नेत्रपाल शर्मा के नाम शामिल हैं। छानबीन के बाद जमीन के रबड़ फैक्ट्री के पक्ष में हस्तांतरित होने की एक रिपोर्ट कमिश्नर रणवीर प्रसाद के कार्यालय में पेश की जाएगी। एसडीएम सदर विशु राजा ने बताया कि एक रिपोर्ट तैयार हो रही है। 12 लेखपालाें की ड्यूटी खतौनियों की छानबीन के लिए लगाई है।  


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