Bareilly Crematorium News : बरेली में अस्पताल कर्मचारी एंबुलेंस से रात में श्मशान के बाहर डाल जाते हैं शव, बाद में पहुंचते हैं परिवार वाले
Bareilly Crematorium News श्मशान में दर्दनाक मंजर आंखों में आंसुओं का संमुदर और रोते-बिलखते चेहरे हर रोज पहुंच रहे हैं। अस्पताल के कर्मचारियों में जैसे संवेदनहीनता बाकी ही नहीं रह गई है। सुबह को श्मशान का द्वार पर व्यवस्थापकों को लाशों के साथ स्वजनों की सिसकियां मिल रही हैं।
बरेली, जेएनएन।Bareilly Crematorium News : श्मशान में दर्दनाक मंजर, आंखों में आंसुओं का संमुदर और रोते-बिलखते चेहरे हर रोज पहुंच रहे हैं, जिसे देख पत्थर दिल का भी कलेजा दहल जाए। लेकिन, अस्पताल के कर्मचारियों में जैसे संवेदनहीनता बाकी ही नहीं रह गई है। आलम यह है कि सुबह को श्मशान का द्वार पर व्यवस्थापकों को लाशों के साथ स्वजनों की सिसकियां मिल रही हैं।
संजयनगर श्मशान भूमि के पदाधिकारी भगवान के अनुसार सुबह को व्यवस्थापकों को श्मशान के द्वार पर स्वजनों के साथ शव रखे मिलते हैं। स्वजनों से पूछताछ करने पर वे बताते हैं कि अस्पताल वाले एंबुलेंस से आधी रात को शव लेकर उन्हें श्मशान भेज देते हैं। ऐसे में सुबह आठ बजे से उनका अंतिम संस्कार कराना पड़ता है। उनका कहना है कि बिना किसी सूचना के अस्पताल वाले शव को श्मशान न पहुंचाएं। खासातौर पर आधी-रात को।
तीनों श्मशान में जलीं 98 चिताएं
शहर की तीनों ही श्मशान भूमि में रविवार को 98 शवों का अंतिम संस्कार किया गया। संजयनगर श्मशान भूमि में 12 कोविड और 27 सामान्य शवों का अंतिम संस्कार हुआ। सिटी श्मशान भूमि में 40 शवों में 11 शवों की अंत्येष्टि कोविड प्रोटोकॉल से की गई। वहीं गुलाबबाड़ी श्मशान घाट में छह कोविड और 13 सामान्य शवों का अंतिम संस्कार किया गया।