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एयरपोर्ट से मिली उद्योगों को उड़ान, अब गंगा एक्सप्रेस-वे से रफ्तार पकड़ेंगे बरेली के उद्योग

Bareilly Chamber of Commerce बरेली में एयरपोर्ट बनने और हवाई यात्रा शुरू होने से उद्योगों को एक नई उड़ान तो मिल गई लेकिन उद्योगों की स्थापना के लिए अब और जमीन की जरूरत है। उद्योगों को बेहतर तरीके से विकसित करने के लिए औद्योगिक क्लस्टर बनाने की जरूरत है।

By Samanvay PandeyEdited By: Published: Mon, 20 Dec 2021 06:34 AM (IST)Updated: Mon, 20 Dec 2021 06:34 AM (IST)
एयरपोर्ट से मिली उद्योगों को उड़ान, अब गंगा एक्सप्रेस-वे से रफ्तार पकड़ेंगे बरेली के उद्योग
चैंबर आफ कामर्स के नवनिर्वाचित अध्यक्ष अभिनव अग्रवाल ने की बेबाक बात

बरेली, जेएनएन। Bareilly Chamber of Commerce : बरेली में एयरपोर्ट बनने और हवाई यात्रा शुरू होने से बरेली के उद्योगों को एक नई उड़ान तो मिल गई लेकिन उद्योगों की स्थापना के लिए अब और जमीन की जरूरत है। उद्योगों को बेहतर तरीके से विकसित करने के लिए सरकार को औद्योगिक क्लस्टर बनाकर देने की जरूरत है, क्योंकि सीबीगंज और परसाखेड़ा में नये उद्योगों की स्थापना के लिए जगह नहीं है। यह कहना है, सेंट्रल यूपी चैंबर आफ कामर्स एंड इंडस्ट्रीज वेलफेयर एसोसिएशन के नवनिर्वाचित अध्यक्ष अभिनव अग्रवाल का।

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अभिनव का मानना है कि चीन से संबंध खराब होने के बाद देश के उद्योगों में बड़ा बदलाव आया है। अब वक्त की जरूरत के अनुसार सेमी कंडक्टर्स इंडस्ट्री पर काम करने की जरूरत है। ताइवान की टीम भारत में मौजूद है, जिससे बातचीत करके बरेली में इस उद्योग की स्थापना के प्रयास करने होंगे। बोले, एयरपोर्ट की वजह से मुंबई, बंगलौर और दिल्ली अब दूर नहीं है। अब उद्योग धंधे संचालित करना आसान हो गया है। गंगा एक्सप्रेस को लेकर कहा कि इससे बरेली के उद्योगों का ट्रांसपोर्टेशन का खर्चा, समय सब कम होगा, जिससे कच्चा माल लाने और तैयार माल ले जाने में आसानी होगी। पहले हाईवे की हालत खराब होने से दिक्कत होती थी। जिले के परंपरागत जरी जरदोजी को एक छत के नीचे एक उद्योग की तरह स्थापित करने की इच्छा जताई।

नेक्स्ट जेन और ग्रीन एनीशिएटिव पर जोरः चैंबर आफ कामर्स के अध्यक्ष कहा कि उद्योगों की स्थापना के नेक्स्ट जेन टीम बना रहे हैं, जिसमें 35 वर्ष से कम के उद्यमियों शामिल किया गया है, जो आधुनिक उद्योगों पर काम कर सकेंगे। वहीं, ग्रीन एनीशिएटिव के तहत उन्होंने प्रशासन से जमीन मुहैया कराने की अपील की, जिसमें जंगल विकसित किया जा सके।

मंडी शुल्क से दाल उद्योग पर संकटः अभिनव अग्रवाल ने कहा कि मंडी शुल्क फिर से लागू होने की वजह से दाल उद्योग पर संकट के बादल छाने लगे हैं। बरेली में दाल का बड़ा काम होता है। इसे लेकर सरकार को राहत देनी चाहिए।


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