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Indian Railways Foundation Day : बुलेट ट्रेन तक पहुंचा स्टीम इंजन की छुकछुक से शुरू हुआ सफर, जानें भारतीय रेल का इतिहास

Indian Railways Foundation Day उम्र 168 साल लेकिन सेवा का जज्बा बेमिसाल। इतनी उम्र के बावजूद कभी न थकी न रुकी।ये है अपनी भारतीय रेल।पिछले वर्ष भले ही मानवता के हित में यात्री ट्रेनों के पहिये थमे पर माल ढुलाई जारी रही।

By Samanvay PandeyEdited By: Published: Fri, 16 Apr 2021 09:10 AM (IST)Updated: Fri, 16 Apr 2021 09:10 AM (IST)
Indian Railways Foundation Day : बुलेट ट्रेन तक पहुंचा स्टीम इंजन की छुकछुक से शुरू हुआ सफर, जानें भारतीय रेल का इतिहास
उम्र 168 साल, फिर भी दिनोंदिन जवां हो रही भारतीय रेल, जल्द बुलेट ट्रेन में सफर कराएगी भारतीय रेलवे।

बरेली, (अंकित शुक्ला)। Indian Railways Foundation Day  : उम्र 168 साल, लेकिन सेवा का जज्बा बेमिसाल। इतनी उम्र के बावजूद कभी न थकी न रुकी।ये है अपनी भारतीय रेल।पिछले वर्ष भले ही मानवता के हित में यात्री ट्रेनों के पहिये थमे, पर माल ढुलाई जारी रही। भाप के इंजन से शुरू हुआ सफर आज बुलेट ट्रेन तक पहुंचने वाला है। तमाम हेरिटेज व डीलक्स ट्रेनों के जरिये रेलवे ने सेवा एवं सुविधा के नए प्रतिमान स्थापित किए हैं। कहना गलत न होगा कि भारतीय रेल दिनोंदिन जवां हो रही है।

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16 अप्रैल 1853 को देश में पहली यात्री रेलगाड़ी मुंबई में बोरी बंदर से ठाणे तक चली थी। 14 डिब्बों वाली रेलगाड़ी को 21 तोपों की सलामी दी गई थी और इसमें 400 यात्रियों ने यात्रा की थी। इसे तीन लोकोमोटिव सिंधु, साहिब और सुल्तान (इंजन) से चलाया गया था। इसने 34 किमी का सफर तय किया था। भारतीय रेलवे वर्तमान में सेमी बुलेट ट्रेन के प्रोजेक्ट पर काम कर रहा है, जो 160 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से दौड़ेगी।

14 अप्रैल 1952 को हुई थी उत्तर व पूर्वोत्तर रेलवे की स्थापना

उत्तर व पूर्वोत्तर रेलवे की स्थापना 14 अप्रैल 1952 को हुई थी। पूर्वोत्तर रेलवे पहले तिरहुत रेलवे के नाम से जाना जाता था। कभी छोटी लाइनों के नाम से प्रसिद्ध यह रेलवे अब लगभग ब्राडगेज में परिवर्तित हो गया है। बरेली जंक्शन, उत्तर रेलवे के मुरादाबाद व पूर्वोत्तर रेलवे के इज्जतनगर मंडल का प्रतिनिधत्व करता है। 125 जोड़ी ट्रेनें सामान्य दिनों में उत्तर रेलवे तो 30 जोड़ी ट्रेनें पूर्वोत्तर रेलवे की यहां से चलती है। यहां के एक से चार प्लेटफार्म मुरादाबाद मंडल तो पांच व छह नंबर प्लेटफार्म इज्जतनगर मंडल में आते हैं।

सैकड़ो वर्षों का इतिहास समेटे है इज्जतनगर मंडल

सैकड़ों वर्षो का इतिहास समेटे पूर्वोत्तर रेलवे का इज्जतनगर मंडल उत्तर प्रदेश के कई जिलों के साथ ही उत्तराखंड को भी जोड़ता है। बरेली, पीलीभीत, शाहजहांपुर, बदायूं, कासगंज, मथुरा, फर्रुखाबाद, एटा, कन्नौज, कानपुर, कानपुर देहात, टनकपुर, काठगोदाम समेत उत्तराखंड के कई जिलों एवं शहरों को जोडऩे वाला मीटरगेज अब ब्राडगेज में बदल चुका है।

1906 में शुरू हुआ था संचालन

पूर्वोत्तर रेलवे के 88 स्टेशन परिक्षेत्र वाले इज्जतनगर मंडल से 1906 में ट्रेनों का संचालन शुरू हुआ था। मीटरगेज पर ट्रेनें दौड़ाने वाले इस रेल मंडल ने पीलीभीत- मैलानी और शाहजहांपुर-पीलीभीत रूट को छोड़कर 2018 तक अन्य रूटों को ब्राडगेज में परिवर्तित कर दिया था। 2021 में ये दोनों रूट भी ब्राडगेज होने के बाद मीटरगेज लाइन इतिहास में दर्ज हो जाएगी। इज्जतनगर मंडल के जनसंपर्क अधिकारी राजेंद्र सिंह ने बताया कि समय के साथ रेलवे ने बदलाव किया है। भाप के इंजन से शुरू हुआ सफर अभी इलेक्ट्रानिक इंजन तक पहुंच चुका है। जल्द ही बुलेट ट्रेन में भी लोग सफर कर सकेंगे।


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