बरेली RPF के रडार पर निजी आइडी से 117 रेलवे टिकट बनाने वाले, 1200 लोगों की सूची में शामिल है बरेली के 117 लोग
Indian Railways ट्रेनों का संचालन जब पटरी पर आया तो कैफे संचालकों की बल्ले-बल्ले होने लगी। पर्सनल आइडी पर टिकट बेचने के मामले लगातार तेज होने लगे। इससे आइआरसीटीसी (इंडियन कैटरिंग एंड टूरिज्म कारपोरेशन) को नुकसान होने लगा।
बरेली, जेएनएन। Indian Railways : ट्रेनों का संचालन जब पटरी पर आया तो कैफे संचालकों की बल्ले-बल्ले होने लगी। पर्सनल आइडी पर टिकट बेचने के मामले लगातार तेज होने लगे। इससे आइआरसीटीसी (इंडियन कैटरिंग एंड टूरिज्म कारपोरेशन) को नुकसान होने लगा। आइआरसीटीसी ने सक्रियता दिखाना शुरू कर दी। बरेली, मुरादाबाद,रामपुर,शाहजहांपुर, बदायूं, पीलीभीत आदि जिलों में हर रोज सैकड़ों की संख्या में पर्सनल आइडी से टिकट जारी किए जा रहे हैं। जिसको देखते हुए आइआरसीटीसी की रिपोर्ट पर बड़ौदा आफिस ने जांच के निर्देश दिए हैं। बड़ौदा हाउस को मिली लिस्ट में कुल 1200 निजी आइडी है। जिसमें बरेली के 117 कैफे संचालक है। जो कि अब रेलवे इंटेलिजेंस और आरपीएफ के रडार पर हैं।
रेल अधिकारियों का कहना है, आइआरसीटीसी ने अपनी समीक्षा रिपोर्ट तैयार की। जिसमें बड़ी संख्या में पर्सनल आइडी पर टिकट बिक्री का खुलासा हुआ। कोरोना संक्रमण के बाद धीरे-धीरे ट्रेनों का संचालन पटरी पर आने लगा। इसी बीच कैफे संचालकों ने भी चांदी काटनी शुरू कर दी। पर्सनल आइडी पर रेलवे के टिकट बेचे जाने लगे। स्पेशल ट्रेनों में कंफर्म टिकट वालों की एंट्री है। इसलिए कैफे वाले दोगुनी कीमत टिकट की लेने लगे। जब आइआरसीटीसी को नुकसान होने लगा। तब आइआरसीटीसी ने पर्सनल आइडी पर टिकट बिक्री का रिकार्ड खंगालना शुरू किया। एक-एक दिन में 35 से 40 टिकट जारी होने की पुष्टि हुई। जैसे ही आरपीएफ रेलवे इंटेलिजेंस को रेल टिकट बिक्री के सबूत मिलेंगे तुरंत ही गिरफ्तार कर जेल भेज दिया जाएगा। ट्रैकिंग एप के माध्यम से आरपीएफ गली मुहल्लों के कैफे तक पहुंचती है।
पर्सनल आइडी पर रेल टिकट बेचने के मामले में कई कार्रवाई जल्द में की गई हैं। कई कैफे संचालकों की जांच पड़ताल की जा रही है। रेल बोर्ड के निर्देश पर टिकट दलाली करने वालों के खिलाफ अभियान के तौर पर कार्य किया जा रहा है। हर क्षेत्र में आरपीएफ की टीमें कैफे संचालकों की निगरानी कर रही हैं। - विपिन कुमार शिशौदिया, आरपीएफ प्रभारी निरीक्षक जंक्शन