Indian Railway : बरेली - मुरादाबाद सेक्शन में ई टिकट आरक्षण रैकेट ने पर्सनल आइडी से किया फर्जीवाड़ा, जानिए कितनी आईडी से बुक किए ई टिकट
Indian Railway E-Ticket Forgery News ट्रेन में आरक्षित सीट की अनिवार्यता हुई तो ई टिकट आरक्षण रैकेट ने मुनाफे के लिए बुकिंग में फर्जीवाड़ा कर दिया। बरेली-मुरादाबाद सेक्शन में 136 ऐसी पर्सनल आइडी से ई टिकट बुक कर रेल यात्रा करा दीं।
बरेली, जेएनएन। Indian Railway E-Ticket Forgery News : ट्रेन में आरक्षित सीट की अनिवार्यता हुई तो ई टिकट आरक्षण रैकेट ने मुनाफे के लिए बुकिंग में फर्जीवाड़ा कर दिया। बरेली-मुरादाबाद सेक्शन में 136 ऐसी पर्सनल आइडी से ई टिकट बुक कर रेल यात्रा करा दीं। इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म (आइआरसीटीसी) ने ऐसी आइडी को ट्रेस कर चिन्हित किया। अब रेलवे पुलिस बल (आरपीएफ) इन आइडी संचालकों की तलाश में जुटा है। अब तक तीन लोगों को पकड़ा जा चुका है, जिनमें दो बरेली और एक पीलीभीत के हैं।
लॉकडाउन के बाद एक जुलाई से रेलवे ने स्पेशल ट्रेनों का संचालन शुरू किया था। अभी तक केवल आरक्षित टिकट पर ही यात्रा की अनुमति दी गई। ऐसे में आरक्षण कराने वाले ज्यादा पैसे देने को भी तैयार रहते थे, ऐसे में आरक्षण रैकेट सक्रिय हो गया। उसने कई मेल आइडी तैयार कर टिकट बुक कर दीं। आइआरसीटीसी को कुछ आइडी पर शक हुआ तो पहचान की गई।
कुल 136 आइडी ऐसी निकलीं, जिनमें एक-एक मोबाइल नंबर कई-कई पर प्रयोग किया जा रहा था। इनसे टिकट बुक किए जा रहे थे। नियमानुसार कोई शख्स अपना ऑनलाइन अकाउंट खोलकर महीने में छह टिकट ही बुक करा सकता है। इसके बाद अगली छह टिकट आधार कार्ड का नंबर वेबसाइट पर बने अकाउंट में जोड़ना होता है ताकि तस्दीक रहे कि अधिक टिकट कौन बनवा रहा है। पर्सनल आइडी धारक अपनी या रक्तसंबंधी के टिकट ही बनवा सकते हैं।
इसलिए किया गया फर्जीवाड़ा
पर्सनल आइडी के अलावा अधिकृत एजेंट टिकट बुक करा सकते हैं। यदि एजेंट आइआरसीटीसी के जरिये ऑनलाइन टिकट बुक करते हैं तो एसी कोच की एक सीट पर 35 व नॉन एसी सीट पर 17 रुपये सर्विस चार्ज देना होता है। पर्सनल आइडी पर ये शुल्क नहीं देना होता। बरेली के आरपीएफ थाना प्रभारी निरीक्षक विपिन कुमार शिशौदिया का कहना है कि इस तरह बुकिंग से आइआरसीटीसी को आर्थिक नुकसान पहुंचता है।
इसलिए हो रही जांच
निगरानी के दौरान आइआरसीटीसी को पता चला कि 136 आइडी में कई ऐसी हैं, जिनमें एक ही मोबाइल नंबर या आधार कार्ड संख्या फीड है। इनसे चार माह तक 30-75 तक टिकट बुक किए गए। कुछ आइडी से टिकट कैफे से बनवाए गए हैं।
तीन साल की सजा व दस हजार जुर्माने का प्रविधान
गलत तरीके से टिकट बेचने वाले दलालों पर रेलवे एक्ट की धारा 143 के तहत तीन साल कैद और 10 हजार रुपये जुर्माने का प्रविधान है।
मंडलीय साइबर सेल ने किए चिह्न्ति
आरपीएफ (रेलवे सुरक्षा बल) की मंडलीय साइबर सेल ने 13 ऐसे लोगों को चिह्न्ति किया है, जो पर्सनल आइडी पर ई-रेल टिकट बनाकर बेच रहे हैं। उनके खिलाफ आरपीएफ थाने में मार्च के अंत में मुकदमे दर्ज हुए हैं। इनमें हापुड़, बुलंदशहर, गढ़मुक्तेश्वर क्षेत्र के लोग सर्वाधिक हैं। सहायक सुरक्षा आयुक्त एपी सिंह ने बताया कि सभी के खिलाफ जांच कर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
एक सप्ताह पहले ऐसी 136 निजी आइडी की जानकारी मिली। इनसे ई टिकट बुक करने वालों की तलाश की जा रही है। जांच के बाद जल्द गिरफ्तारी की जाएगी। - विपिन कुमार शिशौदिया, आरपीएफ प्रभारी निरीक्षक