बरेली में दर्दनाक हादसा देख कांपे लोग, चलती ट्रेन के आगे दौड़ लगा रहे थे दो युवक
Indian Railways किला नदी पुल पर बने रेलवे ट्रैक पर घूम रहे दो युवक इलेक्ट्रिक इंजन के हार्न देने पर साइड होने की जगह रेलवे ट्रैक पर उसके आगे दौड़ने लगे। देख रहे लोगों के चिल्लाने पर भी दोनों ट्रैक से किनारे नहीं हुए।
बरेली, जेएनएन। Indian Railways: किला नदी पुल पर बने रेलवे ट्रैक पर घूम रहे दो युवक इलेक्ट्रिक इंजन के हार्न देने पर साइड होने की जगह रेलवे ट्रैक पर उसके आगे दौड़ने लगे। देख रहे लोगों के चिल्लाने पर भी दोनों ट्रैक से किनारे नहीं हुए। लिहाजा दोनों युवक इंजन की चपेट में आ गए। जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई। गेटमैन राहुल ने मामले की जानकारी कंट्रोल को दी। सूचना पर पहुंची आरपीएफ व किला थाना की पुलिस ने शवों की शिनाख्त कर उनके स्वजनों को घटना की जानकारी दी।किला नदी पर बने रेलवे पुल पर शाम साढ़े चार बजे बाकरगंज निवासी शारिक व अफरोश पैदल टहल रहे थे। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि इसी बीच आए इलेक्ट्रिक रेलवे इंजन ने हार्न देना शुरू कर दिया।
दोनों युवक अचानक इंजन को आता देख घबरा गए और इंजन के आगे ही दौड़ लगाने लगे। इंजन के लोको पायलट द्वारा लगातार हार्न देने के बाद भी दोनों रेलवे ट्रैक पर ही दौड़ते रहे। जिसके चलते वह इंजन की चपेट में आ गए और मौके पर ही दोनों की मौत हो गई। गेटमैन राहुल ने हादसे की जानकारी रेलवे कंट्रोल को दी। वहीं क्षेत्रीय लोगों ने मामले की जानकारी किला पुलिस को दी। सूचना पर पहुंची आरपीएफ व किला पुलिस ने शव की शिनाख्त की। किला चौकी प्रभारी रजनीश कुमार ने बताया कि शारिक टेंपो चालक व अफरोश कार मैकेनिक था। दोनों शाम को टहलने के लिए घर से निकले थे। नदी पुल पर इलेक्ट्रिक इंजन की चपेट में आने से दोनों की मौत हो गई।
अधिकांश क्षेत्रीय रोजाना घूमते हैं रेलवे ट्रैक पर
बाकरगंज क्षेत्र के अधिकांश लोग शाम को रेलवे ट्रैक पर घूमना पसंद करते है। जहां टहलने के लिए रेलवे सुरक्षा बल द्वारा कई बार एनाउंस करके भी मना किया गया। जबकि सिविल पुलिस ने भी कई बार लोगों को समझाया। इसके बाद भी लोग नहीं माने।
पुल से छलांग लगाते तो शायद बच जाती जान
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक जिस समय इलेक्ट्रिक इंजन हार्न दे रहा था। दोनों युवक इंजन के आगे-आगे दौड़ने की जगह अगर साइड हो जाते या किला नदी में छलांग लगा देते तो शायद उनकी जान एक बार बच सकती थी। नदी में इन दिनों पानी होने से चोट लगने के कम चांस थे।