अमेरिका में कंपनी बनाने वाले शाहजहांपुर के इस आइआइटियन के दिल में धड़कता है 'गणित का सॉफ्टवेयर'
क्रांति धरा से निकले आइआइटियन ने अमेरिका में साफ्टवेयर कंपनी बनाई। इसके बाद उनके दिल में धड़क रहे गणित के साफ्टवेयर ने उन्हें एक और क्रांति के लिए विवश किया। वह देश में गणित की शिक्षा की तस्वीर बदलने में अहम भूमिका चाहते हैं।
बरेली, अंकित शुक्ला। क्रांति धरा से निकले आइआइटियन ने अमेरिका में साफ्टवेयर कंपनी बनाई। इसके बाद उनके दिल में धड़क रहे 'गणित के साफ्टवेयर' ने उन्हें एक और क्रांति के लिए विवश किया। वह देश में गणित की शिक्षा की तस्वीर बदलने में अहम भूमिका चाहते हैं। तीन साल पहले उन्होंने अपनी मातृभूमि शाहजहांपुर से इसका शुभारंभ किया। वर्ष 2019 में नेशनल गर्ल्स स्कूल में कंप्यूटर लगाकर निश्शुल्क आनलाइन गणित की शिक्षा देना शुरू किया। अब प्रदेश के चार जिलों में उनके एक दर्जन से अधिक केंद्र संचालित हो रहे हैं। इनमें हजारों छात्र-छात्राएं गणित की निश्शुल्क शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। इस मिशन को वह प्रदेश के 50 जिलों तक ले जाना चाहते हैं।
शाहजहांपुर के सिविल लाइंस गांधी कालोनी में जन्मे राजीव अग्रवाल ने 1985 में आइआइटी खड़गपुर से बीटेक के बाद अमेरिका चले गए। वहां आयोवा स्टेट यूनिवर्सिटी से परास्नातककी डिग्री हासिल की। यूनीवर्सिटी आफ मिशिगन से एमबीए किया। माइकासाफ्ट कारपोरेशन में सात वर्ष जाब किया। वर्ष 2000 में खुद की साफ्टवेयर कंपनी एमएक्यू खोली। इसके जमने के बाद भारत के छाट शहरों के संसाधनहीन बच्चों के लिए उन्होंने फाउंडेशन फार एक्सीलेंस की स्थापना की।
अमेरिका की प्रतिष्ठित खान एकेडमी को सहयोगी बनाकर शाहजहांपुर के नेशनल गर्ल्स इंटर कालेज में पहला आनलाइन शिक्षण केंद्र स्थापित किया। इसमें गणित सीखने वालों की संख्या तेजी से बढ़ी। तीन वर्ष से भी कम समय में प्रदेश के चार जिलों में एक दर्जन से अधिक केंद्र खोलकर हजारों बच्चों को निश्शुल्क गणित की शिक्षा प्रदान कर रहे हैं। यह बच्चे कक्षा एक से हाईस्कूल तक के हैं।
हैदराबाद से होती मानीटरिंग: इन केंद्रों की मानीटरिंग के लिए उन्होंने हैदराबाद में केंद्र बनाया है। हर केंद्र की देखरेख के लिए तीन लोग नियुक्त हैं। उनके वेतन, इंटरनेट आदि का खर्च वह स्वयं वहन करते हैं। कंप्यूटर केंद्र में प्रतिदिन बच्चों की हाजिरी लगती है।
गणित में बच्चे कमजोर, इसलिए इसे चुना: राजीव के अनुसार छोटे शहरों में पढ़ाई की ज्यादा सुविधा नहीं हैं। गणित का ट्यूशन या कोचिंग के लिए बच्चों को महंगी फीस देनी पड़ती है। ऐसे में आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों को निश्शुल्क गणित की शिक्षा उपलब्ध कराते हैं।
नोएडा में 250 करोड के निवेश की तैयारी: देश के युवाओं को रोजगार का अवसर उपलब्ध कराने के लिए आइटी में भी निवेश करने की तैयारी में हैं। हाल ही में उन्होंने नोएडा के सेक्टर 145 में 16.350 वर्ग मीटर का प्लाट लिया है। यहां 250 करोड़ के निवेश से आइटी कंपनी की स्थापना करेंगे। इसमें 2500 युवाओं को रोजगार मिलेगा। इसका भूमि पूजन भी हो चुका है।
साल में आते हैं सभी लोगः राजीव के पिता अधिवक्ता राजेंद्र शरण अग्रवाल बताते हैं कि राजीव व उनकी इंजीनियर पत्नी अर्पिता अपने दी बच्चों के साथ साल में एक बार घर जरूर आते हैं।