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Coronavirus से बचाएगी भारतीय संस्कृत‍ि, अपनानी होगी नमस्कार की परंपरा Bareilly News

दुनिया भर में दहशत फैलाने वाले कोरोना वायरस से भारतीय संस्कृति के जरिए बचाव किया जा सकता है। ये सुनने में शायद अापको अजीब लगे लेकिन...

By Ravi MishraEdited By: Published: Fri, 07 Feb 2020 09:08 PM (IST)Updated: Fri, 07 Feb 2020 09:08 PM (IST)
Coronavirus से बचाएगी भारतीय संस्कृत‍ि, अपनानी होगी नमस्कार की परंपरा Bareilly News
Coronavirus से बचाएगी भारतीय संस्कृत‍ि, अपनानी होगी नमस्कार की परंपरा Bareilly News

जेएनएन, बरेली : दुनिया भर में दहशत फैलाने वाले कोरोना वायरस से भारतीय संस्कृति के जरिए बचाव किया जा सकता है। ये सुनने में शायद अापको अजीब लगे, लेकिन आइवीआरआइ में शिरकत करने आए राजीव गांधी सुपर स्पेशिएलिटी हॉस्प‍िटल के निदेशक व इंडियन ऐसो‍स‍िएशन आॅफ माइक्रोबायोलॉज‍िस्ट के अध्यक्ष प्रो. बीएल शेरवाल ने इस बात को स्पष्ट किया कि नमस्कार की संस्कृति अपनाकर इस वायरस की चपेट में आने से बहुत हद तक बचा जा सकता है। इससे बचाव के लिए हाथ मिलाने की संस्कृत‍ि से दूर रहना होगा। उनका कहना है क‍ि सिर्फ सतर्कता से ही कोरोना वायरस से बचाव किया जा सकता है। 

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हाथ मिलाने की संस्कृत‍ि से फैलती है बीमारियां

इंसानों में फैलने वाली ज्यादातर बीमारियां हवा और हाथ मिलाने के ज‍‍र‍िए फैलती है, क्योंक‍ि इंसान अध‍िकतर खांसते या छींकते वक्त मुंह पर हाथ रख लेता है। जब‍क‍ि उसे रुमाल का प्रयोग करना चाहि‍ए। इसके अलावा शौच क्रिया में प्रयोग करने वाले हाथों का सही तरीके से न धोना और उसी हाथ का प्रयोग खाने में करना भी एक कारण है। पोल‍ियो का वायरस(पाॅलीवायरस) भी ऐसे ही फैलता है। इंसानों में फैलने वाली संक्रामक बीमारियां सांस लेने के जरिए फैलती है।

साइलेंट किलर रोगो से बचाता है प्रो बॉयोटिक  

चिक‍ित्सा जगत में ब्लडप्रेशर और डायब‍िटीज जैसे रोग साइलेंट किलर के नाम से जाने जाते है। जो कई बीमारियों को उत्पन्न करते है। डायब‍िटीज को दही से रोका जा सकता है। क्योंकि दही में प्रचुर मात्रा में प्रो बायोट‍िक पाया जाता है। जो प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ा देता है। इन बीमारियों को साइलेंट किलर इसलिए कहा जाता है क्योंकि इन बीमारियों के घटने और बढ़ने की जानकारी आसानी से नहीं मिल पाती। ये बीमारियां शरीर के महत्वपूर्ण अंगों जैसे दिल, दिमाग, लीवर, किडनी आदि पर अपना प्रतिकूल प्रभाव डालती है। 

WHO की गाइडलाइन के अनुसार धुले हाथ 

व‍िषाणु से फैलने वाली बीमारियों से बचाव के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अपनी गाइडलाइन जारी की है। जिसके अनुसार व्य‍क्त‍ि को 20 से 50 सेेकेंड तक हाथों को धुलना चाहिए। विशेषज्ञों के अनुसार अगर सेनेटाइजर या फ‍िर लिक्व‍िड साबुन का प्रयोग करते है, तो 20 से 30 सेकेंड का समय ही पर्याप्त है, लेकिन  सालिड साबुन से कम से कम 40 से 50 सेकेंड तक हाथ धाेना चाह‍िए। हाथों को धोने के बाद नल को पेपर नेप‍क‍िन या फ‍िर कागज आदि के जरिए बंद करना चाहिए।  


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